Friday, January 3, 2014

दस म‌िनट में पढ़‌िए दस बड़ी खबरें

दस म‌िनट में पढ़‌िए आज की दस बड़ी खबरें

मोदी को विनाशकारी कहने पर प्रधानमंत्री पर बिफरी बीजेपी

मोदी को विनाशकारी कहने पर प्रधानमंत्री पर बिफरी बीजेपी

बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर चौतरफा हमला बोल दिया है और उनको घेरने की कवायद शुरू कर दी है। पीएम ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में मोदी पर निशाना साधा था।

अरुण जेटली ने जवाबी प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मनमोहन सिंह के कार्यकाल को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि मनमोहन के राज में बेरोजगारी बढ़ गई।

मोदी पर मनमोहन ने जो बयान दिया था उस पर जेटली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी शब्दावली आपत्तिजनक थी।
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अपनी मूर्ति लगवाने को अन्ना ने मांगी राजनाथ से मदद

Anna hazare seek help of rajnath singh
जनलोकपाल के लिए अनशन कर आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने हरियाणा के गुड़गांव में अपनी मूर्ति लगाए जाने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मदद मांगी है।

अन्ना हजारे ने राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि गुड़गांव के भाजपा नेता उनकी मूर्ति लगवाने में अड़ंगा डाल रहे हैं। इसलिए राजनाथ इस मामले में हस्तक्षेप करें।

दरअसल अन्ना हजारे के समर्थक गुड़गांव में उनकी मूर्ति लगवाना चाहते हैं जिसमें हरियाणा भाजपा के एक नेता अड़ंगा डाल रहे हैं।

चिट्ठी के मुताबिक भाजपा नेता ने अन्ना समर्थकों के खिलाफ झूठी शिकायत कर उन्हें गिरफ्तार तक करवा दिया है।अन्ना की इस चिट्ठी के साथ ही उनके समर्थकों ने भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की है।

अन्ना हजारे ने राजनाथ सिंह को चिट्ठी में लिखा है कि हालांकि वह मूर्ति लगवाने के पक्ष में तो नहीं है लेकिन उनके समर्थक चौराहे पर उनकी मूर्ति लगवाना चाहते हैं।

इससे खफा पार्टी के एक नेता ने उनके समर्थकों के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है। इससे उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

राजनाथ ने दिया आश्वासन
अन्ना हजारे की इस चिट्ठी पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उनके समर्थकों को आश्वासन दिया है। राजनाथ सिंह का कहना है कि वह समर्थकों की हरसंभव मदद करेंगे।

अन्ना के समर्थकों ने राजनाथ सिंह से मिलकर भाजपा नेता की शिकायत भी की। समर्थकों के मुताबिक उक्त भाजपा नेता गैर सामाजिक और पार्टी विरोधी कार्यों में भी संलिप्त है।

बाबा रामदेव ने बीजेपी को समर्थन देने की रखी शर्त

support narendra modi after assurance on black money says ramdev
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी की राह में नई अड़चन पैदा हो गई है। इस बार यह अड़चन किसी दूसरे ने नहीं बल्कि 'अपनों' ने दी है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, 'मैं और मेरा संगठन भारत स्वाभिमान मंच नरेंद्र मोदी की पीएम दावेदारी का खास शर्त पर ही समर्थन करेगा। इसके लिए मोदी को यह भरोसा दिलाना होगा कि सत्ता में आने के बाद वे विदेश में मौजूद काले धन को भारत लाने की पहल करेंगे।'

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रामदेव ने पीटीआई को बताया 'हमारे बीच कई मुद्दे हैं। लेकिन इनमें सबसे अहम है काले धन को विदेश से वापस लाना। यदि ऐसा हो पाता है कि देश के गांवों का बहुत भला हो पाएगा। हर गांव को करोडों रुपए मिलेंगे।'

रामदेव ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं। ऐसे में मुझे आशा है कि वे जरूर इस काम को पूरा करेंगे। इस बारे में मैं जल्द ही भाजपा नेतृत्व से बात करूंगा।'

दिल्ली ड्रामाः AAPकी सादगी और शोएब की बदमाशी

दिल्ली ड्रामाः AAP की सादगी और शोएब की बदमाशी

किसी ने कोट उतारा, किसी ने तंज कसा

किसी ने कोट उतारा, किसी ने तंज कसा

दिल्ली विधानसभा यूं तो इससे पहले कई गर्मागर्म सत्रों की गवाह बन चुकी है, लेकिन गुरुवार को जो हुआ, वो पहले कभी नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान देश भर का मीडिया दिल्ली विधानसभा को दिन भर लाइव कवर करता रहा।

अगर मीडिया ने साथ दिया, तो दिल्ली असेंबली ने भी निराश नहीं किया। टीआरपी बटोरने वाली कई घटनाएं परोसी। जनता दल युनाइटेड के विधायक शोएब इकबाल ने गुस्से में कोट उतारकर पटका और दूसरों को ललकारा। वहीं कांग्रेसी नेता अरविंदर सिंह लवली ने डॉ. हर्षवर्धन को 'इन वेटिंग' का तंज थमा दिया।

विधानसभा में दिन भर हाई वॉल्टेज ड्रामा चलता रहा। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने अपने-अपने खास अंदाज में पक्ष रखा। एक-दूसरे पर शब्दबाण चलाए गए, दुश्मनों के बीच दोस्ती दिखी और नई सरकार को सलाह भी खूब दी गई। आइए जानें विधानसभा में गुरुवार को घटी अनोखी बातें।
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‘आप’ के खिलाफ हाईकोर्ट में धोखाधड़ी की याचिका

plea against aam aadmi party in high court
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने एक तरफ बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी, केजरीवाल और मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई।

याचिका में उन पर फर्जी घोषणाएं कर आम लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। याची ने इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का का आग्रह किया है। अधिवक्ता एमएल शर्मा ने यह याचिका दायर की है।

उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि वे देख रहे हैं कि पिछले काफी अरसे से विभिन्न राजनीतिक पार्टियां आपराधिक खेल खेलते हुए अपने घोषणापत्र में फर्जी घोषणाएं कर लोगों से धोखाधड़ी रह रही हैं। उनकी आपराधिक जिम्मेदारी तय होना जरूरी है।

आम आदमी पार्टी बनाकर केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अपने 69 सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी घोषणापत्र तैयार कर लोगों के विश्वास को ठेस पहुंचाया। इन लोगों ने वोट पाने के लिए यह सब किया।

उन्होंने कहा पार्टी ने 29 को जनलोकपाल बिल पास करने, बिजली की दरें 50 प्रतिशत कम करने, 700 लीटर पानी मुफ्त देने आदि वादे किए। कांग्रेस-भाजपा को भ्रष्ट और स्वयं को ईमानदार बताया।

उन्होंने कहा केजरीवाल ने 28 दिसंबर को अल्पमत सरकार बनाई लेकिन तय घोषणापत्र के अनुसार 29 दिसंबर को जनलोकपाल बिल पास नहीं करवाया।

इसके अलावा बिजली के बिलों में 400 यूनिट तक सब्सिडी देने का तर्क रखा जबकि शीला सरकार पहले ही 25 प्रतिशत सब्सिडी दे रही थी।

इस प्रकार कैसे उन्होंने 50 प्रतिशत की छूट दी। इसी प्रकार 700 लीटर मुफ्त पानी भी नहीं दिया। यह सरासर लोगों से धोखाधड़ी है। सीबीआई को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

आम आदमी के सीएम 10बेडरूम वाले बंगले में रहेंगे

आम आदमी के सीएम 10 बेडरूम वाले बंगले में रहेंगे

सीएम के लिए डबल डुप्लेक्स

सीएम के लिए डबल डुप्लेक्स

बात-बात में खुद को आम आदमी कहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसी साधारण मकान में नहीं रहेंगे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, उनके रहने के लिए भगवान दास रोड पर दो बड़े डुप्लेक्स आवंटित किए गए हैं जो मोतीलाल नेहरु मार्ग स्थित पूर्व मुख्यमंत्रियों के निवास जैसा ही भव्य और विशाल तो नहीं है लेकिन कम से कम ऐसा भी नहीं है जिसे आम आदमी के घर जैसा कहा जाए।

ऐसा कहा जा रहा है कि इतना बड़ा बंगला दिल्ली के लुटियंस जोन में सुप्रीम कोर्ट के जजों और केंद्रीय मंत्रियों को आवंटित किए जाते हैं।
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सिपाही ने चौराहे पर महिला को पीटा, हंगामा

woman beaten by police in faridabad
सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा देने वाली फरीदाबाद पुलिस का नए साल में एक ऐसा चेहरा सामने आया जिसकी आमतौर पर उम्मीद नहीं की जा सकती। ट्रैफिक पुलिस के सिपाही ने वर्दी के रौब में आकर एक महिला और उसके पति की पिटाई कर दी।

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मामले की शिकायत एसीपी के पास पहुंची तो उन्होंने आरोपी सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया। सेक्टर-23 में रहने वाला ऑटो चालक सूरज अपनी पत्नी के सीमा के साथ एनआईटी में बच्चे की दवा लेने के लिए आया था। सूरज के साथ ऑटो में उसकी बहन गुड़िया, उसके बच्चे संगम व सन्नी भी बैठे हुए थे।

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सुबह 11 बजे जब सूरज बच्चों को दवा दिलाकर परिवार के साथ लौट रहा था तो एनएच-एक चौक पर भीड़ होने के कारण सूरज का ऑटो जाम में फंस गया। तभी सड़क के दूसरी तरफ खड़ा ट्रैफिक पुलिस का सिपाही पवन कुमार जाम खुलवाने के लिए आ गया। पवन ने सूरज के ऑटो को आगे बढ़वाने के लिए उस पर डंडा मारा।

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सूरज ने विरोध जताया तो सिपाही ने सूरज को थप्पड़ जड़ दिए। सूरज की पत्नी ने जब सिपाही का विरोध किया तो आरोपी ने उसके साथ भी मारपीट की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि सिपाही ने सूरज से कहा कि हार्डवेयर चौक पर ऑटो का चालान कटवाया जाएगा। सूरज ऑटो लेकर हार्डवेयर की तरफ चल दिया।

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इसके बाद सिपाही ने हार्डवेयर चौक पर सूरज का ऑटो रुकवा दिया और वहां भी उसके साथ मारपीट की। ऐसे में आसपास खडे़ ऑटो चालकों ने सिपाही के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और जाम लगा दिया।

मामले की सूचना मिलने पर एसीपी दलबीर सिंह (मुजेसर) कोतवाली थाने की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ने सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद ऑटो चालकों ने जाम खोल दिया।

एक तरफ गुलाब, दूसरी ओर मारपीट

एक तरफ पुलिस लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए गुलाब का फूल देने का दिखावा कर रही है तो दूसरी ओर उसके कर्मचारी आम जनता से इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। सवाल यह है कि पुलिस पहले जनता की मानसिकता बदलेगी या फिर अपने ऐसे कर्मियों की।

आखिर ग्राहकों को क्यों परेशान कर रही बीमा कंपनियां?

Why bother making insurance companies, customers?
बीमा उत्पादों को गलत तरीके से बेचने और क्लेम के समय ग्राहकों को बरगलाने जैसी शिकायतें बीमा कंपनियों के खिलाफ तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले एक साल में शिकायतों का आलम यह है कि कंपनियों के खिलाफ करीब चार गुना शिकायतें बढ़ गई हैं।

बढ़ती शिकायतों को देखते हुए वित्त मंत्रालय भी बीमा नियामक इरडा के साथ मिलकर बेहतर मैकेनिज्म बनाने की तैयारी कर रहा है। जिससे कि बीमा क्षेत्र में शिकायतों की संख्या में न केवल कमी आए, बल्कि कंपनियों पर नजर भी रखी जा सके।

बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 की अवधि में बीमा कंपनियों के खिलाफ 24,782 शिकायतें आई हैं। इसमें जीवन बीमा क्षेत्र की 15,711 और साधारण बीमा क्षेत्र की 9,071 शिकायतें हैं। इसकी अगर साल 2011-12 से तुलना की जाए, तो यह संख्या 24 हजार के मुकाबले केवल 7,176 थी।

इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार इस संबंध में इरडा ने सभी कंपनियों से हर महीने रिपोर्ट तैयार करने को कहा है, जिससे कि एक बेहतर डाटा तैयार किया जा सके। इरडा इन कदमों के जरिए नए दिशानिर्देश भी ला सकता है।

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट में यह चिंता जताई थी कि बीमा कंपनियों के लिए गलत तरीके से उत्पाद बेचने की शिकायतों में काफी इजाफा हुआ। रिजर्व बैंक के अनुसार इस तरह की प्रवृत्ति बीमा कारोबार पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।

इरडा की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर शिकायतें गलत तरीके से उत्पाद बेचने को लेकर ही आ रही हैं। इसके तहत कुल शिकायतों में से करीब 70 फीसदी शिकायतें ऐसी हैं, जो कि बीमा लोकपाल के पास स्वीकार नहीं की गई हैं। जिसका सीधा सा मतलब है कि ग्राहक को उत्पाद बेचते समय गलत जानकारी एजेंट आदि के जरिए दी गई। यानी, पॉलिसी में बात कुछ और थी, जबकि ग्राहक को जानकारी कुछ और दी गई। इससे उसकी शिकायतें वैधानिक रूप से स्वीकार नहीं हो सकी।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मिस सेलिंग और क्लेम के समय उचित क्लेम न मिलने की शिकायतें काफी बढ़ी है। मंत्रालय की भी इस पर नजर है। कंपनियों को कहा गया है कि वह ग्राहकों के हितों के अनुकूल नीतियां अपनाएं। अधिकारी के अनुसार बीमा क्षेत्र अभी भी बहुत कम आबादी तक पहुंच रखता है। इसके बावजूद कंपनियों के खिलाफ बढ़ रही शिकायतों को देखते हुए इस पर लगाम लगाने की जरूरत महसूस की जा रही है।

मोदी के खिलाफ कांग्रेस और आप की जुगलबंदी!

congress will target modi with help of aap
देशभर में भ्रष्टाचार और महंगाई की बदनामी झेल रही कांग्रेस के खिलाफ सबसे बड़ा खतरा बन रहे नरेंद्र मोदी को रोकने के चक्कर में पार्टी अब उनके खिलाफ प्रॉक्सी जंग छेड़ने के लिए भी तैयार लग रही है।

यानी कि आम आदमी पार्टी के कंधों पर बंदूक रखकर कांग्रेस अब मोदी से निपटने की तैयारी में लग रही है।

कांग्रेस के शीर्ष मैनेजरों की बातों को तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को समर्थन देने के पीछे सबसे बड़ा कारण मोदी की राह को कठिन करना ही माना जा रहा है।

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पार्टी के शीर्ष मैनेजरों का अनुमान है कि अरविंद केजरीवाल की आप में ही इस समय मोदी के पक्ष में होने वाले वोटों के ध्रुवीकरण को रोकने की ताकत है।

पार्टी के गेम प्लान को समझने की कोशिश करें तो मैनेजर संकेत देते है कि आप भाजपा को लगभग 40 से 50 लोकसभा सीटों पर नुकसान पहुंचा सकती है। इससे मोदी का रास्ता दिक्कतों भरा हो सकता है।

राहुल गांधी कई बार खुलेआम कह चुके है कि वह ऐसा गठबंधन नहीं चाहते, जिससे कांग्रेस का नुकसान हो। मगर दिल्ली में जानबूझ कर नुकसान आखिर क्यों उठाया गया।

इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के एक शीर्ष महासचिव का कहना है कि अगर दिल्ली में आप को पार्टी समर्थन नहीं देती तो 28 सीटें पाने के बावजूद केजरीवाल का जादू जीरो हो सकता था। दोबारा इतनी सीट मिलती या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं। मगर कांग्रेस ने इसे बरकरार रखा। अब यह जादू दिल्ली नहीं देशभर में चलेगा।

पार्टी के शीर्ष मैनेजरों की बैठक में यह बात अच्छी तरह से समझी जा रही है कि केजरीवाल कांग्रेस का ज्यादा नुकसान करेंगे, लेकिन नरेंद्र मोदी को लेकर देशभर में बन रहे माहौल को भंग करने में काफी हद तक वह कांग्रेस की मदद भी करेंगे। लिहाजा, जूनियर टीम ही सही केजरीवाल को समर्थन देना ठीक कदम है।

पार्टी के महासचिव ने यहां तक कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत मोदी को प्रधानमंत्री बनने देना नहीं चाहती। मोदी को पीएम का उम्मीदवार घोषित करने के पीछे भाजपा का सबसे बड़ा गेम प्लान हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण ही है। उत्तर प्रदेश, बिहार समेत हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह के समीकरण बैठने की बात है।

कांग्रेस का मानना है कि महंगाई और भ्रष्टाचार समेत तमाम बदनामी की वजह से अभी पार्टी मोदी का दमदार तरीके से सामना करने की हैसियत में नहीं, इसलिए पीछे से ही मगर तीर सही निशाने पर लगाने की कोशिश है।

खबरों की सुर्खियों में मोदी के मुकाबले केजरीवाल के अभी हावी रहने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता यह भी कह रहे हैं कि भाजपा के पीएम उम्मीदवार की बेचैनी में अभी से कई गुना इजाफा हो गया है।

सपा नेता बन कोचिंग संचालक से मांगी 10 लाख की रंगदारी

sp leader involved in blackmail
राजधानी के कोचिंग संचालक से 10 लाख रुपये की रंगादारी मांग रहे तीन युवकों ने पुलिस ने बुधवार रात चारबाग से धर दबोचा।

पुलिस ने धमकाने में प्रयोग किया गया सेलफोन व सिम भी बरामद कर लिया। पकड़े गए तीनों आरोपी आगरा के रहने वाले हैं।

आरोपियों में से एक युवक ने खुद को सपा नेता बताया। आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है।

सीओ महानगर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि 1 जनवरी को टाइम कोचिंग के डायरेक्टर आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि 30 नवंबर को असलहे से लैस तीन युवक कोचिंग सेंटर आए।

युवकों ने उनसे 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी। कुछ दिन बाद युवकों ने फिर फोन किया।

इसके बाद युवकों ने 30 दिसंबर को 10 लाख रुपये लेकर आगरा बुलाया। साथ ही धमकी दी कि अगर रकम लेकर नहीं आए तो पूरे परिवार को उड़ा दूंगा।

पुलिस ने मामला दर्ज कर धमकी देने में प्रयुक्त सेलफोन को सर्विलांस पर लेकर छानबीन शुरू की। बुधवार रात आशीष ने पुलिस को बताया कि उस नंबर से दोबारा धमकी आ रही।

बदमाश 10� लाख रुपये लेकर चारबाग रेलवे स्टेशन स्थित हनुमान मंदिर बुला रहे हैं। महानगर इंस्पेक्टर सतीश गौतम रात करीब 11 बजे कोचिंग संचालक आशीष के साथ चारबाग पहुंचे।

यहां आशीष की शिनाख्त पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने बदमाशों के पास से धमकी देने में प्रयुक्त मोबाइल फोन व सिम बरामद कर लिया।

आरोपियों की पहचान आगरा में फतेहपुर सीकरी के किरावली निवासी उदय प्रताप सिंह, आगरा में अछनेरा के पुरामना गांव निवासी धर्मवीर सिंह व अछनेरा के पुरामना निवासी मदन मुरारी के रूप में हुई है।

उदय प्रताप सिंह ने खुद को समाजवादी पार्टी के अछनेरा इकाई का सचिव बताया। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। धर्मवीर आगरा विवि का बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र है।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अलीगंज की एमबीए कोचिंग कॅरिअर लांचर कोचिंग के डायरेक्टर अरविंद श्रीवास्तव व उसके साले नितिन राकेश ने रंगदारी वसूलने व डराने-धमकाने की सुपारी दी थी।

अरविंद के ही एक साथी ने उसे कोचिंग तक पहुंचाया था। एडमिशन के बहाने वे लोग कोचिंग गए और डायरेक्टर का फोन नंबर लेकर बातचीत शुरू की।

आरोपियों ने बताया कि आगरा के कारोबारी अनिल त्यागी ने अरविंद श्रीवास्तव से यह डील कराई थी। उसके बाद उनकी अरविंद से सीधे बात होने लगी थी।

पुलिस ने यह बात तो स्वीकारी की आगरा के कारोबारी अनिल त्यागी ने आरोपियों की कोचिंग संचालक से मुलाकात कराई थी। पुलिस आरोपियों की आपराधिक पृष्ठ भूमि की तलाश कर रही है।

विधवा को फेसबुक ‘फ्रैंड’ बना ठग लिए 13 लाख

cyber crime in noida
पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। जो इस गिरोह के डमी है। गिरोह के मास्टर माइंड जमशेद की तलाश की जा रही है। उसके पकड़े जाने पर कई और केस सुलझ सकते हैं

- विश्वजीत श्रीवास्तव, सर्किल अफसर सेकेंड/प्रभारी साइबर सेल

विदेशी कारोबारी बनकर फेसबुक पर दोस्ती, चौटिंग और फिर 13 लाख की ठगी। ऐसा हुआ है सेक्टर-21 में रहने वाली एक सैन्य अधिकारी की विधवा के साथ। पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की है।

पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। ठगी की साजिश रचने वाले मास्टर माइंड की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि महिला की फेस बुक पर एक युवक से दोस्ती हुई।

चैट के दौरान युवक ने खुद को लंदन का कारोबारी बताया। युवक ने महिला से कहा कि वह इंडिया में प्रॉपर्टी में इंवेस्ट करना चाहता है। महिला ने मदद का भरोसा दिया और दोनों के बीच फोन व ईमेल से भी बातचीत हुई।

महिला ने दिल्ली में युवक से मिलने का वादा भी किया। एक दिन युवक ने महिला को मैसेज किया कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया है, लेकिन कस्टम अधिकारियों ने उसे ज्यादा डॉलर होने के कारण पकड़ लिया है।

उसे बैंक क्लीयरेंस करना होगा, जिसके लिए इंडियन करेंसी की जरूरत है। महिला के पास कुछ देर बाद नम्रता नाम की युवती का फोन आया।

उसने खुद को कस्टम विभाग में बताया और कहा कि पकड़े गए युवक के पास एक लाख नब्बे हजार यूएस डॉलर हैं। इसेे क्लीयर कराने के लिए दस लाख रुपये जमा करने होंगे। उसने ही बैंक एकाउंट नंबर दिए।

महिला ने तीन किस्तों में दस लाख रुपये एकाउंट में भेज दिए। इसके बाद रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के नाम पर तीन लाख रुपये और जमा कराए। रकम जमा होने के बाद युवक गायब हो गया।

उसने न तो महिला के फोन का जवाब दिया और न ही खुद कभी चैट पर आया। ठगी का शक होने पर महिला ने युवक के भेजे गए ई-मेल व उसकी कंपनी के बारे में पड़ताल की तो सब फर्जी निकला।

थाना सेक्टर-20 पुलिस ने साइबर सेल की मदद से बरेली निवासी रियासत, बदायूं निवासी अकबर, इसरार व मिर्जापुर निवासी रामछबिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है। इनके खाते में ही रुपए ट्रांसफर किए गए थे।

युवकों ने बताया कि उन्हें लालच दिया गया था। इनको कहा गया कि इनकम टैक्स के चलते बड़े लोग खाते में कुछ रकम डालकर कुछ दिन बाद निकाल लेंगे। इसके लिए उन्हें रकम का कुछ हिस्सा मिलेगा।

ठगी का नेटवर्क
पुलिस का दावा है कि� आरोपियों का पूरा नेटवर्क है। जिसमें पढ़े-लिखे युवक-युवतियां शामिल हैं, जो अंग्रेजी और विदेशी भाषाएं फर्राटे से बोलते हैं। फेस बुक, ट्विटर व सोशल साइट पर शिकार ढूंढते हैं और फिर दोस्ती या शादी का झांसा देकर पैसे ऐंठते हैं।

माइस्टर माइंड जमेशद की तलाश

ठगी के इस नेटवर्क का मास्टर माइंड बदायूं निवासी मोहम्मद जमशेद उर्फ राशिद है। जिसने कुछ साल पहले सेक्टर-18 में एक आफिस खोला था।

जमशेद ने सेक्टर-21 में रहने वाली महिला से फेसबुक पर प्रिंस एवलिस लूकस केनाम से दोस्ती की। कई दिनों तक महिला का विश्वास जीतने के बाद उसने महिला को ठग लिया।

पुलिस के मुताबिक जमशेद ठगी की रकम जमा करवाने के लिए जिन एकाउंट्स का इस्तेमाल करता है, उन्हें भी वह फर्जी ढंग से खुलवाता है। इसके लिए उसके पास टीम है, जो क्रेडिट और एटीएम कार्ड बनाती है।

लोगों को लाख रुपए तक का लालच देकर खाता खुलवाने के लिए राजी किया जाता है। पुलिस गिरफ्त में आया रामछबीन क्रेडिट व डेबिट कार्ड बनाने का काम करता था। बाकी आरोपियों के खातों में ठगी की रकम जमा होती थी।

जमीन के लिए बहा दिया अपनों का खून

four murdered in bareilly
जमीन के विवाद में तीन भाइयों ने अपने पिता,भाई, भाभी और भतीजे की ताबड़तोड़ गोलियां दाग कर नृशंस हत्या कर दी। हमले में घायल एक भाई अस्पताल में भर्ती है। घटना को अंजाम देकर हत्यारे मौके से फरार हो गए हैं। मामला ‌जिले के थाना भुता के केसरपुर गांव का है।

उधर पुलिस के आला अफसरों ने घटना स्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाकर छानबीन शुरू कर दी है। कुछ समय पहले हमलावरों के अविवाहित चाचा प्यारेलाल ने अपने हिस्से की 42 बीघा जमीन अपने दो भतीजों रीतराम और नरेश कुमार के नाम कर दी थी।

प्यारे लाल की कुछ महीने पहले मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक इस बीच रीतराम के पिता कंतूरी उर्फ कस्तूरी लाल ने भी अपने हिस्से कुछ जमीन इन दोनों लड़कों की पत्नियों के नाम कर दी थी। रीतराम और नरेश के दो सगे भाई रामचंद्र और अर्जुन हैं और सौतेला भाई रामबाबू उर्फ पप्पू भी इस जमीन पर अपना दावा कर रहा था।

वे चाहते थे कि प्यारेलाल की जमीन का बंटबारा सभी भाईयों के बीच हो। घर में ये विवाद चल ही रहा था इसी बीच बृहस्पतिवार को रीतराम के घर के आगे से गुजर रहे ट्रक से बिजली का तार टूट गया । इस पर रीतराम ने ट्रक के चालक को पकड़कर बैठा लिया और वह उससे तार जुड़वाने की जिद करने लगा था।

इसी बीच उसका सौतेला भाई रामबाबू आ गया। वह ट्रक चालक की पैरवी करने लगा तो रीतराम और रामबाबू में मारपीट होने लगी। नरेश कुमार के बेटे महीपाल ने बताया कि विवाद के बीच रामबाबू ने तमंचे से रीतराम के सिर में गोली मार दी।

इसके बाद अर्जुन और रामचंद्र भी वहां आ गए। रीतराम की हत्या के समय नरेश कुमार भी उसके पास था। हत्यारों ने उस पर ईंट-पत्थर से हमला किया तो वह जान बचाकर किसी तरह भाग निकला।

गोली खत्म होने के बाद हत्यारों ने नरेश की पत्नी ओमवती को भी हसिया लेकर दौड़ाया लेकिन वह अपने बच्चों के साथ मौके से भागकर गांव में छिप गई। फायर की आवाज सुनकर घर से बाहर निकली रीतराम की पत्नी सीमा को रामबाबू और उसके भाईयों ने रास्ते में ही खींच लिया और उसके सिर में भी गोली मार दी।

पति पत्नी की हत्या के बाद हत्यारों ने रीतराम के मासूम बेटे लकी के सीने में गोली उतार दी। वह चारपाई पर लेटा हुआ था। आखिर में हत्यारों ने अपने पिता कंतूरी लाल की गोली मारकर हत्या की और फरार हो गए।

ग्रामीणों के इकट्ठा होने पर नरेश और ओमवती बच्चों के साथ अपने घर पहुंचे और फिर पुलिस को घटना की सूचना दी। घटना की सूचना पर एसएसपी आकाश कुलहरि, एसपी देहात अखिलेश चौरसिया भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे।

घायल नरेश कुमार को जिला अस्पताल भिजवा दिया है लेकिन देर रात तक मुकदमा नहीं लिखा गया था।

सपा पर बढ़ेगा ‘आप’ इफेक्ट का दबाव

aap effect on samajwadi party
'आप' का यूपी में शून्य प्रभाव रहेगा। जो बातें 'आप' के नेता कर रहे हैं, सपा सरकार ने बहुत पहले शुरू कर दी थीं। बसपा शासन में मुख्यमंत्री भारी सुरक्षा के बीच शहंशाह की तरह निकलती थीं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुरक्षा का खर्च उनसे तीन चौथाई कम कर दिया है। सपा सरकार आम लोगों की है और उसकी योजनाएं आम लोगों को ध्यान में रखकर ही बनाई गई हैं। सपा लंबे संघर्षों के बाद सत्ता में आई है और अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के भी खिलाफ है।

- राजेंद्र चौधरी/सपा प्रवक्ता

दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल के विश्वासमत जीतते ही यूपी की राजनीति में 'आप' इफेक्ट पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

सत्ता में होने के कारण सबसे ज्यादा दबाव समाजवादी पार्टी पर है। उसके हर फैसले और गतिविधि पर सभी की नजरें हैं।

भाजपा ने दागियों के परिवारवालों को भी टिकट न देने की घोषणा करके इस दबाव को और बढ़ा दिया है। प्रदेश में सभी दलों के सामने सियासत, बाहुबल और धनबल का गठजोड़ तोड़ने की चुनौती है।

हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की तल्ख टिप्पणियों के बावजूद यूपी की राजनीति में अपराधियों और भ्रष्टाचारियों का प्रभाव कम नहीं हो पाया है।

उन्हें महिमामंडित कर माननीय बनाने में कोई भी दल पीछे नहीं है। बाबू सिंह कुशवाहा का उदाहरण सामने है।

बसपा शासन में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बावजूद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें गले लगाने में भाजपा ने देरी नहीं की।

अब लोकसभा चुनाव से पहले सपा ने उनकी पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को गाजीपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बना दिया।

जिस सपा ने विधानसभा चुनाव में डीपी यादव को टिकट देने से इन्कार करके अपराधियों से दूरी बनाने का संकेत दिया था, वही अब अतीक अहमद को सुल्तानपुर से मैदान में उतार रही है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद पूरे देश में सियासत के रंग-ढंग में बदलाव की बातें उठ रही हैं। इसकी शुरुआत भी हो गई है।

सभी प्रमुख सियासी दलों पर 'आप' इफेक्ट देखा जा रहा है। जनता के बदले मिजाज को भांपते हुए भाजपा ने दागियों से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया।

इससे भी दूसरे दलों, खास तौर से सपा पर दबाव बढ़ेगा। सपा के सामने आपराधिक छवि वालों और भ्रष्टाचार केआरोपियों से मुक्ति पाने का दबाव रहेगा।

सपा नेतृत्व की पूरे राजनीतिक हालात पर नजर है। बहुत ताज्जुब नहीं कि आने वाले समय में संगठन और सरकार के स्तर पर पार्टी कुछ ऐसे फैसले ले जिनसे उसका आम लोगों के नजदीक होने का संदेश जाए।

यह है स्थिति
एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक 403 विधायकों में से 189 ने विधानसभा चुनाव लड़ते वक्त अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्यौरा दिया था।

इनमें भाजपा के 47 में से 25, सपा के 224 में 111 और बसपा के 80 में 29, कांग्रेस के 28 में 13 और रालोद के नौ में से दो विधायक आपराधिक छवि के हैं।

इनमें 24 फीसदी यानी 98 विधायकों पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, जबरन वसूली, चोरी, डकैती जैसे गंभीर आपराधिक मामले हैं।

भ्रष्टाचारियों की लंबी फेहरिस्त
प्रदेश में भ्रष्टाचारियों की लंबी फेहरिस्त है। ताजा मामला स्मारक घोटाले से जुड़ा है जिसमें दो पूर्व मंत्रियों समेत 19 लोगों के खिलाफ एर्फआईआर दर्ज कराई गई है।

लोकायुक्त ने लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले में दो पूर्व मंत्रियों समेत 199 लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।

‘आप’ की सफलता के बाद अब झाड़ू की ऑनलाइन बिक्री

jhadu for sale online after aap sweeping success
कभी घर में सिर्फ साफ सफाई के उपयोग में आने वाली झाड़ू ने आम आदमी पार्टी (आप) की सफलता के बाद स्टार का दर्जा हासिल कर लिया है।

अब ट्रेडस.कॉम ने झाड़ू की ऑनलाइन बिक्री करने का फैसला किया है। ट्रेडस.कॉम ने 'आप' के चुनाव चिन्ह झाड़ू को अपनी वेबसाइट के जरिए पांच-पांच रुपए में बेचने का फैसला किया है।

पढ़ें, हंगामे के बीच 'आप' ने हासिल किया विश्वासमत

ट्रेडस ने अपने बयान में कहा कि इसके जरिए सभी आम आदमी दिल्ली में भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन के साथ जुड़ सकते हैं और नए भारत के उदय का जश्न मना सकते हैं। पहली एक हजार झाड़ू के लिए कंपनी ने पांच रुपए प्रति झाड़ू मूल्य रखा है और इसके बाद कीमत बढ़ा दी जाएगी।

ट्रेडस के सीईओ मुदित खोसला ने कहा, 'झाड़ू अब बदलाव और ईमानदारी की प्रतीक बन चुकी है। इसी के तहत ट्रेडस का प्रयास है कि पास के विक्रेता खरीददारों को ईमानदार कीमतों पर सामान उपलब्ध कराएं।'

छह महीने यूं ही चलेगी दिल्ली सरकार!

Delhi government will continue next six month
पूर्ण बहुमत में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं होने से चर्चा गर्म है कि यह सरकार कितने दिनों तक चलेगी।

क्या अरविंद केजरीवाल छह महीने तक सरकार चला पाएंगे? क्या समर्थन देने वाली कांग्रेस पार्टी समर्थन वापस ले सकती है? छह महीने से पहले किस हालात में दुबारा चुनाव हो सकते हैं? इसी को जानने की कोशिश की 'अमर उजाला' ने।

जानकारों के अनुसार समर्थन हासिल करने के बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में छह महीने के पहले कोई भी पार्टी नहीं ला सकती।

दो सूरत में ही गिर सकती सरकार
इस संबंध में संविधान विशेषज्ञ श्रीप्रकाश सिंह का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की यह सरकार छह महीने तक चलेगी। सिर्फ दो सूरत में ही सरकार छह महीने से पहले गिर सकती है।

पहली, यह कि कांग्रेस पार्टी टूट जाए। अगर समर्थन देने वाली पार्टी बिखर जाती है और दो तिहाई लोग अलग पार्टी बना कर सपोर्ट वापस लेते हैं तो सरकार कभी भी बहुमत खो सकती है। �

दूसरे, अगर सरकार चाहे तो कभी भी फ्रेश मैनडेट के लिए उपराज्यपाल से आग्रह कर सकती है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट यह फैसला ले सकती है कि वह सरकार चलाए या फ्रेश मैनडेट की मांग करे।

कैबिनेट एक नोट उपराज्यपाल को भेज कर फ्रेश चुनाव का आग्रह कर सकती है। ऐसी स्थिति में उपराज्यपाल के विवेक पर है कि वे चुनाव कराने की सहमति देते हैं अथवा किसी अन्य पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता।

राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि लोकसभा चुनाव वे पहले 'आप' विधानसभा चुनाव दुबारा कराने के बारे में फैसला ले सकती है।

जेटली की सलाह, 'आप' से सीखे बीजेपी!

delhi poll results cause for introspection and aap is challenge says jaitley
दिल्ली में एक ओर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार विश्वास मत हासिल कर रही थी, तो दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पार्टी को आत्म निरीक्षण की सलाह दे रहे थे।

जेटली ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में सीटों के हिसाब से भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में जरूर उभरी लेकिन पार्टी को राजधानी में खुद की विश्वसनीयता मजबूत बनाने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।

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दिल्ली के चुनाव में सामने रखी 'भोजन से भरी थाली' छीन लिए जाने से आहत भाजपा अब 'आप' को गंभीर चुनौती मानने लगी है। पार्टी नेता मानते हैं कि यदि दिल्ली की चुनावी जंग में अरविंद केजरीवाल नहीं होते तो आज भाजपा राज कर रही होती।

इसलिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व और उम्मीदवारों को भी खुद को जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के अनुरूप बनाना चाहिए।

पार्टी को सचेत करते हुए जेटली ने कहा कि अब मतदाताओं का नया वर्ग सामने आ चुका है, जो राजनीति से लेकर सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोगों और शासन की गुणवत्ता पर बहुत कठोरता से अपना फैसला देने जा रहा है।

जेटली ने कहा कि दिल्ली में मतदाताओं के इस नए वर्ग का आम आदमी पार्टी को बड़ी संख्या में वोट देना परंपरागत राजनीति के खिलाफ खामोश विरोध जताना था।

दिल्ली में कांग्रेस सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी थी, दिल्ली भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का मुख्य केन्द्र बनी थी। इसी कारण कांग्रेस चुनाव में हार गई।

सामान्य हालात में इस चुनाव में भाजपा को भारी जीत दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन मतदाताओं का एक वर्ग नए विकल्प को आजमाने के विचार से प्रभावित हुआ।

सपाइयों से भिड़ने पर सीओ का तबादला

muzaffarnagar CO transferred
सत्ता की हनक के आगे एक सीओ को पस्त होना पड़ा। बुधवार रात वाहन चेकिंग के दौरान सपा के एक युवा नेता को रोकना उन्हें भारी पड़ गया। बृहस्पतिवार देर शाम सीओ का ट्रांसफर कर दिया गया। एसएसपी ने ट्रांसफर की पुष्टि की है।

सीओ नई मंडी सुनील सिंह पुलिस बल के साथ एक जनवरी की रात वचन सिंह कॉलोनी की पुलिया पर वाहन चेकिंग कर रहे थे।

इसी बीच, समाजवादी युवजन सभा के कोषाध्यक्ष सौरभ सिंह पुंडीर एक साथी के साथ बाइक से निकल रहे थे। पुलिस ने पुंडीर को रोका तो बात हाथापाई तक पहुंच गई।

पुंडीर ने सीओ पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए पार्टी के पदाधिकारियों को बुला लिया। आलाकमान तक बात पहुंची। एसएसपी एचएन सिंह को अवगत कराया गया। बृहस्पतिवार को इस मामले में पार्टी कार्यालय पर पदाधिकारियों ने विरोध जताया।

देर शाम सीओ के बलरामपुर तबादले का आदेश पहुंच गया। सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि घटना के बारे में एसएसपी से बात की गई थी। मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई थी।

विश्वासमत के बाद केजरीवाल की आज दूसरी परीक्षा

विश्वासमत के बाद केजरीवाल की आज दूसरी परीक्षा

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क्या आज मनमोहन करने वाले हैं कोई बड़ा ऐलान?

manmohan singh will clear route for rahul pm candidate
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार को संभवत: अपनी अंतिम प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। माना जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री राहुल गांधी के लिए आगे का रास्ता सुगम करने की कोशिश करेंगे।

17 जनवरी को कांग्रेस की बैठक से पहले प्रधानमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर कांग्रेस के अंदर भी यही उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल को बड़ी जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया की शुरुआत प्रधानमंत्री अपनी ओर से करेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री जनता के सामने अपने विकास के कामों की फेहरिस्त भी रखेंगे, जिसके आधार पर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव लड़ना है।

महंगाई और भ्रष्टाचार समेत तमाम बदनामी से जूझ रही यूपीए सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह अब फाइनल साल 2014 की शुरुआत बेहतर करने की कोशिश में हैं।

लिहाजा, शिक्षा का अधिकार, भूमि अधिग्रहण, खाद्य सुरक्षा कानून, अल्पसंख्यकों की कल्याणकारी योजनाएं, लोकपाल, सूचना का अधिकार और सीधे नकद सब्सिडी समेत तमाम कामों को गिनाने की कोशिश होगी। जबकि विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री को रिटायरमेंट और इस्तीफे को लेकर लग रही अटकलों को लेकर कठिन सवालों का सामना भी कर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा नजर राहुल को प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपने के सवाल पर है।

कई दिनों से यह खबर चलाई जा रही है कि प्रधानमंत्री इस्तीफा देकर राहुल को पीएम की कुर्सी दे सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से इसका खंडन किया जा चुका है।

राहुल की पीएम उम्मीदवारी को लेकर उठने लगे सुर
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस में कोशिशों का दौर जारी है। लिहाजा पार्टी में हर कोई इसका श्रेय लेने की कोशिश में है।

अब भले ही इसे लेकर अनिश्चितता का माहौल हो, लेकिन 17 जनवरी को कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने प्रस्ताव लाया जा सकता है। कई विधायक और सांसद भी ऐसा ही प्रस्ताव दे सकते हैं।

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वहीं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं का कहना है कि हाईकमान की मंजूरी के बाद ही पार्टी का कोई नेता ऐसा कर सकता है।

मगर फिर भी 17 जनवरी को सोनिया और राहुल की आंखों में खुद को सबसे बड़ा वफादार बनने की कोशिश में पार्टी के छोटे से बड़े नेता ही नहीं बल्कि आम कार्यकर्त्ता भी जुटे हुए हैं।

इसलिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि हाईकमान मंजूरी दे न दें, लेकिन नेता और कार्यकर्त्ता अपने नंबर बढ़ाने का मौका जाने नहीं देंगे।

अब सौरव गांगुली दिलाएंगे रेप पीड़िता को इंसाफ

sourav ganguly demands justice for gangrape victim
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 16 वर्षीय लड़की के साथ हुए गैंगरेप और उसकी मौत पर अफसोस जताते हुए न्याय की मांग की है।

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्या बोलूं और ऐसा क्यों हुआ। यह बेहद शर्मनाक है। उम्मीद है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। अगर कोई उनकी मदद कर रहा है, तो उसे भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।'

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याद रहे कि पीड़िता के साथ एक नहीं बल्कि दो-दो बार गैंगरेप किया गया और गत मंगलवार को जलने के चलते उसकी मौत हो गई थी।

'आरोपियों ने ही मुझे जलाकर मारा'

पहले माना जा रहा था कि गत 23 दिसंबर को उसने खुद को आग लगा ली थी, लेकिन पीड़िता ने मरने से पहले पुलिस को बयान दिया है कि आरोपियों ने ही उसे आग के हवाले किया था।

उधर, लड़की की मौत के बाद शहर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने मुद्दे पर राजनीति करने की आलोचना करते हुए कहा कि वह पूरी तरह से पीड़िता के परिवार के साथ है।

मुख्य सचिव संजय मित्रा ने सचिवालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पुलिस और राज्य सरकार पूरी तरह से परिवार के साथ है।

उन्होंने कहा, 'नववर्ष के जश्न के चलते बहुत से लोग सड़कों पर थे। बावजूद इसके हमने परिवार को पूरा सहयोग दिया। अंतिम संस्कार के समय भी उन्होंने जो कुछ मदद मांगी, हमने दी।'

मित्रा ने फास्ट ट्रायल पर जोर देते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले पर राज्य सरकार किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।

मित्रा ने कहा, 'सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वैज्ञानिक परीक्षण से लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी।' उन्होंने वाम दलों का नाम लिए बिना शव को लेकर शोक रैली निकालने की कोशिश की आलोचना की।

नीतीश ने दिए एक लाख रुपए
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़िता के परिवार को एक लाख रुपए देने की घोषणा की है।

साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पेशल ब्रांच के पुलिस महानिदेशक जीएस गंगवार को निर्देश दिए हैं कि वह कोलकाता जाकर पीड़िता के परिवार से मिलें और हरसंभव मदद दें। पीड़िता का परिवार मूलत: बिहार से ही है।

गंगवार को पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों से मिलकर मामले की जानकारी लेने को भी कहा गया है।

आम आदमी के सीएम के लिए आलीशान मकान

आम आदमी के सीएम के लिए आलीशान मकान

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देश में खुलेंगे 58 नए मेडिकल कॉलेज

manmohan government nod for 58 new medical colleges
चुनावी दस्तक के बीच यूपीए सरकार ने घोषणाओं का पिटारा खोलने की शुरुआत कर दी है।

इस कड़ी में बृहस्पतिवार को कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने जिला अस्पतालों से संबद्ध 58 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के साथ-साथ एमबीबीएस की 5800 सीट बढ़ाने संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लगा दी।

इससे पहले सरकार ने अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 1200 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी थी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने बताया कि मौजूदा जिले या रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

यह मंजूरी सीटों की कमी वाले राज्यों में मौजूदा जिला अस्पतालों के उन्नयन के जरिए 58 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए दी गई है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीट होंगी। इस तरह लगभग 5800 सीट बढ़ जाएंगी।

इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए केंद्र की ओर से लगभग 8457.40 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी। जिसमें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी 2513.70 करोड़ रुपए की होगी।

पूर्वोत्तर राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय सहायता का अनुपात क्रमश: 90 और 10 का होगा। शेष राज्यों के लिए यह अनुपात 75 और 25 होगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना पर लगभग 180 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान लगाया गया है। जिला रेफरल अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के बीच दूरी दस किलोमीटर से कम होगी।

मरने के वक्त गर्भवती थी गैंगरेप पीड़िता

kolkata gangrape rape victim was pregnant when death
गैंगरेप पीड़िता 16 वर्षीय लड़की की मौत के बाद कोलकाता में विरोध-प्रदर्शन के बीच राजनीतिक माहौल भी गरमाता जा रहा है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने बृहस्पतिवार को फिर दोहराया कि वह पीड़िता के परिवार की हर संभव मदद करेगी और दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाएगी।

उधर, पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। यह भी पता चला है कि मरने के वक्त पीड़िता गर्भवती थी।

इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़िता के परिवार को एक लाख रुपये देने की घोषणा करने के साथ स्पेशल ब्रांच के पुलिस महानिदेशक जीएस गंगवार को निर्देश दिए हैं कि वह कोलकाता जाकर पीड़िता के परिवार से मिलें और हरसंभव मदद दें।

पिछले साल अक्तूबर में आरोपियों ने पीड़िता के साथ एक नहीं बल्कि दो-दो बार गैंगरेप किया गया और गत मंगलवार को जलने के चलते उसकी मौत हो गई थी।

पहले माना जा रहा था कि गत 23 दिसंबर को उसने खुद को आग लगा ली थी, लेकिन पीड़िता ने मरने से पहले पुलिस को बयान दिया कि आरोपियों ने ही उसे आग के हवाले किया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे मुद्दे पर वाम दलों की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन ने जितने फैसले लिए हैं, उतने पिछले 35 साल रही सरकार ने नहीं लिए। जबकि मुख्य सचिव संजय मित्रा ने सचिवालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पुलिस और राज्य सरकार पूरी तरह से परिवार के साथ है।

उन्होंने कहा, 'नववर्ष के जश्न के चलते बहुत से लोग सड़कों पर थे। बावजूद इसके हमने परिवार को पूरा सहयोग दिया। अंतिम संस्कार के समय भी उन्होंने जो कुछ मदद मांगी, हमने दी। हम उनकी वित्तीय मदद भी करेंगे।'

मित्रा ने फास्ट ट्रायल पर जोर देते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के मामले पर राज्य सरकार किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। मित्रा ने कहा, 'सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

वैज्ञानिक परीक्षण से लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी।'

तिहाड़ आइडल: जब कैदियों ने मिलाए सुर-ताल

तिहाड़ जेल में भारतीय माहौल का असर विदेशी कैदियों पर भी दिखने लगा है। विदेशी कैदी न सिर्फ हिंदी बोल रहे हैं बल्कि हिंदी के गायक भी बन रहे हैं।

तिहाड़ जेल प्रशासन की योजना परवान चढ़ी और तिहाड़ आईडल्स का आयोजन हुआ तो उसमें कई विदेशी अपनी गायकी का जौहर दिखाएंगे।

तिहाड़ जेल में सबसे अधिक अफ्रीकी मूल के कैदी हैं। इनके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यूरोपियन देशों के कैदी हैं। सभी को मिलाकर सौ से अधिक विदेशी पुरुष कैदी और महिला कैदी भी पचास के करीब हैं।

तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे पठन-पाठन के कार्यक्रमों में विदेशी कैदियों का हिंदी प्रेम बढ़ रहा है। कई कैदियों ने तो हिंदी में बातचीत भी करनी शुरू कर दी है।

विदेशी कैदियों की भारतीय संगीत में अभिरुचि को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब उन्हें हिंदी गायन सिखाने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में तिहाड़ के एक दर्जन विदेशी कैदियों को चयनित किया गया है।

जेल स्थित संगीत रूम में इन्हें गायकी का गुर सिखाया जाएगा। गायकी में दक्षता हासिल करने के बाद सभी कैदियों की मंचीय प्रस्तुति जेल में ही कराई जाएगी।

तीन साल पहले इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से तस्करी के आरोप में गिरफ्तार अफ्रीकी मूल का कैदी माइकल अब भारतीय माहौल में पूरी तरह से रच-बस गया है।

हिंदी फिल्मी गीतों के प्रति बढ़ती अभिरुचि को देखते हुए उसे हिंदी गाने सीखने को कहा गया है। दो साल पहले तस्करी में ही गिरफ्तार नाइजीरिया निवासी जोसफ की इच्छा भी हिंदी गायक बनने की है।

बताया जाता है कि कई विदेशी कैदियों ने पार्श्वगायक मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश के गीत गाना भी शुरू कर दिया है।

अधिकारी का कहना
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता का कहना है कि तिहाड़ जेल में बंद अनेक विदेशी कैदी भारतीय संस्कृति में पूरी तरह से रच-बस गए हैं।

विदेशी कैदियों को हिंदी गायक के रूप में तराशने का काम शुरू हो गया है। गायकी का गुर सीखने के बाद तिहाड़ के कार्यक्रमों में वे अपने गीतों की प्रस्तुति करेंगे। अनेक विदेशी महिलाएं भी जेल में पढ़ने-लिखने और पुस्तकें पढ़ने में तल्लीन रहती हैं।

400 फुट गहरी खाई में गिरी बस, 26की मौत

Bus falls into 400 feet deep gorge, 26 killed
महाराष्ट्र के ठाणे से अहमदनगर जा रही राज्य परिवहन निगम की एक बस बृहस्पतिवार को एक ट्रक से टकराने के बाद गहरी खाई में गिर गई, जिससे उसमें सवार 26 लोगों की मौत हो गई।

हादसे में 12 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें ठाणे और पुणे के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ठाणे से करीब 154 किमी दूर टोकावडे के पास मलशेज घाटी में यह दुर्घटना हुई। बस में 38 लोग सवार थे।

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन के महाप्रबंधक (यातायात) सूर्यकांत अंबावडेकर ने कहा कि बस 400 फुट गहरी घाटी में गिर गई। उन्होंने बताया कि 20 शवों को ओटुर गांव में रखा गया है, जबकि छह शव जुन्नार के अस्पताल में हैं।

अहमदनगर और ठाणे की सीमा पर सहयाद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित मलशेज घाट प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जिला आपदा नियंत्रण अधिकारी जयदीप विसावे ने कहा कि ठाणे जिला मुख्यालय को दुर्घटना के बारे में सुबह 10.30 बजे सूचना मिली।

इसके बाद पुलिस जवानों, स्वास्थ्यकर्मियों और बचाव कार्य से जुड़े लोगों की टीम मौके के लिए रवाना की गई। मुरबाद के तहसीलदार प्रशांत जोशी ने बताया कि घायलों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है।

यौन शोषण: जस्टिस गांगुली पर गाज गिरनी तय

law interns sexual abuse case, ak ganguly deviates from the post!
पद छोड़ने पर मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मुझे फैसला करने के लिए कुछ समय की जरूरत है। थोड़ा वक्त दीजिए, उसके बाद मैं आपको अपने फैसले के बारे में बताऊंगा।

- जस्टिस एके गांगुली

यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने के प्रस्ताव पर अब कार्यवाही शुरू होगी।

जस्टिस गांगुली के खिलाफ जांच के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट को भेजने के प्रस्ताव 'प्रेजिडेंशियल रेफरेंस' को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लगाई गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने इस फैसले की जानकारी दी।

सरकार ने लॉ इंटर्न की ओर से जस्टिस गांगुली पर लगाए गए आरोपों के मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से कानूनी सलाह मांगी थी और अटॉर्नी ने जस्टिस गांगुली के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर सहमति जताई थी।

सरकार की सिफारिश पर अब राष्ट्रपति की ओर से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से जस्टिस गांगुली के खिलाफ जांच की सिफारिश की जाएगी। चीफ जस्टिस की राय पर राष्ट्रपति की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

राष्ट्रपति ने ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र के बाद इस मामले को सरकार को प्रेषित किया था।

ममता की ओर से जस्टिस गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न और विदेश दौरों के संबंध में कार्रवाई करने की मांग की गई थी। मध्यस्थता के लिए किए गए विदेशी दौरों पर जस्टिस गांगुली ने राज्य सरकार से कोई अनुमति नहीं ली थी।

मालूम हो कि यौन उत्पीड़न मामले में जस्टिस गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की चौतरफा मांग हो रही है।

भाजपा, तृणमूल कांग्रेस के अलावा एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह समेत कई महिला वकील भी उन्हें हटाने की मांग कर चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया जस्टिस गांगुली को दोषी माना है।

क्या है मामला
जस्टिस गांगुली पर एक लॉ इंटर्न ने यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। उसने अपने हलफनामे में कहा था कि दिसंबर 2012 में होटल के कमरे में जस्टिस गांगुली ने उसे शराब पिलाई। उसका हाथ चूमा और आई लव यू बोला। उन्होंने उससे रात में होटल में ही रुकने के लिए भी कहा था।

12 होगी रियायती गैस सिलेंडरों की संख्या!

Government to consider raising subsidised LPG cylinder quota
गैर रियायती रसोई गैस सिलेंडरों की कीमत में 220 रुपये प्रति सिलेंडर की भारी वृद्धि के एक दिन बाद सरकार रियायती सिलेंडरों की संख्या प्रति परिवार नौ से बढ़ाकर 12 करने पर विचार कर रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कई मुख्यमंत्रियों ने रियायती सिलेंडरों की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 करने की मांग की है। साल के अंदर नौ से अधिक सिलेंडर खर्च करने पर उपभोक्ताओं को बाकी के सिलेंडरों पर कोई रियायत यानी सब्सिडी नहीं मिलती है।

क्‍या वापस होंगे गैस सिलेंडर के बढ़े दाम?

दिल्ली में गैर रियायती एक सिलेंडर की कीमत 1241 रुपए हो गई है जो रियायती सिलेंडर की कीमत से करीब तीन गुना है। गैर रियायती सिलेंडरों की कीमत में वृद्धि को भी वापस लेने की मांग की जा रही है।

चिदंबरम ने कहा कि उन्हें इस बारे में ठीक से पता नहीं है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैर रियायती सिलेंडरों की कीमत में बढ़ोतरी को लागू कर दिया है या नहीं। वे दोनों प्रस्तावों पर विचार करेंगे।

सरकार ने सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए सितंबर 2012 में रियायती रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या छह तय की थी। इस कोटे को जनवरी 2013 में बढ़ाकर नौ कर दिया गया।