Wednesday, January 8, 2014

NRI में भी केजरीवाल हिट, मोदी-राहुल को दी पटखनी

kejriwal more popular in nri compare modi and rahul
युवा प्रवासी भारतीय न केवल भारत की राजनीति में बल्कि यहां की अर्थव्यवस्था में गहरी दिलचस्पी रखते हैं।

भारत में विकराल होती भ्रष्टाचार की समस्या इन्हें भी आम युवा भारतीयों की तरह निराश और नाराज करती है। इन युवाओं में भी अलग-अलग कारणों से नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल का क्रेज है।

किसी को मोदी की आक्रामकता पसंद है तो कोई राहुल के सौम्य व्यवहार का मुरीद है। इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे युवा प्रवासी भी हैं, जो भारत में विकल्प की राजनीति पेश करने वाले अरविंद केजरीवाल के प्रशंसक हैं।

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नेतृत्व कुशलता के सवाल पर भले ही प्रवासी युवाओं की राय अलग-अलग हैं, मगर भारत की अर्थव्यवस्था के लगातार मजबूत होने और भारत के जल्दी ही आर्थिक शक्ति बनने में किसी को कोई संदेह नहीं है।

युवा प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने के मकसद से प्रवासी भारत सम्मेलन में बड़ी संख्या में इस वर्ग के युवाओं को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में भाग लेने वाले आधे से अधिक युवा प्रवासी पहली बार भारत आए हैं।

केपटाउन में जन्मी और मूल रूप से गुजरात की रहने वाली रक्षा गोसाई को मोदी में अद्भुत नेतृत्व क्षमता दिखती है।

रक्षा गोसाई के मुताबिक भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था है। ऐसे में इसे तेजी से आगे ले जाने के लिए मोदी जैसे करिश्माई नेतृत्व की जरूरत है।

बकौल गोसाई मोदी ने गुजरात में विकास के पैमाने पर कई प्रयोग कर अपनी बेहतर नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।

हालांकि डरबन से आई देशिका मोडेली को आम आदमी पार्टी और इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल में बेहतर संभावना दिखती है।

मुख्य समस्या भ्रष्टाचार
मोडेली कहती हैं कि भारत की मुख्य समस्या भ्रष्टाचार है और केजरीवाल ही देश को इस समस्या से राहत दिलाने वाला नेतृत्व दे सकते हैं।

फिजी से आए क्रिथनेड सिंह की भी केजरीवाल में दिलचस्पी है और वह भारतीय राजनीति में आप के आगमन को शुभ संकेत करार देते हैं। ब्रिटेन से आए राहुल अग्रवाल भी ऐसा ही मानते हैं।

मॉरीशस से आए छाया लाल बिहारी और आइशा देवी को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में बेहतर नेतृत्व क्षमता दिखती है।

आइशा कहती हैं कि राहुल को अगर मौका मिले तो वह आर्थिक क्षेत्र में देश को तरक्की की राह पर ले जा सकते हैं।

वहीं छाया लाल राहुल के व्यवहार कुशल होने के प्रशंसक हैं। बकौल छाया लाल राहुल को आगे बढ़ कर नेतृत्व करने की जरूरत है।

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