![चुनाव से पहले जैनियों को पटाने में जुटी सरकार government consider proposal to grant minority status to jains](http://img.amarujala.com/2014/01/05/manmohan-singh-52c95867141ce_exl.jpg)
चुनावी दस्तक से ठीक पहले यूपीए सरकार ने अंतिम चुनावी दांवों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है।
इस कड़ी में सरकार ने जहां जैन धर्म को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारी कर ली है, वहीं अल्पसंख्यकों में शामिल अन्य धर्मों के लोगों को लुभाने के लिए समान अवसर आयोग की तैयारियों में भी जुटी है।
जैन धर्म को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कानून में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को कानून मंत्रालय ने तो हरी झंडी देते हुए इससे संबंधित नोट को प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेज दिया है।
माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में ही जैनियों को अल्पसंख्यक का दर्जा हासिल हो जाएगा।
उधर केंद्र सरकार न केवल समान अवसर आयोग के गठन का फैसला कर चुकी है, बल्कि इससे संबंधित मसौदे में आयोग को व्यापक कानूनी शक्तियां भी देने की सिफारिश की गई है।
अल्पसंख्यक मामलों के सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में मंत्रालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को कानून मंत्रालय और अटार्नी जनरल ने अंतिम रूप दे दिया है। इससे संबंधित नोट प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जा चुका है।
जैनियों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारियों की पुष्टि करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहमान खान ने सच्चर कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप अल्पसंख्यकों के हितों के लिए समान अवसर आयोग बनाने की भी बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार बहुत जल्द इस बारे में अंतिम फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि आयोग से संबंधित मसौदा फिलहाल कैबिनेट के पास है और जल्द ही इसे कानूनी जामा पहना दिया जाएगा।
मसौदे के मुताबिक आयोग में न केवल अल्पसंख्यक शामिल होंगे, बल्कि इसे कानूनी शक्ति भी उपलब्ध कराई जाएगी।
कानून बनने के बाद देश के किसी भी कोने में अल्पसंख्यक धर्म के आधार पर अवसर न मिलने की स्थिति में आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
इस कड़ी में सरकार ने जहां जैन धर्म को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारी कर ली है, वहीं अल्पसंख्यकों में शामिल अन्य धर्मों के लोगों को लुभाने के लिए समान अवसर आयोग की तैयारियों में भी जुटी है।
जैन धर्म को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कानून में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को कानून मंत्रालय ने तो हरी झंडी देते हुए इससे संबंधित नोट को प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेज दिया है।
माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में ही जैनियों को अल्पसंख्यक का दर्जा हासिल हो जाएगा।
उधर केंद्र सरकार न केवल समान अवसर आयोग के गठन का फैसला कर चुकी है, बल्कि इससे संबंधित मसौदे में आयोग को व्यापक कानूनी शक्तियां भी देने की सिफारिश की गई है।
अल्पसंख्यक मामलों के सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में मंत्रालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को कानून मंत्रालय और अटार्नी जनरल ने अंतिम रूप दे दिया है। इससे संबंधित नोट प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जा चुका है।
जैनियों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारियों की पुष्टि करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहमान खान ने सच्चर कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप अल्पसंख्यकों के हितों के लिए समान अवसर आयोग बनाने की भी बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार बहुत जल्द इस बारे में अंतिम फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि आयोग से संबंधित मसौदा फिलहाल कैबिनेट के पास है और जल्द ही इसे कानूनी जामा पहना दिया जाएगा।
मसौदे के मुताबिक आयोग में न केवल अल्पसंख्यक शामिल होंगे, बल्कि इसे कानूनी शक्ति भी उपलब्ध कराई जाएगी।
कानून बनने के बाद देश के किसी भी कोने में अल्पसंख्यक धर्म के आधार पर अवसर न मिलने की स्थिति में आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
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