
उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने आजम खां के तहत आने वाले विभाग जल निगम में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियां में आरक्षण की अनदेखी पर आपत्ति जताई है।
आयोग ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग के लोगों की भर्तियां की जा रही हैं।
आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा है कि जल निगम में सहायक अभियंता (सिविल) के 93, सहायक अभियंता के 16, अवर अभियंता (सिविल) के 470, अवर अभियंता के 65, सहायक हाइड्रो जियोलॉजिस्ट के तीन तथा सहायक शोध अधिकारी के छह कुल 655 पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया जारी है।
इसमें 144 से अधिक पदों पर पिछड़ी, एससी, एसटी जातियों के योग्य आवेदकों के स्थान पर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है।
विश्वकर्मा आयोग कार्यालय में चयन में आरक्षण अधिनियम के उल्लंघन पर मिली शिकायत की सुनवाई कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि आरक्षण अधिनियम के मुताबिक इस वर्ग के अभ्यर्थी खुली प्रतियोगिता में सामान्य वर्ग के साथ चयनित होते हैं तो उन्हें सामान्य वर्ग की सीटों पर रखा जाएगा।
आयोग को मिली शिकायत के आधार पर जल निगम ने आरक्षण अधिनियम का उल्लंघन कर इस वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को भी चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
आयोग के अध्यक्ष ने जल निगम के अधिकारियों को तीन दिन के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग के लोगों की भर्तियां की जा रही हैं।
आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा है कि जल निगम में सहायक अभियंता (सिविल) के 93, सहायक अभियंता के 16, अवर अभियंता (सिविल) के 470, अवर अभियंता के 65, सहायक हाइड्रो जियोलॉजिस्ट के तीन तथा सहायक शोध अधिकारी के छह कुल 655 पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया जारी है।
इसमें 144 से अधिक पदों पर पिछड़ी, एससी, एसटी जातियों के योग्य आवेदकों के स्थान पर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है।
विश्वकर्मा आयोग कार्यालय में चयन में आरक्षण अधिनियम के उल्लंघन पर मिली शिकायत की सुनवाई कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि आरक्षण अधिनियम के मुताबिक इस वर्ग के अभ्यर्थी खुली प्रतियोगिता में सामान्य वर्ग के साथ चयनित होते हैं तो उन्हें सामान्य वर्ग की सीटों पर रखा जाएगा।
आयोग को मिली शिकायत के आधार पर जल निगम ने आरक्षण अधिनियम का उल्लंघन कर इस वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को भी चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
आयोग के अध्यक्ष ने जल निगम के अधिकारियों को तीन दिन के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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