Wednesday, February 5, 2014

अब इंग्लैंड के लिए नहीं खेलेंगे पीटरसन

kevin pietersen retires cricket
ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड की अब तक की सबसे हार के बाद केविन पीटरसन ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।

केविन पीटरसन ने यह फैसला तब लिया जब इंग्लैंड एंड वेल्‍स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें आगामी ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और कैरेबियाई दौरे के लिए टीम में शामिल नहीं किया।

इंग्लैंड को एशेज सीरीज में 0-5 से हार का सामना करना पड़ा था। साथ ही इंग्लैंड को इस दौरे में 13 मैचों में से 12 में हार का मुंह देखना पड़ा। पीटरसन ने कहा है कि वह क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे लेकिन अब इंग्लैंड के लिए कभी नहीं खेलेंगे।

33 साल के नायाब बल्‍लेबाज केविन पीटरसन ने अपने नौ साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 104 टेस्ट और डेढ़ सौ से ज्‍यादा वनडे मुकाबले खेले हैं। वह इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्‍लेबाज हैं। साथ ही उन्हें क्रिकेट इतिहास में बेहतरीन बल्‍लेबाजों में शुमार किया जाता रहा है।

टेस्‍ट क्रिकेट में 32 शतकों के साथ रिकॉर्ड 13,797 रन बनाए हैं।

ऑस्ट्रेलिया में मिली शर्मनाक हार के बाद कोच एंडी फ्लॉवर ने पिछले दिनों खुद ही कोच पद से इस्तीफा दे‌ दिया था। वहीं फिरकी गेंदबाज ग्रीम स्वान ने एशेज सीरीज के बीच में ही संन्यास ले लिया था।

साथ ही ईसीबी ने यह ऐलान भी कर दिया है कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान इंग्लैंड की टीम अनुशासन तोड़ने या अन्य विवादित मामलों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।

ईसीबी ने अपने बयान में कहा था कि ऑस्ट्रेलिया में करारी शिकस्त के बाद अब समय आ गया है कि नए‌ सिरे से टीम तैयार की जाए।

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के नए मैनेजिंग डायरेक्टर पॉल डाउनटॉन ने पदभार ग्रहण करने के एक‌ हफ्ते के अंदर ही यह विवादित फैसला लिया।

सत्या नडेला बने माइक्रोसॉफ्ट के नए बॉस

satya nadella is new ceo of microsoft
तकनीक जगत की जानी-मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को नए सीईओ बनाने की घोषणा की है। वह स्टीव बामर की जगह लेंगे।

नडेला फिलहाल माइक्रोसॉफ़्ट के 'क्लाउड एंड एंटरप्राइज़' के प्रमुख हैं। ये विभाग कंपनी के कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म और डेवेलपर उपकरणों को बनाता और चलाता है।

अगस्त में बामर ने कहा था कि वह अगले 12 महीनों में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ पद के लिए अलग-अलग उद्योगों के लोगों के नाम को लेकर चर्चा गर्म रही।

माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी जानकारी दी है कि बिल गेट्स कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने वाले हैं। गेट्स जल्दी ही तकनीकी सलाहकार की भूमिका में नजर आएंगे।

माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख स्वतंत्र निदेशक जॉन टॉमसन गेट्स की जगह कंपनी के चेयरमैन होंगे।

थॉम्पसन माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ नियुक्त करने के लिए बनाई गई कमिटी की अगुआई कर रहे थे। उन्होंने पिछले साल बयान दिया था कि इस पद क लिए 100 से भी ज्यादा उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित हैं।

काबिल नेतृत्व

46 वर्षीय नडेला माइक्रोसॉफ्ट के 39 साल पुराने इतिहास में तीसरे सीईओ होंगे। भारत में जन्मे नडेला इस कंपनी से 1992 में जुड़े। उनके पास इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर साइंस और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री मौजूद है।

बिल गेट्स ने नडेला के नए सीईओ बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "परिवर्तन के इस दौर में माइक्रोसॉफ्ट का नेतृत्व करने के लिए सत्या नडेला से बेहतर कोई और व्यक्ति नहीं हो सकता है।"

उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, "सत्या में इंजीनियरिंग कौशल, व्यापारिक दूरदर्शिता और लोगों को एक साथ लाने की काबलियत कूट कूट कर भरी है। तकनीक के बारे में उनके दृष्टिकोण का लाभ मिलेगा। माइक्रोसॉफ्ट नए उत्पादों और विकास की राह में नित नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है। ऐसे में सत्या के अनुभव कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।"

कंपनी के नए सीईओ ने कहा, "माइक्रोसॉफ्ट उन कई दुर्लभ कंपनियों में से है जिसने तकनीक के माध्यम से दुनिया में क्रांति ला दी है। और ऐसी धुरंधर कंपनी का नेतृत्व करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी। "

सत्या नडेला ने आगे कहा, "माइक्रोसॉफ्ट के आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इन संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट हो, हम तेजी से आगे बढ़ें और खुद में बदलाव लाना जारी रखें। अपने ग्राहकों के लिए जल्दी जल्दी नए उत्पाद बनाने की योग्यता में इजाफा करना मेरे काम का बड़ा हिस्सा है।"

निवेशक अरसे से तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का नेतृत्व बदलने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि कंपनी को ज्यादा प्रगतिशील और लाभकारी बनाने के लिए इसमें आमूल परिवर्तन करने की जरूरत है।

वैसे, आलोचकों ने नडेला की योग्यता पर उंगली उठाई है। उनका मानना है कि सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी चलाने का कोई अनुभव नहीं है।

अटकलों पर विराम, सुल्तानपुर से लड़ेंगे वरुण गांधी

varun gandhi may contest from sultanpur
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी ने सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है।

उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि पार्टी ने अभी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन वरुण 11 फरवरी को सुल्तानपुर में रैली के साथ चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे।

रोचक होगा नजारा
सुल्तानपुर व अमेठी एक-दूसरे से सटी हैं। यह पहला मौका होगा जब देश के प्रमुख इंदिरा-नेहरू घराने के दो उत्तराधिकारी अगल-बगल की सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों एक-दूसरे पर निशाना साधते हैं या नहीं।

हालांकि अभी तक आम तौर पर वरुण और राहुल एक-दूसरे पर हमला बोलने से बचते रहे हैं। जब दोनों एक-दूसरे के अगल-बगल की सीट से चुनाव मैदान में होंगे, तो भी क्या उसी मर्यादा का पालन करेंगे अथवा बदली भूमिका में एक-दूसरे पर वार व पलटवार करेंगे।

वरुण के सचिव आनंद चौधरी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पत्र भेजकर रैली की सूचना दी गई है। सुल्तानपुर के जूनियर हाई स्कूल कादीपुर के मैदान पर रैली के साथ चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे।

इससे पहले वे कादीपुर के विजुथुआ के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। जानकारी के मुताबिक, रैली को सिर्फ वरुण गांधी ही संबोधित करेंगे। चुनाव प्रचार और रैली की तैयारी के लिए वरुण की टीम ने सुल्तानपुर में डेरा जमा दिया है।

खुशखबरी: बीटीसी में मन माफिक जिले में पाएं दाखिला

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बीटीसी में इस बार इफराद सीटें होंगी। इसलिए आवेदकों को मनचाहे जिले में दाखिला पाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 75 और बीटीसी कॉलेजों को संबद्धता देने की तैयारी है। शासन स्तर पर इस संबंध में मंथन चल रहा है। शीघ्र ही शासनादेश जारी कर इन कॉलेजों से संबद्धता के लिए आवेदन मांगे जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 10,450 सीटें हैं। इसके अलावा 620 निजी कॉलेजों में 31,000 सीटें हैं।

बीटीसी के लिए करीब 75 और कॉलेजों को संबद्धता देने के बाद 3750 सीटें और बढ़ जाएंगी। इस तरह कुल 45,200 सीटें हो जाएंगी।

बीटीसी के लिए आए ऑनलाइन आवेदन में 54,451 सही पाए गए हैं। आवेदकों और सीटें का मिलान किया जाए तो सीटों के मुकाबले 9,251 अधिक आवेदन आए हैं।

बीटीसी के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे और किसी भी जिले में आवेदन की छूट दी गई थी। ऐसे में कुछ आवेदकों ने एक से अधिक जिलों में भी आवेदन किए होंगे।

स्वाभाविक है कि ऐसे आवेदक केवल एक ही जिले में प्रवेश लेंगे और दूसरे जिलों की सीटों को छोड़ेंगे। ऐसे में कम मेरिट वालों को भी बीटीसी में प्रवेश का मौका मिल जाएगा।

मिशन 2014 से पहले अखिलेश का सियासी फेरबदल

53 IAS transferred by UP government

खास-खास

कहां से कहां?
  • सहारनपुर के डीएम अजय कुमार सिंह- डीएम मिर्जापुर
  • सन्ध्या तिवारी डीएम फिरोजाबाद- सहारनपुर डीएम
  • मेरठ के संयुक्त आवास आयुक्त विमल कुमार शर्मा- डीएम फिरोजाबाद
  • फैजाबाद के डीएम विपिन कुमार द्विवेदी- मंडलायुक्त फैजाबाद
  • सन्तकबीरनगर के डीएम इन्द्रवीर सिंह यादव- डीएम फैजाबाद
  • गोण्डा की डीएम डॉ. रोशन जैकब- डीएम कानपुर नगर
  • सीतापुर के डीएम पंकज कुमार- डीएम आगरा
  • प्रतापगढ के डीएम विद्याभूषण- डीएम सीतापुर
  • मुरादाबाद के अपर आयुक्त महेन्द्र कुमार- डीएम प्रतापगढ़
  • कुशीनगर के डीएम रिग्जियान सैंफिल- प्रतीक्षारत
  • लखीमपुर खीरी के सीडीओ सुरेन्द विक्रम- डीएम चित्रकूट
  • देवरिया के डीएम मणि प्रसाद मिश्रा- उच्च शिक्षा विभाग में विशेष सचिव
  • महोबा के डीएम अनुज कुमार झा- प्रतीक्षारत
  • बहराइच की डीएम किंजल सिंह- डीएम महोबा
  • बागपत के डीएम अमृत त्रिपाठी- कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव
  • बिजनौर के डीएम अजय दीप सिंह- डीएम बागपत
  • बांदा के डीएम भूपेन्द चौधरी- डीएम बिजनौर
  • मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी सत्येन्द्र कुमार सिंह- डीएम बांदा
  • महाराजगंज की डीएम सौम्या अग्रवाल- प्राविधिक शिक्षा विभाग में विशेष सचिव
  • मऊ की डीएम कुमुद लता श्रीवास्तव- लोक निर्माण विभाग में विशेष सचिव
  • उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव मुरली मनोहर लाल- डीएम मऊ
  • बुलंदशहर के डीएम गौरीशंकर प्रियदर्शी- कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव
  • उच्च शिक्षा विभाग की विशेष सचिव निधि केसरवानी- डीएम बुलंदशहर
  • मेरठ के डीएम नवदीप रिनवा- उच्च शिक्षा विभाग में विशेष सचिव
  • वाणिज्य कर विभाग के विशेष सचिव पंकज यादव- डीएम मेरठ
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव अखिलेश यादव की सरकार ने किया है।

मंगलवार को इस सियासी फेरबदल में 29 जिलों के डीएम बदले गए हैं। तबादले की सूची में दो मंडलायुक्त भी शामिल हैं।

बड़े स्तर पर हुए तबादले में मिर्जापुर के मंडलायुक्त शम्भुनाथ शुक्ला को प्रशासनिक सुधार एवं लोकसेवा प्रबंधन विभाग का प्रमुख सचिव एवं प्रशासनिक सुधार निदेशायल का निदेशक बनाया गया है।

कौशाम्बी के डीएम सत्येन्द सिंह गृह विभाग में विशेष सचिव बनाये गये हैं। फैजाबाद के मण्डलायुक्त संजय प्रसाद गृह विभाग में सचिव बनाये गये हैं।

पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव भरत लाल राय को सन्तकबीरनगर का जिलाधिकारी बनाया गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अरविन्द कुमार द्विवेदी को बस्ती का मंडलायुक्त बनाया गया है।

कानपुर नगर के जिलाधिकारी समीर वर्मा को पंचायती राज विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। परिवहन विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार को बहराइच का डीएम बनाया गया है।

आगरा के डीएम जुहेरबिन सगीर परिवहन विभाग में विशेष सचिव बनाये गये हैं। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव लोकेश एम को कुशीनगर का डीएम बनाया गया है।

चित्रकूट के डीएम डॉ. बलकार सिंह को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग में प्रमुख सचिव सत्यजीत ठाकुर को मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पद से अवमुक्त कर दिया गया है।

विकलांग कल्याण निदेशालय के निदेशक विद्यासागर प्रसाद को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है।

गृह विभाग के सचिव देवी शंकर शर्मा को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सचिव बनाया गया है।

कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव एवं स्टाफ आफीसर अजय कुमार उपाध्याय द्वितीय को गोण्डा का डीएम बनाया गया है।

भदोही के डीएम चन्द्रकान्त पाण्डेय को वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। राज्य सूचना आयोग के सचिव सुधेश कुमार ओझा भदोही के डीएम बनाये गये हैं।

पीसीएफ के प्रबंध निदेशक आर पी गोस्वामी को देवरिया का डीएम बनाया गया है। पिछडा वर्ग कल्याण विभाग की विशेष सचिव श्रीमती नीलम अहलावत को कौशाम्बी का डीएम बनाया गया है।

हापुड के जिलाधिकारी प्रभांशु को पिछडा वर्ग कल्याण विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

हाथरस के डीएम सूर्यपाल गंगवार को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग में विशेष सचिव सुमन्त सिंह को हाथरस का डीएम बना दिया गया है।

शामली के डीएम प्रवीण कुमार सिंह को प्रशासनिक सुधार विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

बलरामपुर के डीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन पंचायती राज विभाग में विशेष सचिव बना दिए गए हैं। अम्बेडकरनगर के डीएम कर्ण सिंह चौहान को बलरामपुरका डीएम बनाया गया है।

नियोजन विभाग के विशेष सचिव विवेक को अम्बेडकरनगर का डीएम बनाया गया है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के विशेष सचिव शरद कुमार सिंह महाराजगंज के डीएम बनाए गए हैं।

अलीगढ के जिलाधिकारी राजीव रौतेला को उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव अजय कुमार शुक्ला अलीगढ के डीएम बनाये गए हैं।

टॉफी का लालच दे 9साल की बच्ची से रेप, कुकर्म

9 years old girl raped and sodomized in delhi
दिल्ली के बाड़ा हिंदूराव इलाके में टॉफी और मिठाई देने का लालच देकर नौ साल की बच्ची से रेप और कुकर्म का मामला सामने आया है। बच्ची की हालत अस्पताल में नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी युवक का जीजा पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहता है और आरोपी अक्‍सर बहन के घर आता जाता था। बच्ची अपने परिजनों के साथ आजाद मार्केट इलाके में रहती है। रविवार शाम बच्ची घर के बाहर अपनी दोनों बहनों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान एक युवक उनके पास आया। टॉफी व मिठाई दिलाने की बात कहकर अपने साथ ले गया।

'आप' कार्यकर्ता ने नौकरी के नाम पर लूटी अस्मत

कुछ देर बाद उसकी दोनों बहनों ने इस बात की जानकारी मां को दी। बच्ची की गायब होने की जानकारी महिला ने काम पर गए अपने पति को फोन पर दी। परिवार के सदस्य बच्ची की तलाश में जुट गए। कुछ देर बाद बच्ची घर के पास ही बेसुध अवस्था में मिली। उसके परिजनों ने उसे उपचार के लिए बाड़ा हिंदूराव अस्पताल पहुंचाया।

हैवानियतः भतीजी से रेप, कत्ल और शव नाले में फेंका

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
परिवार का आरोप है कि डॉक्टरों ने पहले मामले को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन जब बच्ची की हालत खराब होने लगी तो उनलोगों ने उसका उपचार शुरू किया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। मेडिकल जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म और कुकर्म किए जाने की पुष्टि हुई। फिलहाल बच्ची आईसीयू में भर्ती है।

रातभर पार्किंग में पड़ी रही 8 करोड़ की रकम

बच्ची ने पड़ोस में रहने वाले शख्स के साले गोपी (25) पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर दुष्कर्म, कुकर्म और पोक्सो के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी सब्जी मंडी इलाके में एक हलवाई की दुकान पर काम करता है।

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परिजनों में आक्रोश
बच्ची की हालत देखकर परिवार वाले काफी आक्रोशित हैं। बच्ची के माता-पिता और बुआ का कहना है कि ऐसे आरोपी को जीने का हक नहीं है। उन लोगों ने मांग की कि आरोपी को उनके हवाले कर दिया जाए ताकि उसे सख्त से सख्त सजा दी जा सके।

पति के सिर पर खून सवार, बीवी-बेटी का गला रेता

husband slits wife and daughter's throat in delhi
दिल्ली के बेगमपुर इलाके में सोमवार रात एक शख्स ने पत्नी प्रमिला (27) और बेटी लक्ष्मी (4) का गला रेत दिया। गंभीर हालत में दोनों को संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्रमिला को मृत घोषित कर दिया। वहीं लक्ष्मी की हालत नाजुक बनी हुई है।

वारदात के बाद आरोपी अपने तीन और छह साल के दो बेटों को लेकर फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उसकी तलाश में छह टीमें रवाना कर दी हैं।

'आप' कार्यकर्ता ने नौकरी के नाम पर लूटी अस्मत

पुलिस के मुताबिक मूलरूप से गांव छितरसेनपुर (बनारस) की रहने वाली प्रमिला पति जयप्रकाश और तीन बच्चों के साथ बेगमपुर के राजीव नगर मे किराए के मकान में रहती थी। जयप्रकाश सब्जी बेचने का काम करता है।

कमरे में बेटी को प्रेमी संग देख कुल्हाड़ी उठाई, और फिर...

बताया गया है कि पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर कहासुनी हो जाती थी। कई बार इनके बीच मारपीट भी हुई। सोमवार रात भी दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ। मारपीट के दौरान जयप्रकाश ने धारदार हथियार से पत्नी और बेटी का गला रेत दिया।

हैवानियतः भतीजी से रेप, कत्ल और शव नाले में फेंका


पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। लक्ष्मी की नाजुक हालत को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। बुधवार को प्रमिला के परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

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अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार का कहना है कि घरेलू कलह की वजह से पति ने वारदात को अंजाम दिया। अभी वह फरार है, उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।

'मेरी भैंसों को जो शोहरत है, वह विक्टोरिया की भी नहीं'

azam khan comments on his buffalo
'मुझसे भला तो मेरी भैंसों का नसीब...मेरी भैंसों को जो शोहरत हासिल है वह तो मल्लिका विक्टोरिया को भी नहीं मिली होगी ...सोचता हूं...काश! मेरा भी नसीब मेरी भैंसों जैसा होता!'

यह लफ्ज किसी और के नहीं, खुद संसदीय कार्यमंत्री आजम खां के हैं। पहले मुजफ्फरनगर दंगा...फिर विदेशी टूर ...और अब भैंसों के कारण मीडिया को कोसकर आजम अपना दर्द हल्का कर रहे हैं। मंगलवार को वे साहित्य के आंगन में पहुंचे तो उनकी सुई भैंसों पर अटक गई।

मौका था पद्मभूषण से सम्मानित कवि गोपालदास नीरज की रचनाओं के लोकार्पण का। लोगों को पहले से पता था कि इस कार्यक्रम में राज्यपाल बीएल जोशी व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ संसदीय कार्यमंत्री आजम खां को भी उपस्थित होना है।

ऐसे में लोगों की निगाहें औरों के साथ आजम खां की तकरीर पर भी थी। शायद आजम भी तय करके आए थे कि इस महफिल की चर्चा उनकी वजह से ही होगी।

उन्होंने लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान स्थित समारोह स्थल पर दस्तक के साथ ही अपने मंसूबे का इजहार भी कर दिया।

स्टेज पर चढ़े तो कार्यक्रम का संचालन कर रहे अनवर जलालपुरी से यह कहते हुए आगे बढ़े कि '..भाई कुछ मेरी भैंसों के बारे में भी सुना दीजिए।' ...इसके बाद जब बारी बोलने की आई तो जमकर भड़ास निकाली।

उन्होंने बात की शुरुआत नीरज व अन्य मेहमानों के स्वागत से की, मगर चंद लफ्ज ही आगे बढ़े कि उन्होंने मीडिया को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

बोले- 'मैं आजाद हिंदुस्तान का बहुत दु:खी दिल का बाशिंदा हूं...तमाम दु:खी दिलों के लिए नुमाइंदगी करना चाहता हूं। मेरे जैसे विवादित आदमी को भी ये (नीरजजी) बेइंतिहा प्यार करते हैं...।

पर मेरी भैंसों को जो शोहरतें हासिल हैं वो मल्लिका विक्टोरिया को भी नहीं मिली होंगी। मैं अपने नसीब पर तरस खाता हूं। सोचता हूं कि काश! मेरा नसीब भी मेरी भैंसों जैसा होता। ..आज एक कार्टून में देखा, एक साहब मेरी भैंसों का गोबर सिर पर उठा रखे हैं..गौर तो कीजिए मेरी भैंसों के नसीब को..।

कितनी इज्जत अफजाई मेरी भैंसों की हो रही है..।..जब भी टीवी खोलता हूं देखता हूं कि मैं पीछे, मेरी भैंसें आगे।..भैंसें पीछे, उनका गोबर सिर पर..। मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि मेरी भैंसों का गोबर उन सबके सिर पर आ जाए जो शायद कभी गोबर नहीं उठाए होंगे..'।

आजम ने कहा कि बहुत दु:ख होता है कि ये (मीडिया) अपने 'स्टैंडर्ड', अपने 'म्यार' को कहां ले गए? उन्होंने कार्यक्रम में एक महिला द्वारा सीएम तक अपनी बात पहुंचाने के तरीके के बहाने भी निशाना साधा।

कहा-यह समझना होगा कि हर बात के लिए सलीके की जरूरत होती है। जहां सलीका खत्म, तहरीर चौक हो जाता है..तहरीर चौक होता है तो मुल्क की तकदीरें अंधेरे में चली जाती हैं।

उन्होंने नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर भी जम कर तीर चलाए। कहा- जब इंसाफ की डोर हाथ से निकलेगी, मजहबों की बुनियादों पर खून के निशान होंगे..जब इंसान का खून गंदे पानी से भी सस्ता होगा तो इतिहास गवाह है कि 'उनके' इतिहास मिट गए।

उन्होंने कहा कि नीरज की जिंदगी से सीख लेनी होगी कि मेरा पड़ोसी भूखा हो तो मुझसे न खाया जाए..। आजम ने पैगाम भी दिया..'मेरे करीब आइए, मुझे अपना बनाइए, या मुझे अपने करीब आने दीजिए..।'

पाक जेल में 1 और भारतीय ने दम तोड़ा

Indian prisoner found dead in Pak jail
पाकिस्तान में कराची की एक जेल में एक भारतीय कैदी की मौत हो गई है। 45 वर्षीय किशोर कुमार एक साल पहले गिरफ़्तार हुए थे। इससे पहले 18 दिसंबर को भी भीका नामक एक भारतीय की जेल में मौत हुई थी।

कराची से बीबीसी उर्दू के संवाददाता रियाज़ सुहैल ने बताया कि किशोर बीमार थे हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्या बीमारी थी। पाकिस्तान की कराची स्थित जेल में तकरीबन 250 भारतीय कैद हैं।

किशोर और भीका को सीमा रेखा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।

जेल में भारतीय कैदी की मौत का मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि पिछले साल एक भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर जेल में ही हमला किया गया था।

हमला
सरबजीत की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अप्रैल 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में छह क़ैदियों ने सरबजीत सिंह पर ईंट और धारदार हथियार से हमला किया था।

उस हमले में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और वह कोमा में चले गए। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में चल रहे इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी।

सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के लाहौर और फ़ैसलाबाद में हुए चार बम धमाकों के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इन धमाकों में क़रीब 10 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि सरबजीत का कहना था कि वह ग़लती से सीमा पार चले गए थे।

इसके बाद एक पाकिस्तानी नागरिक सनाउल्लाह हक़ की भी पिछले साल भारतीय जेल में मारपीट में घायल होने के बाद मौत हो गई थी।

सनाउल्लाह पाकिस्तान के सियालकोट के निवासी थे। उन्हें 17 साल पहले भारत में गिरफ़्तार किया गया था।

उन पर हत्या समेत कुल आठ मामले चल रहे थे। उनमें से दो में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।