देशभर में 65वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। दिल्ली के राजपथ पर सेना के तीनों अंगों के जवानों ने अपने शौर्य और देश प्रेम के जज्बे को प्रदर्शित किया।
राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सेना के जवानों ने टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और अन्य सैन्य उपकरणों को पेश कर देश के सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया।
भारतीय वायुसेना के जवानों ने लड़ाकू विमान सुखोई-30, ध्वनि की गति से उड़ान भरने वाले तेजस, मिसाइल अस्त्र के साथ राष्ट्रपति को सलामी दी। उनके बाद देश्ा के लिए सुरक्षा उपकरण्ा विकसित करने वाले संगठन डीरडीओ की झांकी पेश्ा की गई।
बीएसएफ के रंग-बिरंगे ऊंट दस्ते ने लोगों का मन मोह लिया। तटरक्षक बल, दिल्ली पुलिस, एनसीसी के जवान अनुशासन और श्ाक्ति संतुलन की एक बानगी पेश की।
मिनी इंडिया की झलक
तीनों सेनाओं के बाद राज्यों की झांकियों का प्रदर्शन शुरू हुआ। मेघालय ने अपने राज्य की नकदी फसल सुपारी को झांकी की थीम बनाई। अरूणाचल के कलाकारों ने नृत्य पेश किया तो वहीं उत्तराखंड ने अपने प्राकृतिक संसाधन जड़ी-बूटी और पहाड़ी जीवन शैली को प्रदर्शित किया।
महाराष्ट्र के कलाकारों ने नारियल पर्व पर आधारित झांकी पेश की। इन झांकियां में देश की विविधता में एकता और भारत की समृद्ध सांकृतिक विरासत की झलक देखने को मिली।
कर्नाटक ने अपने राज्य के योद्धा टीपू सुल्तान पर आधारित झांकी पेश की। पश्चिम बंगाल ने इस परेड में पुरूलिया छउ नृत्य को पेश किया जिसे कुछ लोग विलुप्त होने से बचाने में लगे हैं।
तमिलनाडु ने पोंगल को अपना थीम बनाया वहीं असम ने अपनी झांकी से गायक भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि दी। चंडीगढ़ ने शहर की पहचान रॉक गार्डेन को इस परेड में प्राथमिकता दी।
भारतीय रेलवे ने अपनी झांकी में एशिया की तीसरी सबसे लंबी पीर पंजाल सुरंग को बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया। क़ृषि मंत्रालय ने सूचना तकनीक से किसानों को लैस करने पर आधारित झांकी पेश की।
हैरतअंगेज करतब
राज्यों की झाकियों के बाद राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित बच्चों ने गाड़ी में सवार होकर हाथ हिलाते हुए लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया।
बीएसएफ के 162 जाबांज जवानों ने मोटरसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाए। जवानों ने कई तरह के स्टंट किए, जिसे देखकर सब ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। पांच मोटरसाइकिलों पर 36 जवानों ने एक मानक गुलदस्ता पेश किया।
राजपथ पर फ्लाईपास्ट
परेड के अंत में बारी थी हवाई करतबों की। सबसे पहले फाइटर विमान सुखोई-30 ने आसमान में दहाड़ लगाई। फिर सी हर्यक्यूलिस विमान ने फ्लाईपास्ट किया। उसके बाद नंबर था जगुआर विमानों का। फिर 5 मिग-29 विमान आसमान का सीना चीरते हुए राजपथ से आगे बढ़ गए।
तिरंगे को सलामी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजपथ पर मुख्य अतिथि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ समारोह स्थल पर पहुंचे।
राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी देने के बाद शांति काल के दौरान नक्सली अभियान में शहीद हुए इंस्पेक्टर वी प्रसाद बाबू को अशोक चक्र से सम्मानित किया। उनके पिता को यह चक्र दिया गया।
समारोह स्थल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के अलावा और भी गणमान्य लोग मौजूद रहे।
तिरंगा फहराने से पूर्व राष्ट्रपति ने अमर जवान ज्योति पर देश की आन, बान और शान के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। सभी राज्यों में राज्यपालों ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
समारोह के लिए शनिवार देर रात रायसीना हिल्स से लेकर लाल किले तक सेना के उच्च अधिकारियों ने सुरक्षा जांच की। राजपथ समेत इंडिया गेट इलाके को भी सेना ने कब्जे में ले लिया। पूरे देश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।