Tuesday, February 25, 2014

अनोखी पहलः यहां खरीदें 10रुपये में 10किताबें

New idea: buy 10 books in rupees 10
अगर ‌इस महंगाई के जमाने में कोई आपको डेढ़ रुपये में एक किताब दे दे तो। मुख्य रूप से यह छात्रों के लिए है लेकिन आम नागरिक भी इस छूट का फायदा उठा सकता है।

अगर आप बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम या एमबीए के छात्र है तो द्रोणाचार्य राजकीय कॉलेज आपके लिए शौगात लेकर आया है।

90 फीसदी की छूट पर कई नामचीन लेखकों की फिजिक्स, कैमेस्ट्री स‌हित अन्य विषयों की किताब खरीदकर ला सकते हैं। यानी महंगाई के इस दौर में दस रुपये में बैग भर कर किताब खरीदा जा सकता है। यह मौका मिल रहा है कॉलेज में आयोजित दस दिवसीय पुरानी किताबों के मेले से। जिसकी शुरुआत मंगलवार से कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई है।

छात्रों के अलावा किताबों के शौकीनों के लिए भी हिन्दी व अंग्रेजी के पुराने जमाने की साहित्य रचना मौजूद है। सुबह से ही अनौपचारिक रुप से इसकी शुरुआत कर दी, जिसे खरीदने के लिए छात्रों की भीड़ लगी रही।

कॉलेज छात्रों के अलावा अन्य किताब प्रेमी भी लाइब्रेरी तक पहुंच रहे थे। छात्रों की पहली प्राथमिकता पाठ्यक्रम से संबंधित किताबें थी।Gurgaon book fair

दरअसल, कॉलेज छात्रों को मूल्यवान किताबें सस्ती दरों में छात्रों को उपलब्ध कराने के लिए इस तरह का मेले का आयोजन कर रहा है। इसमें 1950-70 की दशक की वो किताबें है, जिनका प्रयोग प्रोफेसर सरीखे लोग बतौर संदर्भसूची या टेक्स्ट बुक के रूप में करते थे।

अब लेखकों से अनुमति लेकर छात्रों को 90 फीसदी छूट पर बेची जा रही है। लाइब्रेरी में साइंस, कॉमर्स, हिन्दी, साहित्य व अन्य विषयों की करीब 53 सौ किताबें रखी गई है।

कुछ लोग हुए परेशान
पुस्तक मेले में रखी किताबों का विषयवार व्यवस्था नहीं होने से छात्रों समेत अन्य किताब प्रेमियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कौन सी किताब किस विषय की कहां की रखी, इसकी कोई अनुक्रमणिका नहीं बनी हुई थी।

कुछ किताबें डेस्क पर रखी थी, तो कुछ जमीन पर रखी थी। इसकी वजह से नीचे रखी किताबों को ढूंढना परेशानी का सबब बना रहा। बाइंडिग बुक में नाम दर्ज नहीं होने से भी छात्रों को परेशान होना पड़ा।

द्रोणाचार्य राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके यादव ने बताया ‌कि अनौपचारिक रुप से पुस्तक मेले का शुभारंभ कर दिया गया है। इस दस दिवसीय पुस्तक मेले में 90 फीसदी छूट पर सभी तरह की किताबें दी जा रही है। छात्रों की रुचि बनी हुई है।

वहीं एक छात्र सकिर ने बताया ‌कि इस तरह का प्रयास सराहनीय है। कैमेस्ट्री किताब लेने आया था। डेढ़ रुपये में किताब मिल गई। बाहर 600 रुपये दाम है। इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए। वहीं सागर ने कहा ‌कि बायोटेक की किताबें बहुत आसानी से मिल गई। इतनी सस्ती किताबें मिलेंगी। इसकी उम्मीद नहीं थी। बीस रुपये में 12 किताबें आ गई। आज इनकी कीमत हजारों में है।

मोगा में तेंदुए का हमला, तीन किसान घायल

now leopard attack farmars, three injured
मेरठ में तेंदुए का आतंक अभी खत्म नहीं हुआ कि पंजाब के मोगा से भी अभी अभी एक बड़ी खबर आ रही है।

यहां एक तेंदुए ने खेत में काम कर रहे किसानों पर हमला कर दिया। हमले में तीन किसान घायल हो गए।

तेंदुए के शहर में आने और किसानों पर हमले की खबर फैलते ही लोगों में दहशत फैल गई। वन विभाग की टीमों ने तुरंत तेंदुए की तलाश शुरू कर दी।

अचानक सामने तेंदुआ देख उसे गोली मार दी गई। तेंदुए के मरने की खबर सुनकर लोगों ने राहत की सांस ली।

अन्य अपटेड लगातार हासिल करने के लिए अमर उजाला फेसबुक पेज ज्वाइन करें.


भटकल की हिट लिस्ट में शामिल था अक्षरधाम मंदिर

IM operatives were planning attacking on akshardham temple : NIA
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा कि इंडियन मुजाहिदीन के संस्‍थापक भटकल से बरामद दस्तावेजों में दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तस्वीरें मिली हैं।

अदालत ने इस आतंकी साजिश व देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के संस्थापक यासीन भटकल उसके सहयोगी असदुल्ला अख्तर व दो अन्य के खिलाफ आईएनए की ओर से दायर आरोपपत्र पर संज्ञान भी ले लिया है।

पढ़ें: हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतं‌की दिल्ली में क्या कर रहा था?

भटकल वही शख्स है जो लादेन के वीडियो दिखाकर युवाओं को जिहाद के नाम पर गुमराह करता था। इसकी हिट लिस्ट में अक्षरधाम मंदिर व पुणे स्थित आर्मी का इलाका भी शामिल था।

पटियाला हाउस अदालत के जिला न्यायाधीश आईएस मेहता ने भटकल, असदुल्ला के अलावा मंजर इमाम व उजैर अहमद के खिलाफ अब मामले की सुनवाई 7 मार्च तय की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में चारों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था।

पढ़ें: 'आतंकी है रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा'

आईएनए ने आरोपपत्र में कहा है कि बरामद दस्तावेजों में दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तस्वीरें मिली हैं। साथ ही पुणे आर्मी इलाके के भी कई फोटो हैं। यह फोटो रियाज भटकल ने आतंकी असादुल्ला अख्तर को भेजे थे।

एनआईए के मुताबिक, उसने दूसरे आतंकियों के साथ मिलकर दिल्ली, दरभंगा, नांदेड़, मुंबई, पुणे, भटकल व हैदराबाद में मॉड्यूल व स्लीपर सेल तैयार किए। वह भटकल स्थित अंजुमन इंजीनियरिंग के छात्रों से भी मिला था। चार्जशीट में यह भी दावा किया गया था कि आईएम की स्थापना बाबरी मस्जिद विध्वंस व गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए की गई थी।

आईएसआई करती है प्रबंध
एनआईए के अनुसार, आईएम को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई समय-समय पर फंड देने के अलावा उसके सदस्यों की ट्रेनिंग का भी प्रबंध करती रही है। आतंकियों से पूछताछ व बरामद दस्तावेजों से इस तथ्य की पुष्टि हुई है।

नियमावली तैयार, जल्द होंगी भर्तियां

guidelines ready for shiksha mitra recruitment
शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए नियमावली तैयार कर ली गई है। बेसिक शिक्षा विभाग चुनाव आयोग से सहमति के बाद ही इसे जारी करेगा।

विभाग का मानना है कि मौजूदा समय शिक्षक, स्नातक निर्वाचन की अधिसूचना के कारण आदर्श आचार संहिता लगी है, इसलिए चुनाव आयोग की सहमति जरूरी है।

चुनाव आयोग से सहमति मिलते ही शिक्षा मित्रों को शिक्षक पद पर समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को जल्द से जल्द शिक्षक पद पर समायोजित करना चाहती है।

इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया गया है। शिक्षा मित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने के लिए टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।

कैबिनेट से निर्णय के आधार पर नियमावली तैयार की जा चुकी है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने लंदन से लौटने के बाद सोमवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की।

सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग से इस संबंध में राय ली जाएगी कि नियमावली जारी करते हुए शिक्षा मित्रों का समायोजन किया जाए या नहीं।

वहां से अनुमति मिलने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पहले चरण में 58 हजार शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जाना है।

4 रुपये महीना पेंशन पाते हैं ये बुजुर्ग!

protest in janatar mantar, rupees 4 gettings as a pension
किसी को अगर आज की तारीख में 4 रुपये महीने की आमदनी हो तो क्या कहेंगे। और अगर वह चार रुपये महीने के रूप में देने वाला केंद्र की सरकार हो तब, कहने की जरूरत भी बचती है क्या!

श्रम मंत्रालय के अधीन पेंशन पाने वाले बुजुर्ग पूर्व कर्मचारियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस दौरान चार रुपये महीना पेंशन पाने वाले बुजुर्ग भी शामिल रहे।

बुजुर्गों ने कहा कि सभी मंत्रालयों के पेंशनरों को ऊंची पेंशन मिलती है लेकिन श्रम विभाग ऐसा है जहां कुछ लोगों के खाते में चार रुपये महीना भी पेंशन आती है।Pension protest

इस दौरान जंतर-मंतर आए भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बदलाव का दौर है, भाजपा की सरकार आने दीजिए। बुजुर्गों को उनका न्याय दिलाया जाएगा।

भारत पेंशनर समाज के बैनर तले जमा हुए लोगों पेंशनधारकों ने कहा कि अन्य विभागों में उनकी रैंक के लोगों को ऊंची पेंशन मिल रही है लेकिन श्रम विभाग में ऊंची पेंशन दूर न्यूनतम भी नहीं मिल पा रही।Pension protest

इस संबंध में समाज के महासचिव एसपी माहेश्वरी ने कहा कि उनके कुछ साथी ऐसे हैं जिनके खाते में चार रुपये महीने ही पेंशन के रूप में आते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि एक सचिव के पद के बराबर होने के बावजूद उन्हें उसकी तीन गुनी कम पेंशन मिलती है।

थाने में सपा नेता ‌पर बरसीं चप्पलें

SP leader slippers kicked woman in police station
आपसी विवाद में एक महिला ने सपा नेता पर थाने में ही जमकर चप्पलें बरसा दीं। महिला ने नेता की पत्नी पर भी हमला करते हुए दांत से काट लिया। हालांकि पुलिसकर्मियों ने महिला को काबू में किया। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया।

सपा की जिला कार्यकारिणी में पदाधिकारी वसुंधरा सेक्टर-2बी में रहते हैं। उनका पड़ोस में रहने वाली एक महिला से विवाद चल रहा है। आरोप है कि सोमवार सुबह पड़ोसी महिला जिला सचिव के घर पहुंच गई और वहां जमकर हंगामा किया। आसपास के लोगों की सूचना पर पुलिस भी आ गई।

पुलिस महिला और सपा नेता को थाने ले आई। इंस्पेक्टर इंदिरापुरम महिला से पूरे मामले की जानकारी ही ले रहे थे तभी महिला ने सामने से आए सपा नेता और उनकी पत्नी पर हमला बोलते हुए चप्पलें बरसा दीं। एसएचओ के सामने ही हुई इस घटना से थाने में हड़कंप मच गया।

महिला पुलिसकर्मियों ने तुरंत महिला को काबू में किया। महिला ने सपा नेता पर छह लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया। घटना के बाद कई सपा नेता थाने पर पहुंच गए। उधर महिला भी खुद को सपा से जुड़ा बता रही थी। सपा नेताओं ने मामले में दोनों पक्षों में समझौता कराया।

दीवार फांदकर भाग गए 40नाबालिग कैदी

40 minor prisoners escaped from juvenile home

खास-खास

बाल सुधार गृहों से भागने के कुछ मामले:
17 दिसंबर 2013: मुखर्जी नगर स्थित सेवा कुटीर बाल सुधार गृह से हंगामे के बाद 35 बाल कैदी फरार, पथराव और आगजनी में 14 बाल बाल कैदी जख्मी।
05 अक्तूबर 2013: सेवा कुटीर बाल सुधार गृह में जमकर हंगामा, मौके का फायदा उठाकर 33 बाल कैदी हुए फरार।
08 अगस्त 2013: मजनू का टीला स्थित बाल सुधार गृह में भागने की नियत से बाल कैदियों ने किया जमकर हंगामा। बाल कैदियों ने दीवार पर चढ़कर पड़ोस के घरों में किया पथराव कोई भी बाल कैदी भागने में नहीं हुबआ सफल।
राजधानी के बाल सुधार गृहों से हंगामा कर बाल कैदियों के फरार होने का सिलसिला जारी है। मुखर्जी नगर स्थित सेवा कुटीर से सोमवार शाम 40 बाल कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए।

दरअसल, सोमवार शाम को शिकायतें मिलने के बाद कुछ नाबालिगों को मजनू का टीला स्थित बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया जा रहा था। इससे नाराज नाबालिगों ने हंगामा कर दिया।

यह भी पढ़ें:घर के मालिक निकले सैर पर, चोरों ने किया हाथ साफ

सुरक्षा कर्मियों ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो नाबालिगों ने पथराव कर दिया और सभी फरार हो गए। सूत्रों की मानें तो फरार होने वाले नाबालिगों में एक हत्या के मामले का आरोपी व कई संगीन मामलों के बाल कैदी हैं।

बाल सुधार गृह प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से कुछ बड़े बाल कैदियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। कुछ छोटे बच्चों ने इन पर यौन शोषण के आरोप तक लगाए थे। इसके अलावा मारपीट के भी आरोप थे। इसी की वजह से हत्या व अन्य संगीन मामलों में शामिल नाबालिगों को मजनू का टीला शिफ्ट किया जा रहा था।

सोमवार को सेवा कुटीर में करीब 140 बाल कैदी मौजूद थे। इसी दौरान एक नाबालिग ने दीवार पर सिर मारकर अपना सिर फोड़ लिया और चिल्लाने लगा। शोर सुनकर आए अन्य नाबालिगों को उसने बताया कि उसके साथ मारपीट की गई है।

यह भी पढ़ें:देसी कट्टा लहरा रहा था तभी आ गई पुलिस

इस बात पर नाबालिगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के दौरान दूसरे नाबालिगों ने ताले में बंद अन्य बाल कैदियों को बाहर निकल लिया। इसके बाद इन लोगों ने सेवा कुटीर की ऊंची दीवार पर लगे कटीले तारों पर कंबल और तौलिए डाल दिए। इसके बाद एक-एक कर सभी फरार होने लगे।

विरोध करने पर इन लोगों ने सुरक्षा कर्मियों पर पथराव भी कर दिया। वारदात के दौरान बड़ी मुश्किल से बाकी बचे बाल कैदियों को काबू कर उन्हें अंदर लाया गया। सूत्रों की मानें तो फरार हुए नाबालिगों में पांच को वापस पकड़ लिया गया। इधर बाल सुधार गृह के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की गिनती की जा रही है।

ब्लू फिल्म दिखाकर 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म

rape with minor girl after showing her blue film
नई दिल्ली के जगतपुरी में मोबाइल पर ब्लू फिल्म दिखाकर 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने पड़ोस में रहने वाले राजेश (28) और उसकी पत्नी प्रेमलता (25) को गिरफ्तार कर लिया।

आरोप है कि पति के कहने पर प्रेमलता बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने घर ले आई और इसके बाद राजेश ने वारदात को अंजाम दिया।

यह भी पढ़ें:ड्राइवर के साथ लिव इन में रहती थी, पति ने मारी गोली

सोमवार को दोनों आरोपियों को कड़कड़डूमा अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस के मुताबिक सलमा (बदला हुआ नाम) के पड़ोस में राजेश और प्रेमलता किराए के मकान में रहते हैं। राजेश पेशे से कार चालक है। रविवार शाम बच्ची घर के पास खेल रही थी। इस बीच प्रेमलता ने सलमा को अपने कमरे पर बुला लिया।

यह भी पढ़ें: नानी के लिव पार्टनर ने 9 साल की बच्ची से किया रेप

आरोप है कि वहां राजेश ने उसे जान से मारने की धमकी की और अपने मोबाइल पर ब्लू फिल्म दिखाकर दुष्कर्म किया। वारदात के समय प्रेमलता वहीं मौजूद थी। आरोपी ने धमकाने के बाद बच्ची को छोड़ दिया।

सलमा ने अपनी मां को सारी बात बताई। आरोपियों ने सलमा की मां को भी धमकी दी। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सलमा का मेडिकल कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया।

उत्तराखंड में मंत्री पर छेड़छाड़ का आरोप

molestation charge against uttarakhand Cabinet minister
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री पर छेड़छाड़ का आरोप लगा है। एक युवती ने दिल्ली के दक्षिण जिला पुलिस में छेड़छाड़ की शिकायत की है।

सफदरजंग एंक्लेव थाने में मामले की जांच

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंत्री के खिलाफ शिकायत मिलने की पुष्टि की है। हालांकि सोमवार देर शाम तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। मामले की जांच सफदरजंग एंक्लेव थाना पुलिस कर रही है।

पुलिस के अनुसार मामला पिछले वर्ष सितंबर महीने का है। 30 वर्षीय पीड़ित युवती सुमन (बदला हुआ नाम) मूल रूप से मेरठ की रहने वाली है। वह काफी समय से दिल्ली में रह रही है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई कर रही है।

कार्यक्रम में मंत्री से मुलाकात हुई

युवती ने अपनी शिकायत में कहा कि वह कैबिनेट मंत्री को पहले से जानती है। एक कार्यक्रम में मंत्री से उसकी मुलाकात हुई थी।

सितंबर, 2013 में वह मंत्री से ग्रीन पार्क स्थित एक घर में मिलने गई थी। यह घर पहले मंत्री का बताया जा रहा था। मंत्री ने उसे नौकरी दिलवाने के लिए बुलाया था। युवती ने आरोप लगाया है कि घर में मंत्री ने उसके साथ छेड़छाड़ की। मंत्री ने नौकरी लगवाने के लिए अपनी और भी कुछ इच्छाएं रखी। इस घटना से युवती बहुत ज्यादा डर गई थी।

छह महीने बाद शिकायत क्यों

दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस बात की जांच की जा रही है कि युवती ने करीब छह महीने बाद शिकायत क्यों दी है। ऐसा तो नहीं है कि उसे जान से मारने की धमकी दी गई हो या डर की वजह से युवती चुप थी।

दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि युवती की शिकायत पर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। मामला एक कैबिनेट मंत्री का होने के कारण दक्षिण जिला पुलिस अधिकारी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं।

अन्य अपटेड लगातार हासिल करने के लिए अमर उजाला फेसबुक पेज ज्वाइन करें.


शिंदे की धमकी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कुचल डालेंगे!

Shinde threatened electronic media will crush!
अकसर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। कांग्रेस और यूपीए सरकार की आलोचनाओं से परेशान शिंदे ने इलेक्ट्रानिक मीडिया को कुचल डालने जैसा बयान दे डाला।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया का एक वर्ग गलत और अनावश्यक खबरें चलाकर कांग्रेस के खिलाफ लोगों को भड़का रहा है। महाराष्ट्र्र के शोलापुर जिले के निवासी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिंदे ने अपनी यह भड़ास सोमवार शाम को यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में निकाली।

शोलापुर से लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रानिक मीडिया का एक वर्ग पिछले चार महीने से उनके और उनकी पार्टी के बारे में तोड़-मरोड़ कर खबरें दिखा रहा है। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर ऐसी रिपोर्टों पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई तो इन्हें कुचल दिया जाएगा।

अपने विवादित बयान के बाद जब ‌केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के ऊपर आरोप लगने लगे तो शिंदे अपने बयान से पलट गए और कहा कि मैंने इलेक्ट्रानिक मीडिया पर नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर यह बयान दिया था।

दंगों पर फिर गर्माई सियासत, अखिलेश चुप!

opposition warmed house on riots
विधानसभा में सोमवार को दंगों को लेकर एक बार फिर हंगामा हुआ।

सरकार ने दावा किया कि वर्ष 2009 से 2014 तक केवल पांच दंगे हुए हैं जबकि विपक्षी सदस्यों ने सौ से ज्यादा दंगों की बात कहते हुए सरकार को घेरा।

विपक्ष का कहना था कि पिछले सत्र में ही सरकार ने दंगों की संख्या 27 बताई थी।

इसे लेकर पहले बसपा और फिर भाजपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।

सदस्यों के हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को दो बार में 15 मिनट के लिए प्रश्न प्रहर की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

प्रश्न प्रहर में कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह और प्रदीप माथुर, भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना, डॉ. अरुण कुमार, पीस पार्टी के मो. अयूब और बसपा के नीरज मौर्य ने सरकार से वर्ष 2009 से 2013 तक प्रदेश में हुए दंगों के बारे में विस्तृत जानकारी चाही थी।

संसदीय कार्यमंत्री मो. आजम खां ने सदस्यों के सवाल के जवाब में बताया कि 2009-10 में एक दंगा हुआ जिसमें कोई मौत नहीं हुई। 28 लोग घायल हुए।

2010-11 और 2011-12 में कोई दंगा नहीं हुआ जबकि 2012-13 व 2013-14 में 15 फरवरी 2014 तक कुल चार दंगे हुए।
इनमें जिनमें 73 लोगों की मौत हुई और 153 लोग घायल हुए।

अनुग्रह नारायण सिंह ने अनुपूरक सवाल के जरिये प्रदेश में हर तरह के दंगे की जानकारी मांगी थी जबकि सरकार ने जवाब केवल सांप्रदायिक दंगे तक ही सीमित रखा।

बसपा सदस्यों की नारेबाजी के बीच आजम खां ने कहा कि दंगे में बसपा के लोग भी शामिल थे।

उन्हें बचाने के लिए बसपा सदन में हंगामा कर रही है।

बसपा के लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और कार्रवाई की गई है। ये मुसलमानों के कभी हमदर्द नहीं रहे।

इनके हंगामे के बाद भाजपा के हुकुम सिंह, सुरेश राणा और सुरेश खन्ना ने सरकार पर हमला बोल दिया।

भाजपा सदस्य भी वेल में आ गए और सवाल किया कि सरकार जब कह रही है कि दंगे में बसपा के लोग थे तो उनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

भाजपा ने आरोप लगाया कि सपा और बसपा मिली हुए हैं। शोरगुल के बीच आजम ने भाजपा को दंगे का चैंपियन बताते हुए आरोप लगाया कि दंगे में भाजपा के लोग सबसे आगे थे।

उत्तर प्रदेश को गुजरात बनाने की कोशिश की गई लेकिन हमने बनने नहीं दिया।

हंगामे के चलते अध्यक्ष ने 11.38 बजे सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में स्थगन पांच मिनट और बढ़ा दिया गया।

दीवार फांदकर भाग गए 40नाबालिग कैदी, हंगामा

40 minor prisoners escaped from juvenile home

खास-खास

बाल सुधार गृहों से भागने के कुछ मामले:
17 दिसंबर 2013: मुखर्जी नगर स्थित सेवा कुटीर बाल सुधार गृह से हंगामे के बाद 35 बाल कैदी फरार, पथराव और आगजनी में 14 बाल बाल कैदी जख्मी।
05 अक्तूबर 2013: सेवा कुटीर बाल सुधार गृह में जमकर हंगामा, मौके का फायदा उठाकर 33 बाल कैदी हुए फरार।
08 अगस्त 2013: मजनू का टीला स्थित बाल सुधार गृह में भागने की नियत से बाल कैदियों ने किया जमकर हंगामा। बाल कैदियों ने दीवार पर चढ़कर पड़ोस के घरों में किया पथराव कोई भी बाल कैदी भागने में नहीं हुबआ सफल।
राजधानी के बाल सुधार गृहों से हंगामा कर बाल कैदियों के फरार होने का सिलसिला जारी है। मुखर्जी नगर स्थित सेवा कुटीर से सोमवार शाम 40 बाल कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए।

दरअसल, सोमवार शाम को शिकायतें मिलने के बाद कुछ नाबालिगों को मजनू का टीला स्थित बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया जा रहा था। इससे नाराज नाबालिगों ने हंगामा कर दिया।

यह भी पढ़ें:घर के मालिक निकले सैर पर, चोरों ने किया हाथ साफ

सुरक्षा कर्मियों ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो नाबालिगों ने पथराव कर दिया और सभी फरार हो गए। सूत्रों की मानें तो फरार होने वाले नाबालिगों में एक हत्या के मामले का आरोपी व कई संगीन मामलों के बाल कैदी हैं।

बाल सुधार गृह प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से कुछ बड़े बाल कैदियों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। कुछ छोटे बच्चों ने इन पर यौन शोषण के आरोप तक लगाए थे। इसके अलावा मारपीट के भी आरोप थे। इसी की वजह से हत्या व अन्य संगीन मामलों में शामिल नाबालिगों को मजनू का टीला शिफ्ट किया जा रहा था।

सोमवार को सेवा कुटीर में करीब 140 बाल कैदी मौजूद थे। इसी दौरान एक नाबालिग ने दीवार पर सिर मारकर अपना सिर फोड़ लिया और चिल्लाने लगा। शोर सुनकर आए अन्य नाबालिगों को उसने बताया कि उसके साथ मारपीट की गई है।

यह भी पढ़ें:देसी कट्टा लहरा रहा था तभी आ गई पुलिस

इस बात पर नाबालिगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के दौरान दूसरे नाबालिगों ने ताले में बंद अन्य बाल कैदियों को बाहर निकल लिया। इसके बाद इन लोगों ने सेवा कुटीर की ऊंची दीवार पर लगे कटीले तारों पर कंबल और तौलिए डाल दिए। इसके बाद एक-एक कर सभी फरार होने लगे।

विरोध करने पर इन लोगों ने सुरक्षा कर्मियों पर पथराव भी कर दिया। वारदात के दौरान बड़ी मुश्किल से बाकी बचे बाल कैदियों को काबू कर उन्हें अंदर लाया गया। सूत्रों की मानें तो फरार हुए नाबालिगों में पांच को वापस पकड़ लिया गया। इधर बाल सुधार गृह के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की गिनती की जा रही है।

'धोखेबाजों की पार्टी है एनसीपी'

ncp is party of fraudsters
शिव सेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को धोखेबाजों की पार्टी करार दिया है। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पवार का दामन थाम रहे 'लालची' सैनिकों (शिवसेना कार्यकर्ताओं) को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे डूब रहे जहाज में सवार हो रहे हैं।

डोबिंविली में शिव सेना, भाजपा, आरपीआई और एसडब्ल्यूपी की एक ब़ड़ी रैली में शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस को उनकी नाकामियों के लिए खूब कोसा और लोगों से भरोसेमंद गठजोड़ का चुनाव करने को कहा।

रविवार को देर रात की रैली में उद्धव ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने अच्छा काम करने वाले योग्य शिव सैनिकों को चुन कर उन्हें अहम पद दिए थे। लेकिन उन्होंने लालच में आकर पार्टी और इसके नेतृत्व को धोखा दिया। वे इसे छोड़ कर दूसरी पार्टी में चले गए। ऐसे लोगों में एक नाम आनंद परांजपे का है। आप उसे सबक सिखाएं।

उद्धव ने कहा, एनसीपी शिव सेना के नेताओं को तोड़ रही है। लेकिन इससे हमारी पार्टी कमजोर नहीं होगी। हमारा विस्तृत जनाधार ही हमारी संपत्ति है और आने वाले चुनाव में जनता अपनी ताकत साबित कर देगी। जो लोग एनसीपी में जा रहे हैं उन्हें मालूम नहीं है कि वे एक डूब रहे जहाज में सवार हो रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों के भीतर शिवसेना के कई नेता पार्टी छोड़ कर चले गए हैं। इससे पार्टी को झटका लगा है। हाल में शिरडी के सांसद भाऊसाहेब बाकचौड़े कांग्रेस में शामिल हो गए। पारभनी से सेना के एक और नेता गणेश दूधगांवकर के भी एनसीपी में शामिल होने की खबर है।

सेना की गोपनीयता में सेंध, ISI एजेंट गिरफ्तार

invading in indian army privacy, isi agent arrested
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं व दस्तावेज भेजने वाले सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार इंद्रपाल कुशवाहा को एटीएस ने रविवार की रात सदर बाजार में दबोचा है।

उसके पास से दो सीडी और एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें सेना से जुड़ी कई अहम जानकारियां हैं। आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

एटीएस के डीआईजी को सूचना मिली थी कि भारतीय सेना का सेवानिवृत्त सूबेदार लंबे समय से पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सेना के अफसरों व सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा है। इसके एवज में उसके बैंक एकाउंट में पैसा जमा किया जा रहा है।

सुराग हाथ लगने पर डीआईजी ने लखनऊ से इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में 21 फरवरी को एटीएस की एक टीम झांसी भेजी थी। 23 फरवरी यानी रविवार की शाम टीम को सूचना मिली कि इंद्रपाल सैन्य सूचनाएं आईएसआई को भेजने के लिए सदर बाजार स्थित एक साइबर कैफे आने वाला है।

सदर बाजार पहुंचते ही रात करीब 8.55 बजे एटीएस के जवानों ने आईएसआई एजेंट को दबोच लिया। उसके पास से झांसी में तैनात सैन्य अफसरों के फोन नंबर, गोपनीय कोडवर्ड व महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।

इंद्रपाल मूल रूप से बांदा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के बिछावरी गांव का रहने वाला है। सेवानिवृत्ति के बाद से वह झांसी के कैंट क्षेत्र में डी-174/3 टैगोर लेन में रहता था।