![PF पर मिल सकता है 9.5 फीसदी ब्याज Unions to press for 9.5% interest on PF deposits](http://img.amarujala.com/2013/08/26/rupees-income-521a6557629e3_exl.jpg)
अगले सप्ताह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ट्रस्टियों की बैठक से पहले मजदूर संघों ने ब्याज दर बढ़ाने का दबाव बढ़ा दिया है।
विभिन्न संघों ने कहा है कि वे चालू वित्त वर्ष के लिए कोष पर 9.5 फीसदी ब्याज की मांग करेंगे।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव और ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य डीएल सचदेव ने कहा कि वे वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 9.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि पीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज वर्तमान में बैंकों में मिल रहे ब्याज से कम है और यह महंगाई दर के सापेक्ष भी नहीं है।
नवंबर में औद्योगिक मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर 11.47 फीसदी थी। इसी दर पर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करती है।
पढ़ें, RBI ने दिया नए साल का तोहफा
वहीं, ईपीएफओ के अनुमान के मुताबिक ब्याज दर में आधा फीसदी की मामूली वृद्धि से 1220 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, जिसे वहन करना संभव नहीं है।
हालांकि, ईपीएफओ के एक दूसरे ट्रस्टी और भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय सचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर साल 2012-2013 के 8.5 फीसदी से अधिक होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक खर्चों में कमी और कार्य क्षमता बेहतर कर 8.5 फीसदी से अधिक ब्याज दिया जा सकता है।
विभिन्न संघों ने कहा है कि वे चालू वित्त वर्ष के लिए कोष पर 9.5 फीसदी ब्याज की मांग करेंगे।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव और ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य डीएल सचदेव ने कहा कि वे वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 9.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि पीएफ पर 8.5 फीसदी ब्याज वर्तमान में बैंकों में मिल रहे ब्याज से कम है और यह महंगाई दर के सापेक्ष भी नहीं है।
नवंबर में औद्योगिक मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर 11.47 फीसदी थी। इसी दर पर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करती है।
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वहीं, ईपीएफओ के अनुमान के मुताबिक ब्याज दर में आधा फीसदी की मामूली वृद्धि से 1220 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, जिसे वहन करना संभव नहीं है।
हालांकि, ईपीएफओ के एक दूसरे ट्रस्टी और भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय सचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर साल 2012-2013 के 8.5 फीसदी से अधिक होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक खर्चों में कमी और कार्य क्षमता बेहतर कर 8.5 फीसदी से अधिक ब्याज दिया जा सकता है।
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