
हमारे में सौ कमियां हो सकते है, लेकिन हमारी नीयत में खोट नहीं है। इरादे में कोई कमी नहीं है। उपराज्यपाल ने सोमवार को अपने अभिभाषण में कई समस्याओं की तरफ इशारा किया है।
इसके अलावा भी दिल्ली के कई ज्वलंत मुद्दे है जिसका समाधान होना चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव की की चर्चा में उठाए गए मुद्दे का जवाब अरविंद केजरीवाल ने कुछ इसी अंदाज में दिया।
सदन में मंगलवार को दोपहर दो बजे से शाम के करीब 8 बजे तक दिल्ली के उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चली। छह घंटे तक चली सदन की कार्यवाही में कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा साथ ही कई सुझाव भी दिए।
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दोनों मुख्य पार्टियों ने सरकार के वादे पर सवाल उठाया और रोड मैप नहीं बताने की बात सदन को बताते रहे। सत्ता पक्ष से एक भी विधायक ने चर्चा में भाग नहीं लिया।
सत्ता पक्ष सिर्फ कांग्रेस और भाजपा नेताओं की कटाक्ष और सुझाव को सुनता रहा।
निर्धारित समय से दो घंटे ज्यादा चली सदन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रात 7:50 बजे चर्चा का जवाब देने उठे। करीब साढ़े पांच घंटे की चर्चा में उठे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री ने महज महज 6 मिनट में समेट दिया।
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उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने रचनात्मक सुझाव दिए है, कई सदस्यों ने कटू और कई सदस्यों ने और कटु सुझाव पेश किए। सभी सुझाव को मैने नोट किया है।
सदन की कार्यवाही में सार्थक चर्चा हुई। विधानसभा के सदस्यों से उन्होंने कहा कि हमे आप अपना मानते हुए सोने का मौका नहीं दीजिएगा। स्वराज बिना बात से नहीं हो सकता।
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आपके सभी सुझाव पर हमलोग तामिल करेंगे। हमारी कमियों को गिनवाते रहने की आवश्यकता है।
दिल्ली के डेढ़ करोड़ जनता तो बाद में पहले सदन के सभी 70 लोगों की आत्मा से आत्मा तो मिले, हम तो सिर्फ 28 सदस्य ही है। मुख्यमंत्री के छोटे से भाषण को लेकर भाजपा विधायकों ने सवाल भी उठाए।
उनका कहना था कि नियम यह है कि सदन के नेता उठाए गए प्रश्नों का जवाब दें। फिर सदन के अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
इसके अलावा भी दिल्ली के कई ज्वलंत मुद्दे है जिसका समाधान होना चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव की की चर्चा में उठाए गए मुद्दे का जवाब अरविंद केजरीवाल ने कुछ इसी अंदाज में दिया।
सदन में मंगलवार को दोपहर दो बजे से शाम के करीब 8 बजे तक दिल्ली के उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चली। छह घंटे तक चली सदन की कार्यवाही में कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा साथ ही कई सुझाव भी दिए।
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दोनों मुख्य पार्टियों ने सरकार के वादे पर सवाल उठाया और रोड मैप नहीं बताने की बात सदन को बताते रहे। सत्ता पक्ष से एक भी विधायक ने चर्चा में भाग नहीं लिया।
सत्ता पक्ष सिर्फ कांग्रेस और भाजपा नेताओं की कटाक्ष और सुझाव को सुनता रहा।
निर्धारित समय से दो घंटे ज्यादा चली सदन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रात 7:50 बजे चर्चा का जवाब देने उठे। करीब साढ़े पांच घंटे की चर्चा में उठे सवालों का जवाब मुख्यमंत्री ने महज महज 6 मिनट में समेट दिया।
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उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने रचनात्मक सुझाव दिए है, कई सदस्यों ने कटू और कई सदस्यों ने और कटु सुझाव पेश किए। सभी सुझाव को मैने नोट किया है।
सदन की कार्यवाही में सार्थक चर्चा हुई। विधानसभा के सदस्यों से उन्होंने कहा कि हमे आप अपना मानते हुए सोने का मौका नहीं दीजिएगा। स्वराज बिना बात से नहीं हो सकता।
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आपके सभी सुझाव पर हमलोग तामिल करेंगे। हमारी कमियों को गिनवाते रहने की आवश्यकता है।
दिल्ली के डेढ़ करोड़ जनता तो बाद में पहले सदन के सभी 70 लोगों की आत्मा से आत्मा तो मिले, हम तो सिर्फ 28 सदस्य ही है। मुख्यमंत्री के छोटे से भाषण को लेकर भाजपा विधायकों ने सवाल भी उठाए।
उनका कहना था कि नियम यह है कि सदन के नेता उठाए गए प्रश्नों का जवाब दें। फिर सदन के अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
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