Saturday, December 21, 2013

समलैंग‌िकों के समर्थन में केंद्र, पुनर्विचार याचिका दायर

government filed reconsideration plea in homosexual issue

खास-खास

सरकार के कदम
  • संशोधन से बचने के लिए केंद्र ने लगाई जुगत
  • सरकार ने अपने ही कानून को पुनर्विचार याचिका में बताया त्रुटिपूर्ण
  • कहा, सर्वोच्च अदालत के फैसले का बचाव नहीं किया जा सकता
कानून बनाने और उसमें बदलाव करने में सक्षम केंद्र सरकार अप्राकृतिक यौनाचार को दंडनीय अपराध करार देने वाली आईपीसी की धारा 377 में खुद संशोधन करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गई है।

एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई से बचने की जुगत लगाते हुए सरकार ने सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर कर उस फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है, जिसमें धारा 377 को संवैधानिक ठहराया था।

सरकार ने समलैंगिक वयस्कों में स्वेच्छा से यौन संबंध बनाने को अपराध के दायरे से बाहर करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त करने की व्यवस्था पर सर्वोच्च अदालत से पुनर्विचार की मांग की है।

मौजूदा कानून के तहत अप्राकृतिक यौनाचार दंडनीय अपराध है, जिसके लिए उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान है। सरकार ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने के शीर्षस्थ अदालत की ओर से 11 दिसंबर को दी गई व्यवस्था का बचाव नहीं किया जा सकता।

केंद्र की इस याचिका को एजी गुलाम ई वाहनवती ने अंतिम रूप दिया है, जिसमें अदालत से याचिका का निपटारा करने से पहले ओपन कोर्ट में मौखिक दलीलें पेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है।

पुनर्विचार के लिए दिए 76 आधार
पुनर्विचार याचिका में सरकार ने 11 दिसंबर के निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए 76 आधार दिए हैं।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय त्रुटिपूर्ण ही नहीं, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों के बारे में दिए गए सिद्धांतों के खिलाफ है।

गृह मंत्रालय ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि एकांत में सहमति से यौन संबंध स्थापित करने को अपराध करार देने वाली आईपीसी की धारा 377 का प्रावधान संविधान में दिए गए समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि प्राकृतिक व्यवस्था के खिलाफ संबंध बनाने को अपराध करार देने वाली धारा 377 ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों के मुताबिक है जिसे भारत में 1860 में शामिल किया गया था।

याचिका के अनुसार इसकी कोई कानूनी शुद्धता नहीं है और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के मद्देनजर गैरकानूनी है। याचिका में यह तर्क भी दिया गया है कि शीर्षस्थ अदालत ने भी यह व्यवस्था दी है कि एक कानून जो लागू किए जाने के समय न्यायोचित था समय के साथ मनमाना और अनुचित हो सकता है।

फैसले के निष्कर्ष सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्थाओं के विपरीत : केंद्र
सरकार ने पुनर्विचार याचिका में यह दलील भी दी कि फैसले में दिए गए सर्वोच्च अदालत के तमाम निष्कर्ष इसी न्यायालय की ओर से दी गई तमाम व्यवस्थाओं के विपरीत है।

याचिका के अनुसार सरकार ऐसे ही प्रत्येक निष्कर्ष पर सवाल उठा रही है जो पिछली व्यवस्थाओं के मद्देनजर त्रुटिपूर्ण नजर आते हैं।

सर्वोच्च अदालत के फैसले को मध्ययुगीन और प्रतिगामी बताते हुए कहा गया है कि शीर्षस्थ अदालत ने सुनवाई के दौरान केंद्र की इस दलील पर विचार ही नहीं किया कि हाईकोर्ट के निर्णय में किसी प्रकार की कानूनी खामी नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के माध्यम से केंद्र ने इस न्यायालय में अपील पर सुनवाई के दौरान कहा था कि हाईकोर्ट के दो जुलाई, 09 के फैसले में कोई कानून गलती नहीं है और इसी वजह से केंद्र की ओर से हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई थी।

सरकार ने तीसरे पक्ष के औचित्य पर उठाया सवाल
सरकार ने इस मामले में तीसरे पक्ष के औचित्य पर भी सवाल उठाया है, जिनकी अपील पर शीर्षस्थ अदालत ने फैसला सुनाया है।

याचिका के अनुसार हाईकोर्ट के निर्णय को अधिकांश तीसरे पक्षों ने ही चुनौती दी थी जो हाईकोर्ट में पक्षकार नहीं थे। सर्वोच्च अदालत को ऐसी स्थिति में विचार करने के चरण में ही उन याचिकाओं को खारिज कर देना चाहिए था।

क्योंकि कानूनों की संवैधानिकता का बचाव करना तीसरे पक्ष का नहीं, बल्कि राज्य का कर्तव्य है। सरकार ने सर्वोच्च अदालत की इस टिप्पणी पर भी सवाल उठाया है कि हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देने के केंद्र के फैसले के बावजूद संसद को कानून में संशोधन की राय दी गई।

वसुंधरा राजे के दो मंत्रियों पर मर्डर का केस

Convicted minister in vasundhra raje

खास-खास

दोनों पर फर्जी एनकाउंटर आरोप
  • राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने 12 मंत्रियों को दिलाई शपथ
  • राजे के मंत्रिमंडल में एक भी महिला नहीं
राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों को शुक्रवार को राजभवन में शपथ दिलाई गई। इन 12 मंत्रियों में से दो ऐसे विधायक (गुलाब चंद कटारिया व राजेंद्र राठौड़) भी हैं, जिन पर हाई प्रोफाइल मर्डर जैसे मामले दर्ज हैं।

राजे के मंत्रिमंडल में एक भी महिला को स्थान नहीं दिया गया जबकि इस बार चुनाव में भाजपा की 22 महिलाएं जीती हैं। राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने नौ कैबिनेट और तीन राज्य मंत्री को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

भाजपा की पिछली सरकार में गृह मंत्री रह चुके कटारिया गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर में आरोपी हैं। इसी साल सीबीआई ने उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र दायर किया है। हालांकि मुंबई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है।

जबकि राजेंद्र सिंह राठौड़ को सीबीआई ने दारा सिंह फर्जी एनकाउंटर केस में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दोनों को ही कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है।

इसके अलावा काली चरण सर्राफ , कैलाश मेघवाल, सांवर लाल जाट, प्रभु लाल सैनी, गजेंद्र्र सिंह खिवसर, युनूस खान और नंदलाल मीणा ने कैबिनेट मंत्री तथा अरुण चतुर्वेदी, अजय सिंह और हेम सिंह भड़ाना ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।

वसुंधरा के मंत्रिमंडल में दो-दो राजपूत, वैश्य व जाट हैं तथा एक-एक मुस्लिम, माली, एससी, एसटी, गुर्जर व ब्राह्मण नेता को शामिल किया गया है।

लवली की गुगली, 'आप' को झटका

congress attack on aap, may not give support to make govt
हाल में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे दिलचस्प खेल दिल्ली की राजनीति में दिखा। ऐसा लग रहा था कि बार-बार फैसला टालने के बाद आम आदमी पार्टी सोमवार को सरकार बनाने से जुड़ा ऐलान कर सकती है। लेकिन अब इसमें नया पेंच आ गया है।

गुरुवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए अरविंदर सिंह लवली अगले ही दिन एक बयान देकर हड़कंप मचा दिया है। लवली ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला।

देखें:- वाराणसी में मोदी, एक्सक्लूसिव तस्वीरें

लवली ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जनता से झूठे वादे किए थे और कांग्रेस ने उसकी पोल खोलने के लिए समर्थन देने पर हामी भरी।

लवली ने कहा, "हमने किसी पार्टी को समर्थन देने की बात नहीं की है, हम जनादेश का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि लोगों ने हमें नहीं दूसरी पार्टी को चुना। हमने आप को बाहर से समर्थन देने की बात कही थी और उसके कामकाज में कोई दखल नहीं देंगे।"

दिल्लीः 'आप' बनाएगी सरकार, ऐलान बाकी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल को समर्थन देने का फैसला इसलिए हुआ, ताकि आम आदमी पार्टी सरकार बनाए और जनता को यह पता चल सके कि उन्होंने जनता को धोखा दिया है। वह दरअसल, बहाने खोज रहे हैं ताकि जिम्मेदारी से भागा जा सके।

लवली ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी को जनादेश पर भरोसा होता, अपने आप पर भरोसा होता, तो वह अब तक सरकार बना लेती।


लवली ने कहा, 'आम आदमी पार्टी कांग्रेस को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस का समर्थन आप के घोषणापत्र को है न कि पार्टी को। कांग्रेस केवल उन्हें विधानसभा में समर्थन करेगी। यह साफ है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा नहीं होगी। आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने वो‌ट दिया है और हम उसका सम्मान करते हुए समर्थन कर रहे हैं।'

लवली ने कहा कि कांग्रेस का संगठन कमजोर नहीं है। हर हार से नई सीख मिलती है। इसलिए कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि वह आम लोगों के संपर्क में आए।

इस जोरदार हमले के बाद अब केजरीवाल और उनकी पार्टी के जवाब का इंतजार है, जो पहले भी कह चुकी है कि कांग्रेस कभी भी उनकी सरकार गिरा सकती है, इसलिए वह अब तक सरकार बनाने का फैसला नहीं कर सके हैं।

लवली ने कहा आप एसएमएस का नाटक खेल रही है, लेकिन किसी को नहीं पता कि इनमें क्या आ रहा है और क्या नहीं।

इससे पहले खबर आ रही थी कि जब आप सरकार बनाने के बारे में गंभीरता से सोच रही है, तो कांग्रेस उसे समर्थन न देने का फैसला कर सकती है।

LIVE: पुजारा का शतक, भारत को बड़ी बढ़त

LIVE: 3rd day of Johannesburg test
गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद चेतेश्वर पुजारा के शानदार शतक और विराट कोहली के अर्द्धशतक की मदद से भारत ने पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका पर शिकंजा कस लिया है।

पहली पारी में 36 रन की अहम बढ़त लेने के बाद भारत ने मैच के तीसरे दिन दूसरी पारी में खबर लिखे जाने तक दो विकेट पर 224 रन बना लिए थे और उसकी बढ़त 260 रन की हो चुकी थी।

चेतेश्वर पुजारा 101 और विराट कोहली 52 रन बनाकर खेल रहे थे। दोनों तीसरे विकेट के लिए लगभग पांच रन प्रति ओवर की औसत से 131 रन जोड़ चुके थे। भारत ने पहली पारी में 280 रन बनाए थे।

पुजारा और कोहली की साझेदारी को तोड़ने के लिए कप्तान ए बी डीविलियर्स ने अपने सात गेंदबाजों का इस्तेमाल किया लेकिन सबके सब असहाय नजर आए।

यहां तक की डीविलियर्स ने खुद विकेटकीपिंग पैड खोलकर गेंदबाजी थामी लेकिन वह भी इन दोनों दिग्गजों को डिगा नहीं सके। हालांकि दूसरी पारी में भी शुरुआत एक बार फिर खराब रही थी और ओपनर शिखर धवन मात्र 15 रन बनाकर आउट हो गए।

पुजारा ने यहीं से मोरचा संभाला और मुरली विजय के साथ दूसरे विकेट के लिए 70 रन की साझेदारी निभाकर टीम को इस झटके से उबार लिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया।

पुजारा को हालांकि 51 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर एक जीवनदान भी मिला था। इससे पहले तेज गेंदबाजों जहीर खान और इशांत शर्मा ने चार-चार विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 244 रन पर ढेर कर दिया।

दक्षिण अफ्रीका ने सुबह छह विकेट पर 213 रन से आगे अपनी पारी को बढ़ाया लेकिन लंच से पहले 75.3 ओवर में उसकी पूरी टीम सिमट गई। जहीर ने दिन के चौथे ओवर में ही दूसरे दिन के नाबाद बल्लेबाज वर्नोन फिलेंडर को 59 रन पर आउट कर दिया।

फिलेंडर ने फाफ डू प्लेसिस के साथ सातवें विकेट के लिए 80 रन की साझेदारी निभाई। डू प्लेसिस भी जहीर की गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी को कैच थमाकर चलते बने जबकि डेल स्टेन को इशांत शर्मा ने अपना शिकार बनाया।

जहीर फिर मोर्ने मोर्कल को बोल्ड कर दक्षिण अफ्रीकी पारी का अंत कर दिया। दक्षिण अफ्रीकी टीम सुबह 9.3 ओवर में मात्र 31 रन ही और जोड़ सकी।

चुनावी फाइनलः गांधी फैमिली पर मोदी के हमले तेज

namo in vijay shankhnaad rally in varanasi, attacks gandhi family
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद शुक्रवार को सियासी पारा एक बार फिर चढ़ा और बनारस में भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार पर हमला बोला।

विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि गरीबी-वरीबी कुछ नहीं होती। सिर्फ मन की अवस्‍था होती है। सच यह है कि शाम को घर में जब चूल्‍हा न जले तो पता चलता है कि गरीबी क्या होती है?"

देखें:- वाराणसी में मोदी, एक्सक्लूसिव तस्वीरें

मोदी ने कहा कि चुनाव करीब आते हैं, तो कांग्रेस गरीब-गरीब की माला जपने लगती है और सोचते हैं कि उनका साथ मिल जाए, तो नैय्या पार हो जाए। अगर गरीबों को तबाह करने का दोषी है, तो एक परिवार है। इनकी मान‌सिकता भी खराब है। गरीबी क्या होती है, इसे देखने के लिए हमें जाना नहीं पड़ता, क्योंकि हमने बचपन गरीबी में बिताया है।

मजदूर, चायवाला भी बन सकता है पीएम
गरीबों से कनेक्‍शन बनाने के लिए मोदी ने एक बार फिर अपनी 'आम आदमी' की छवि को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूं कि कांग्रेस गरीबों से कितनी नफरत करती है। यूपीए के एक नेता ने कहा कि चायवाला भी कभी पीएम बन सकता है!

मोदी की विजय शंखनाद रैली, कब-कब क्या हुआ?

भाजपा के पीएम इन वेटिंग ने सवाल किया कि क्या चाय बेचकर, मेहनत करके खड़ा होना पाप है? गरीबों की बात करने वाले लोग खुलेआम बोल रहे हैं कि क्या चाय बेचने वाला कभी पीएम बन सकता है?

अगर देश की जनता आशीर्वाद दे, तो खेत में काम करने वाला भी पीएम बन सकता है। फुटपाथ पर पॉलिश करने वाला भी पीएम बन सकता है। हमें चाय बेचना मंजूर है, देश बेचना मंजूर नहीं।

narendra modi
















किसानों को रडार पर लेते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली की सरकार धान को सड़ने देती है। सुप्रीम कोर्ट कहता है कि गरीबों में बांट दो। लेकिन सरकार उन्हें सड़ने देती है। जिस किसान ने पसीना बहाकर धान पैदा किया, उसे 80 पैसे की दर से शराब पीने वालों को बेच देते हैं। हैरानी है कि किसी देश के शासक ऐसे हो सकते हैं। किसान और गरीब की मेहनत इस तरह लुटाई जाती है। यह किसानों का अपमान है। देश के गरीबों का मजाक है यह।"

उत्तर प्रदेश को लुभाने की कोशिश
लोकसभा चुनाव करीब हैं और प्रदेश में 80 सीटें रखने वाला उत्तर प्रदेश सियासी ‌लहजे से बेहद अहम है। मोदी को यह बात पता है। यही वजह है कि उन्होंने यूपी पर खास ध्यान दिया।

मोदी ने कहा, "उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता है कि यहां किसी एक दल की सरकार नहीं बनती। यह राज्य का अपमान है। क्या उत्तर प्रदेश का इस्तेमाल केवल सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए है? मेरी सोच इतनी सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के विकास के बिना हिंदुस्तान का विकास नहीं हो सकता।"

उन्होंने कहा, "यूपी देश के विकास के इंजन के रूप में उभर सकता है। इसे सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाना गलत है। आप रामराज्य की विरासत के धनी हो। फिर भी मुसीबत क्यों हैं? क्योंकि आपने सही सरकार नहीं चुनी। सही नेता नहीं चुना। जिस दिन ऐसा होगा, उस दिन उत्तर प्रदेश देश को आगे बढ़ाएगा।"

गंगा की सफाई का मुद्दा उठाया
बनारस में रैली थी, सो गंगा का जिक्र भी होना था और मोदी ने यही किया। उन्होंने कहा, "यूपीए सरकार ने उत्साह और उमंग के साथ गंगा साफ करने के लिए योजना बनाई। खूब प्रचार किया। लोगों को लगा कि अब कुछ होगा। भरोसा हुआ, तो उन्हें सत्ता भी दी। लेकिन उन लोगों ने पांच साल में तीन मीटिंग करने के सिवा कोई काम नहीं किया।"


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वह बोले, "गंगा के नाम पर हजारों करोड़ लुटाए गए। जनता जवाब मांगती है। गंगा साफ करने के लिए क्या किया, कब किया, कैसे किया? जो गंगा नहीं संभाल सकते, देश क्या संभालेंगे। अगर गंगा साफ करनी है, तो पहले दिल्ली और लखनऊ को शुद्ध करना होगा।"

वरिष्ठ नेता रैली में मौजूद
रैली में मंच पर मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष राजनाथ ‌सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, केसरीनाथ त्रिपाठी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रामेश्वर चौरसिया, अमित शाह और पार्टी के अन्य मौजूद थे।

rajnath singh
















इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ ने कहा हालिया पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपना विजय पताका फहराया है। दिल्ली में कांग्रेस एक इनोवा कार में सिमट गई है। पांचवें राज्य में कांग्रेस को सांत्वना पुरस्कार मिला है।

बाबा विश्वनाथ मंदिर भी गए
रैली स्‍थल पर पहुंचने से पहले नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। पुजारी के मुताबिक उन्होंने वहां देश का पीएम बनने का संकल्प लिया। बाहर निकलते वक्‍त वह कुछ मुस्लिमों से भी मिले।

इससे पहले मोदी के बनारस पहुंचने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

देवयानी मामलाः कहां चूके दोनों देश?

deveyani case failure of both countries
सैद्धांतिक रूप से हर मुश्किल एक मौका उपलब्ध कराती है लेकिन ऐसा लगता है कि भारत और अमेरिका के बीच आए कूटनीतिक तनाव ने संकट से बचने के लिए यह मौका खो दिया।

दोनों देश अपने संबंध मजबूत करने के बजाय आपदा प्रबंधन में लगे हुए हैं और ये जल्दी ख़त्म होता भी नहीं दिखता।

यह सारा हो-हल्ला एक भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की न्यूयॉर्क में गिरफ़्तारी के बाद शुरू हुआ।

पढ़े-जानिए, राजनयिक देवयानी पर क्या हैं आरोप?

खोबरागड़े पर आरोप था कि उन्होंने अपनी घरेलू नौकरानी के कामकाजी वीज़ा पर ग़लत जानकारी दी और नौकरानी के पारिश्रमिक के बारे में भी सही सूचना नहीं दी थी।

न्यूयॉर्क में भारतीय रायनयिकों के संग हुए कथित दुर्व्यवहार का यह तीसरा मामला है।

अमेरिका का कहना है कि खोबरागड़े को रायनयिक के तौर पर मिलने वाले सीमित विशेषाधिकार के तहत ऐसा कोई भी आचरण नहीं आता जो अमरीकी कानून का उल्लंघन करता हो।

खोबरागड़े को जिस तरह से हिरासत में लिया गया उससे भारत में राजनीतिक भूचाल आ गया।

देवयानी को अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने के बाद हथकड़ी लगाकर हिरासत में लिया गया। उन्हें निर्वस्त्र करके शरीर के हर हिस्से की तलाशी ली गई। उसके बाद उन्हें जेल की एक कोठरी में आम कैदियों के साथ रखा गया।

उच्च-पदस्थ भारतीय अधिकारी ने इस कार्रवाई को 'निंदनीय और बर्बर' कहा। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से इस घटना के लिए खेद जताया है।

पढ़े-नौकरशाह, नौकरानी और अमेरिका, 2 और कहानियां

भारत ने इस घटना के जवाब में अमे‌रिकी राजनयिकों को भारत में मिलने वाली विशेष सुविधाओं को वापस ले लिया और नई दिल्ली स्थित अमे‌रिकी दूतावास से बाहर के बैरीकेड्स हटा दिए।

भारत ने खोबरागड़े की संयुक्त राष्ट्र में पदोन्नति कर दी है जिसके तहत उन्हें रायनयिकों को मिलने वाला पूर्ण विशेषाधिकार मिलने लगेगा। अदालती मामले के लिए इसका जो भी मतलब हो इससे यह तो पता चलता है कि यह विवाद केवल कूटनीतिक नहीं है बल्कि एक राजनीतिक विवाद भी है।

देवयानी का 'स्ट्रिप-सर्च' यानी निर्वस्त्र करके तलाशी एक जानबूझकर की गई ग़लती नहीं थी।

अमे‌रिकी पुलिस ने कहा है कि उसने 'गिरफ़्तारी की सामान्य प्रक्रिया का पालन किया', यह ब्यूरोक्रेसी की भाषा है जिसका अर्थ हुआ कि कानून का पालन किया गया।

खोबरागड़े के साथ वैसा ही व्यवहार किया गया जैसा कि अदालत में हाजिर होने वाली किसी दूसरी महिला अभियुक्त के साथ किया जाता है।

पढ़े-देवयानी की ग‌िरफ्तारी सही: अमेर‌िका

लेकिन किसी राजनयिक की गिरफ़्तारी कोई दूसरा मामला नहीं होता। अगर विदेश मंत्रालय को यह नहीं पता था कि खोबरागड़े को स्ट्रिप-सर्च किया जाएगा तो उसे माँग करनी चाहिए थी कि इस मामले को विशेष तरीके से लिया जाए।

राजयनिक गलियारों में किसी भी तरह की ऊँच-नीच महसूस हो तो प्रतिक्रिया होती है। आप जैसा कदम उठाते हैं आपको भी वैसे जवाब की उम्मीद करनी चाहिए। इस मामले में राजनीतिक और सार्वजनिक स्तर पर हंगामा तो होना ही था। उसमें भी ख़ासतौर पर भारत जैसे देश में, जहाँ मीडिया इतना सशक्त है और कई बार तो कुछ नया करने की कोशिश में रहता है।

कहाँ तो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के बीच मज़बूत रिश्ते का निर्माण होना चाहिए था तो लोअर मैनहटन की अदालत जाते समय दोनों देशों ने बड़े परिदृश्य और व्यापक मुद्दों की अनदेखी की

भारत एक उभरती हुई शक्ति है जिसे अमेरिका वर्षों से बढ़ावा देता रहा है।

मानवाधिकारों के मामले में भारतीय वाणिज्य दूत के ख़राब रिकॉर्ड पर निराशा होना स्वाभाविक है लेकिन अदालत में मामला चलाना एक लंबी प्रक्रिया है, इसलिए संबंधों के बहुत अच्छे होने पर भी उस पर इस मामले की छाया तो पड़ेगी ही। मुझे इस समय इटली में अमरीकी अमांडा नॉक्स का नाम याद आ रहा है।

विदेश मंत्रालय ने भारत को इस मामले के बारे में सितंबर में ही बता दिया था लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस मसले से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए क्या कूटनीतिक प्रयास किए गए।

अमेरिका ये कर सकता था कि खोबरागड़े को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित कर दिया जाता। फिर वह कहता कि खोबरागड़े तत्काल अमेरिका छोड़ दें और फिर अन्य भारतीय राजनयिकों के घरेलू नौकरों को रोज़गार वीज़ा देने से मना कर देता।

लेकिन जब अमेरिका ने एक बार कार्रवाई करने की सोच ली तो उसे न केवल हर कार्रवाई कानून सम्मत ढंग से करनी होगी बल्कि उसे हर उचित कदम उठाना होता है ताकि मामला उन्हीं पर केंद्रित रहे। जाहिर है कि ऐसा नहीं हुआ।

भारत के लिहाज़ से ये स्पष्ट नहीं है कि आख़िर अमरीकी अधिकारियों ने जब इस मामले में पहले से सूचना दे दी थी तो अमेरिका में भारतीय राजदूत या देश के विदेश मंत्रालय ने चीज़ें ठीक क्यों नहीं की?

भारतीय राजनयिक भी समझते हैं कि अमे‌रिकी कानून और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करना रचनात्मक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते भारत की भूमिका को कम करता है।

भारत की ओर से सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरीकेड्स को हटवाना ग़ैर-जिम्मेदाराना और ज़रूरत से कुछ ज़्यादा है।

अगर बाकी सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त हो तो भी वियना समझौते के तहत दूतावास को सुरक्षा उपलब्ध कराना भारत की प्राथमिक जिम्मेदारी है। भारत को समझना चाहिए कि पिछले साल लीबिया के बेनग़ाज़ी में अमरीकी कूटनीतिक पोस्ट पर हुए हमले को देखते हुए ऐसा क़दम कितना संवेदनशील हो सकता है।

जब आरोप तय हो गए तो दोनों देशों को साथ मिलकर काम करना चाहिए था। इससे कम से कम ये तय हो जाता कि दोनों के काफ़ी बेहतर हो चुके संबंध इससे ख़राब नहीं होते।

भारत और अमेरिका ने एक मामूली मामले को एक बड़े इम्तिहान में बदल दिया है। ऐसा होना ये दिखाता है कि ये नौकरशाही और कूटनीतिक स्तर पर कितनी बड़ी चूक है।

आख़िरकार सरकारों और विदेश मंत्रालयों की जीविका ही व्यापक परिदृश्य को ध्यान में रखने से चलती है।

भारत-अमेरिका संबंध को लेकर आशावान होने के वैसे अब भी ढेरों कारण हैं। दोनों देशों के बीच परस्पर लाभ के बिंदु दोनों के बीच की असहमतियों से काफ़ी ज़्यादा हैं। लेकिन इस हफ्ते जो हुआ उसमें अगर कोई इशारा छिपा हुआ है तो आगे का रास्ता ऊबड़-खाबड़ ही होगा।

(पीजे क्रॉली अमेरिका के पूर्व सहायक विदेश मंत्री हैं। फ़िलहाल वह द जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक डिप्लोमेसी एंड ग्लोबल कम्यूनिकेशन में फेलो हैं।)

जानिए, राजनयिक देवयानी पर क्या हैं आरोप?

allegations on devyani
अमरीका की अदालत में प्रस्तुत अभियोग पत्र अनुसार भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े पर धोखाधड़ी और ग़लतबयानी का आरोप है। अदालत में प्रस्तुत इस अभियोग पत्र के कुछ ख़ास बिंदु।

अमरीकी विदेश मंत्रालय के डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी सर्विसेज़ के स्पेशल एजेंट मार्क जे स्मिथ के हवाले से।


पहला आरोपः वीज़ा में धोखाधड़ी
खोबरागड़े ने अमरीकी विदेश मंत्रालय को जानबूझकर ऐसा रोज़गार अनुबंध दिया जिसमें ग़लत सूचना दी गई थी, जिसमें ग़लतबयानी की गई थी। यह अनुबंध खोबरागड़े ने एक अन्य व्यक्ति के लिए वीज़ा पाने के लिए प्रस्तुत किया था। (टाइटल 18, यूनाइटेड स्टेट्स कोड, सेक्शन 1546(ए) और 2)

दूसरा आरोपः ग़लतबयानी
खोबरागड़े ने चालबाजी करके ग़लत सूचनाएं और बयान दिए। उन्होंने नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास में एक दूसरे व्यक्ति को भी वीज़ा आवेदन के लिए जानबूझकर ग़लत बयान देने पर मजबूर किया। (टाइटल 18, यूनाइटेड स्टेट्स कोड, सेक्शन 1001 और 2)

पढ़ें, देवयानी मामला: वो 4 सवाल जिनके जवाब नहीं मिले


स्पेशल एजेंट ने अमरीकी अदालत को यह भी बताया है कि उन्होंने ये आरोप किस आधार पर लगाए हैं। उनके द्वारा कोर्ट को बताए गए कुछ प्रमुख कारण निम्न हैं–

-खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 को बताया कि वो बच्चे की देखभाल करने वाली एक आया खोज रही हैं जो कि उनके न्यूयॉर्क स्थित घर पर कुछ घरेलू काम भी कर सके। बातचीत करने के बाद खोबरागड़े गवाह संख्या-1 को 30,000 रुपए हर महीने देंगी। खोबरागड़े ने यह भी कहा कि वो गवाह संख्या-1 का काम देखेंगी।

-गवाह संख्या-1 और गवाह संख्या-2 अभियुक्त देवयानी खोबरागड़े से उनके न्यूयॉर्क आवास पर गवाह संख्या-1 की नौकरी के संबंध में मिले। खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 को 25,000 रुपए हर महीने और ओवर टाइम करने पर 5,000 रुपए अतिरिक्त देने का प्रस्ताव दिया।

-मैंने विदेशी मुद्रा विनिमय की दर निर्धारित करने वाले अमरीका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट की समीक्षा की तो पाया कि सितंबर, 2012 में एक डॉलर की विनिमय दर 52।35 भारतीय रुपए थी। इस दर के अनुसार 30,000 रुपए 573।07 अमरीकी डॉलर के बराबर हुआ। इस मासिक तनख़्वाह और प्रत्येक सप्ताह के 40 घंटे के हिसाब से एक महीने (क़रीब चार सप्ताह तीन दिन) में कुल काम के घंटों के आधार पर प्रति घंटा भुगतान की दर 3।31 डॉलर होगी।

-मेरी जानकारी के अनुसार अभियुक्त ने अपने वीज़ा आवेदन में कहा था कि गवाह संख्या-1 को हर माह 4,500 अमरीकी डॉलर पारिश्रमिक दिया जाएगा।

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-खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 से कहा था कि उसके वीज़ा इंटरव्यू के दौरान उसके प्रथम रोज़गार अनुबंध के बारे में पूछा जाएगा। खोबरागड़े ने उसे बताया कि उसे इंटरव्यू के दौरान कहना है कि उसे 9।75 अमरीकी डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से पारिश्रमिक मिलेगा और हफ़्ते में 40 घंटे काम करना पड़ेगा। खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 को यह कहने को भी कहा कि उसके काम का वक़्त सुबह सात बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक और शाम साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक होगा। खोबरागड़े ने इंटरव्यू के दौरान हर महीने 30,000 रुपए दिए जाने के बारे में किसी तरह की जानकारी देने से मना किया था।

-गवाह संख्या-2 का मेरे द्वारा लिए गए इंटरव्यू के अनुसार 11 नवंबर, 2012 को या उसके आसपास गवाह संख्या-1 और गवाह संख्या-2 अमरीकी दूतावास में वीज़ा इंटरव्यू के लिए खोबरागड़े के घर रोज़गार अनुबंध लेने गईं थीं। अभियुक्त देवयानी खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 को रोज़गार अनुबंध दिया। इस अनुबंध पर गवाह संख्या-2 ने गवाह के रूप में दस्तख़त किए थे।

-इस प्रथम रोज़गार अनुबंध में कहा गया है कि अमरीका क़ानून के हिसाब से इस गवाह संख्या-1 को न्यूनतम वेतन या बाज़ार वेतन में से जो भी अधिक होगा मिलेगा। गवाह संख्या-1 का मिलने वाला अनुमानित पारिश्रमिक 9।75 अमरीकी डॉलर प्रति घंटा होगा।

-गवाह संख्या-1 के साथ इंटरव्यू से मुझे पता चला कि अमरीका आने से कुछ समय पहले ही खोबरागड़े ने गवाह संख्या-1 को घर पर बुलाकर कहा कि गवाह संख्या-1 को एक और रोज़गार अनुबंध (द्वितीय रोज़गार अनुबंध) पर दस्तख़त करने होंगे। गवाह संख्या-1 ने इस दूसरे रोज़गार अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

-इस दूसरे अनुबंध में कहा गया था कि गवाह संख्या-1 को हर महीने 25,000 रुपए पारिश्रमिक मिलेगा। ओवर टाइम के लिए उसे 5,000 रुपए मिलेंगे। ओवर टाइम यानी इतवार या पार्टी इत्यादि में काम करना। किसी भी सूरत में उसकी तनख्वाह 30,000 से ज्यादा नहीं होगी।

-दूसरे रोज़गार अनुबंध में इस बात का कोई ज़िक्र नहीं है कि गवाह संख्या-1 को हर हफ़्ते या हर महीने कितने घंटे काम करना होगा। दूसरे अनुबंध में काम के घंटे के बारे में केवल एक ही जानकारी दी गई है कि गवाह संख्या-1 को रह हफ़्ते एक दिन की छुट्टी मिलेगी और सामान्य तौर पर छुट्टी का दिन इतवार होगा।

-दूसरे अनुबंध में छुट्टी के घंटे, त्योहार, बीमारी और वार्षिक अवकाश के लिए छुट्टी इत्यादि का कोई ज़िक्र नहीं है।

-दूसरे रोज़गार अनुबंध में प्रथम रोज़गार अनुबंध की तरह यह उल्लेख नहीं था कि खोबरागड़े अमरीका में वहाँ के संघीय, प्रांतीय और स्थानीय क़ानूनों का पालन करेंगी।

-गवाह संख्या-1 से लिए गए इंटरव्यू से मुझे पता चला कि गवाह संख्या-1 ने देवयानी खोबरागड़े के न्यूयॉर्क स्थित आवास पर क़रीब नवंबर, 2012 से जून, 2013 तक काम किया। प्रथम रोज़गार अनुबंध के उलट गवाह संख्या-1 ने हर हफ़्ते 40 घंटे से ज़्यादा काम किया और उसे 9।75 अमरीकी डॉलर से कम पारिश्रमिक दिया गया। यहाँ तक कि गवाह संख्या-1 और खोबरागड़े के बीच हुई मौखिक सहमति और दूसरे अनुबंध में तय पारिश्रमिक 30,000 रुपए प्रति माह से भी कम पारिश्रमिक दिया गया।

रिलायंस की धुन पर नाचा सेंसेक्स, 21,000 के पार

sensex rise again, ril share growth well
रिलायंस को सरकार की ओर से प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी मिलने की खबर से इसके शेयरों में जबर्दस्त लिवाली से घरेलू शेयर को बाजार महीने की सबसे बड़ीएक दिनी हासिल हुई।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 371 अंक उछलकर 21 हजार के स्तर के पार 21,079.72 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 108 अंक की तेजी के साथ 6,274 अंक पर रहा। बाजार में तेल एंव गैस के साथ ही रीयल्टी, ऑटो, कैपिटल गुड्स और पावर वर्ग में खासी बढ़त रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर अन्य सभी वर्ग हरे निशान पर बंद हुए।

ओएनजीसी, विप्रो, महिंद्रा, एचडीएफसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, भेल और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 2 से 5 फीसदी तक मजबूत हुए। इसके अलावा बजाज ऑटो, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, रेड्डीज लैब, टाटा स्टील, मारुति, एयरटेल, गेल इंडिया, टाटा पावर, एसबीआई, कोल इंडिया, टाटा मोटर्स, इनफोसिस और एलएंडटी मुनाफा कमाने वाली अन्य कंपनियां रहीं।

दूसरी ओर सेसा स्टरलाइट, सनफार्मा और जिंदल स्टील के शेयरों ने 0.50 से 1.05 फीसदी का नुकसान उठाया। बीएसई में कुल 2,671 कंपनियों के शेयरों में कारेबार हुआ। इसमें 1,522 लाभ में और 991 नुकसान में रहे बाकी 158 में कोई बदलाव नहीं हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बांड खरीद में कटौती के चलते पिछले सत्र में 151 अंक की गिरावट झेल चुका सेंसेक्स शुक्रवार को मजबूती पर खुला सेंसेक्स बीच सत्र में 21,117.99 अंक के ऊपरी और 20,745.94 अंक के निचले दायरे में रहा।

रिलायंस इंड. में करीब पांच फीसदी का उछाल
सरकार की ओर से रिलायंस इंडस्ट्रीज को केजी डी 6 ब्लाक की प्राकृतिक गैस की बिक्री दोगुने दाम पर करने की अनुमति मिलने से सेंसेक्स में आरआईएल के शेयर ने सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया। आरआईएल के शेयर 4.58 फीसदी की तेजी के साथ 893.65 रुपये के भाव पर बंद हुए। एनएसई में आरआईएल के शेयर 4.82 फीसदी की बढ़त के साथ 895.25 रुपये के भाव पर रहे। सेंसेक्स की 371 अंक की बढ़त में अकेले रिलायंस ने 81.37 अंक का योगदान दिया।

नीतीश कुमार ने फिर उड़ाई मोदी की खिल्ली

Nitish Kumar digs at Narendra Modi again over his history
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात के मु्ख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोग इतिहास के बारे में बिना किसी जानकारी के बात करते हैं।

नीतीश कुमार ने पटना में 61वें ऐतिहासिक रिकॉर्ड फंक्शन में कहा कि लोग बिना मुद्दे की जानकारी के इतिहास की बात करने लगते हैं। नीतीश कुमार ने नाम भले ही नहीं लिया लेकिन उनका साफ इशारा नरेंद्र मोदी ही थे।

देखें:- वाराणसी में मोदी, एक्सक्लूसिव तस्वीरें

नीतीश कुमार का इशारा मोदी की उन पिछली गलतियों पर रहा जो उन्होंने अपने पिछले सारे भाषणों में की थीं।

नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को पटना में हुई बीजेपी की हुंकार रैली में कहा था कि तक्षशिला बिहार में है। जिसे लेकर उनकी काफी खिंचाई हुई थी।

इसी तरह उन्होंने अपने एक और भाषण में भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का नाम मोहनलाल करमचंद गांधी कह दिया था।

'मोदी को इतिहास पढ़ाएं भाजपा के नेता'


नीतिश कुमार ने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय बना रही है जिसमें तमाम ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स और पांडुलिपियों को रखा जाएगा।

यूपी ग्रामीण बैंक में भर्ती, करें आवेदन

Recruitment in Gramin Bank
इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक में कुल 282 पदों के लिए भारतीय नागर‌िकों से आवेदन आमंत्रित क‌िए गए हैं।

इन पदों में ऑफिसर स्केल-I के 108 पद और ऑफिस असिस्टैंट (बहुउद्देश्य) के 174 पद शामिल हैं।

वेतनमान के तौर पर स्केल-I के लिए 14500-25700 रुपये तथा ऑफिस असिस्‍टैंट (बहुउद्देश्य) के लिए 7200-19300 रुपये निर्धारित है।

इन पदों के लिए पंजीकरण ऑनलाइन कराना होगा। पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 3 जनवरी, 2014 निर्धारित है।

पद के ‌अनुसार शैक्षिक अर्हताएं आईबीपीएस की वेबसाइट पर दी गई हैं। उम्‍मीदवार के पास संबंधित शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्‍त सितंबर-अक्तूबर 2013 में आईबीपीएस द्वारा आयोजित ऑनलाइन सम्म‌िलित ‌‌लिखित परीक्षा-सीडब्‍ल्यूई में निर्धारित अंक होने चाहिए।

ऑफिस असिस्‍टैंट (बहुउद्देश्य) के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 95 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 88 अंक तथा ऑफिसर स्केल-I के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 98 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 95 अंकों का कट ऑफ तय किया गया है।

मेरिट सूची के आधार पर ही आवेदकों को इंटरव्‍यू के लिए बुलाया जाएगा। आवेदन करने के लिए http://allahabadgraminbank.in/career.html पर लॉग ऑन करें और योग्‍यता संबंधी जानकारी के लिए http://www.ibps.in/ पर लॉग करें।

आरजेडी प्रमुख लालू यादव एम्‍स में भर्ती

 lalu yadav admitted in aiims
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जदयू अध्यक्ष शरद यादव को बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया है।

डॉक्टरों के अनुसार, राजद प्रमुख का ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा है जबकि शरद का ब्लड शुगर बढ़ा पाया गया है। दोनों ही नेताओं को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

राजद प्रमुख लालू शुक्रवार को ही पटना से राजधानी पहुंचे हैं। लालू सोमवार को ही करीब ढाई महीने बाद जेल से रिहा होकर आए हैं। लालू को चारा घोटाला मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है।

इस वक्त वह जमानत पर बाहर हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लालू असहज महसूस कर रहे थे। इसके बाद दोपहर करीब 3:30 बजे उन्हें एम्स ले जाया गया, जहां उनकी स्वास्थ्य जांच की गई।

राजद प्रमुख के स्वास्थ्य पर निगरानी रख रहे डॉक्टर ने बताया कि लालू का ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा पाया गया है। उनका रूटीन चेकअप किया गया और उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। ￿

वहीं दूसरी ओर जदयू महासचिव जावेद रजा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव को शुक्रवार सुबह 11 बजे बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया। जहां रूटीन जांच में उनका शुगर लेवल ज्यादा मिला।

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से शरद का शुगर लेवल बार बार घट बढ़ रहा था, इसको देखते हुए उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया।

पैंट में छिपाकर लाए थे पांच करोड़ का सोना

Gold recover from airport
सीमा शुल्क अधिकारियों ने राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन यात्रियों से पांच करोड रुपये मूल्य का 18 किलोग्राम सोना आज जब्त किया।

बताया गया है कि ये यात्री सिंगापुर के है और टाइगर एयरलाइंस के विमान से आये थे। अधिकारियों ने इन्हें वहीं से अपनी गिरफ्त में ले लिया।

पांच करोड़ की सोने की छडों के अलावा अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया। उनसे पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि इस तस्करी के पीछे किसी अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का हाथ तो नहीं है।

बच्चा दूध के लिए रोया तो चूल्हे में फेंका

drunk father threw this child in fire
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता ने अपने 7 महीने के बच्चे को चूल्हे में झोंक दिया क्योंकि वह दूध के लिए रो रहा था।

पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक परिवार में पति-पत्नि और मां सभी शराब पी रहे थे।

दूसरी तरफ 7 महीने का बच्चा भूख से रो रहा था। परिवार वाले लगातार शराब पीते रहे और बच्चा रोता रहा। काफी देर तक बच्चे के रोने से पिता को गुस्सा आ गया और पिता ने अपने 7 महीने के बच्चे को जलते चूल्हे में फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गई।

धर्मगुरु ने शिष्या से किया कई बार रेप, कराया गर्भपात


पहली पत्नी की भी की थी हत्या

सात माह के बच्चे की हत्या करने वाला आरोपी अपनी पहली पत्नी की भी हत्या कर चुका है। वह जेल में सजा काट रहा था।

जमानत से छूटने के बाद उसने दूसरी शादी की थी। यह 7 महीने का बच्चा उसकी दूसरी पत्नी से था। पुलिस ने आरोपी को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया है।