राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को एक बिल को लेकर पंचायती राज मंत्री गुलाब चंद कटारिया ही सरकार के खिलाफ हो गए।
सत्ता पक्ष से गुलाब चंद कटारिया सहित आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ विधायकों ने जमकर सरकार के खिलाफ बोला और विपक्ष जैसी भूमिका निभाई।
कटारिया ने यहां तक कह दिया कि पार्टी लाइन से हटकर बोलने पर उन पर कार्यवाही हो सकती है, लेकिन वे इसकी परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा कि ऐसा क्या पहाड़ टूट पड़ा कि सरकार इस तरह के बिल को ला रही है।
सरकार जमाखोरी और उत्पादन पर नियंत्रण के लिए राजस्थान माल (उत्पादन प्रदाय वितरण व्यापार वाणिज्य का नियंत्रण) विधेयक 2014 सदन में लाई थी। पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस बिल में बजरी माफिया के साथ बिल में किसानों को चोर बताया जा रहा है।
किसानों पर उत्पादन को लेकर नियंत्रण लगाना गलत है। उनका वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी, राव राजेन्द्र सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने समर्थन किया और बिल में कई संशोधनों की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह बिल किसान हित में नहीं है। इसमें बजरी लीज धारकों के साथ किसानों को भी चोर बताया जा रहा है। इस बिल के जरिए किसानों को परेशान किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि पंचायती राज मंत्री भावनाओं में बहकर ऐसा बोल रहे हैं, लेकिन सरकार इस बिल के जरिए कालाबाजारी, जमाखोरी आदि पर अंकुश लगाना चाहती है। इस बहस के बाद बिल पास हो गया।
सत्ता पक्ष से गुलाब चंद कटारिया सहित आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ विधायकों ने जमकर सरकार के खिलाफ बोला और विपक्ष जैसी भूमिका निभाई।
कटारिया ने यहां तक कह दिया कि पार्टी लाइन से हटकर बोलने पर उन पर कार्यवाही हो सकती है, लेकिन वे इसकी परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा कि ऐसा क्या पहाड़ टूट पड़ा कि सरकार इस तरह के बिल को ला रही है।
सरकार जमाखोरी और उत्पादन पर नियंत्रण के लिए राजस्थान माल (उत्पादन प्रदाय वितरण व्यापार वाणिज्य का नियंत्रण) विधेयक 2014 सदन में लाई थी। पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस बिल में बजरी माफिया के साथ बिल में किसानों को चोर बताया जा रहा है।
किसानों पर उत्पादन को लेकर नियंत्रण लगाना गलत है। उनका वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी, राव राजेन्द्र सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने समर्थन किया और बिल में कई संशोधनों की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह बिल किसान हित में नहीं है। इसमें बजरी लीज धारकों के साथ किसानों को भी चोर बताया जा रहा है। इस बिल के जरिए किसानों को परेशान किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि पंचायती राज मंत्री भावनाओं में बहकर ऐसा बोल रहे हैं, लेकिन सरकार इस बिल के जरिए कालाबाजारी, जमाखोरी आदि पर अंकुश लगाना चाहती है। इस बहस के बाद बिल पास हो गया।