भाजपा के वरिष्ठ विधायक और शिक्षा मंत्री रहे घनश्याम तिवाड़ी को पहले कैबिनेट में जगह नहीं मिलने और अब प्रदेश अध्यक्ष पद हाथ से चले जाने का दर्द है।
उन्होंने अपने दर्द को यूं बयां किया, किसी के नसीब में प्यास आई तो किसी के जाम। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर विधायक अशोक परनामी को बनाया है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और तिवाड़ी के बीच विधानसभा चुनाव से पहले ही संबंधों में खटास आ गई थी, जो अब तक चल रही है।
भाजपा आलाकमान सरकार-संगठन और संघ के बीच तालमेल बैठाने वाले को अध्यक्ष पद देना चाहती थी। घनश्याम तिवाड़ी वरिष्ठ अनुभवी और संघ से जुड़े नेता हैं, लेकिन वसुंधरा राजे की सिफारिश पर आलाकमान ने अशोक परनामी को भाजपा का मुखिया बनाया।
अध्यक्ष बनने के बाद परनामी ने कहा कि संघ खेमा हो या फिर संगठन अथवा सत्ता, कहीं गुटबाजी नहीं है।
जयपुर स्थित आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक परनामी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विश्वस्त माना जाता है और उनके संघ खेमे में अच्छे संबंध हैं।
उन्होंने अपने दर्द को यूं बयां किया, किसी के नसीब में प्यास आई तो किसी के जाम। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर विधायक अशोक परनामी को बनाया है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और तिवाड़ी के बीच विधानसभा चुनाव से पहले ही संबंधों में खटास आ गई थी, जो अब तक चल रही है।
भाजपा आलाकमान सरकार-संगठन और संघ के बीच तालमेल बैठाने वाले को अध्यक्ष पद देना चाहती थी। घनश्याम तिवाड़ी वरिष्ठ अनुभवी और संघ से जुड़े नेता हैं, लेकिन वसुंधरा राजे की सिफारिश पर आलाकमान ने अशोक परनामी को भाजपा का मुखिया बनाया।
अध्यक्ष बनने के बाद परनामी ने कहा कि संघ खेमा हो या फिर संगठन अथवा सत्ता, कहीं गुटबाजी नहीं है।
जयपुर स्थित आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक परनामी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विश्वस्त माना जाता है और उनके संघ खेमे में अच्छे संबंध हैं।