Sunday, February 9, 2014

BJP ने केजरीवाल को दिया एक और नाम

bjp leader vijay goel given new name to kejriwal
दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विजय गोयल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घोषणा मुख्यमंत्री करार दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल लगातार घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने, राशन कार्ड बनवाने में लोगों को हो रही दिक्कत और भ्रष्टाचार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।

गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की नाकामी छिपाने के लिए नई योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं। भाजपा आप सरकार के बारे में रायशुमारी कर लोगों से पूछेगी कि क्या वे आप सरकार की नीतियों और शासन से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि जन लोकपाल विधेयक असंवैधानिक होने पर भाजपा उसका समर्थन नहीं करेगी।

लोकसभा चुनाव में पार्षदों का भविष्य दांव पर
उध्‍ार, लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों का ही नहीं, उसके पार्षदों का भी भविष्य दांव पर होगाचुनाव में जिस वार्ड से भाजपा प्रत्याशी को मतदाताओं का समर्थन मिला, उसी के आधार पर पार्षदों को आगामी निगम चुनावों में टिकट मिलेगा। प्रदेश भाजपा ने अपने सभी पार्षदों और 2012 का चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों को इस फैसले की जानकारी दे दी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने वर्ष 2012 में नगर निगम चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ शनिवार को बैठक की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल और अन्य नेताओं कहा कि पार्टी के लिए लोस चुनाव में जीत अभी नहीं तो कभी नहीं जैसी है। इसलिए उम्मीदवारों की जीत के लिए पार्षद और नगर निगम का चुनाव लड़े नेता पूरी तरह कमर कस लें।

यह भी पढ़ें:AAP के विधायक के दफ्तर पर तोड़फोड़

भाजपा नेताओं ने पार्षदों और नगर निगम चुनाव हारे हुए उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि वे लोकसभा चुनाव में उसी तरह काम करें, जैसे अपना चुनाव लड़ा था। चुनाव में मेहनत का आकलन करके ही अगले नगर निगम चुनाव में उम्मीदवारों का फैसला किया जाएगा। पार्टी नेताओं ने उनको निर्देश दिए कि वे अपने वार्डों में एक नोट-कमल पर वोट अभियान के तहत घर-घर जाएं और मतदाताओं से पार्टी के विजन को भी साझा करें।

दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने तीनों नगर निगम 100 वर्गमीटर तक के प्लाटों पर निर्माण के लिए जल्द ही भवन निर्माण प्लान की अनिवार्यता से छूट देने का ऐलान किया है। लोगों को केवल एक शपथ पत्र नगर निगम को देना होगा, जिसमें वादा करना होगा कि वे नगर निगम के सभी नियमों का पालन करेंगे। वहीं भाजपा ने अनाधिकृत कॉलोनियों में पार्षद निधि से खर्च करने की अनुमति न मिलने के मुद्दे को उठाने का फैसला किया। सफाई पर निगरानी रखने के लिए भाजपा प्रदेश कार्यालय में हेल्पलाइन शुरू करेगी।

'दस साल में सिर्फ दो मिनट बोले सांसद जी'

bjp attacks on hooda government in faridabad
फरीदाबाद में भाजपा युवा इकाई की तिगांव में हुई रैली में नेता प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे।

नेताओं ने स्थानीय सांसद पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने विकास के लिए केंद्र से आई लगभग 57 प्रतिशत राशि को वापस भेज दिया।

भाजयुमो राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष यशवीर डागर ने कहा कि सांसद ने पिछले दस साल में संसद के अंदर केवल दो मिनट ही यहां की जनता की आवाज उठाई है।

यह हाल तब है जबकि जिले की जनता खारा पानी पी रही है और स्लम में रहने वाले लोग गंदगी और बीमारियों से पीड़ित है। पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से सौतेला व्यवहार हो रहा है।

हरियाणा सरकार की दोषपूर्ण नीति के कारण यहां के लोगों को दोगुना टोल टैक्स भुगतना पड़ रहा है। रोजगार केवल रोहतक के लोगों को दिया जा रहा है। सरकार के मंत्री प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि फरीदाबाद से एकत्र 72 प्रतिशत राजस्व रोहतक के विकास में लगाया जा रहा है। ऐसे में लगातार हो रही शहर की उपेक्षा से जनता त्रस्त है और लोकसभा चुनाव में उन्हें सबक सिखाएगी।

रैली में पार्टी के वरिष्ठ नेता राधेश्याम शर्मा, पूर्व विधायक चंदर भाटिया, सोहनपाल छौकर, कमल� सौरोत, बीजेपी किसान मोर्चा हरियाणा के प्रदेश उपाध्य्क्ष शिवदत्त वशिष्ठ, ग्यासीराम बेधड़क, ग्यानदेव वत्स, केएल कथुरिया आदि मौजूद रहे।

राहुल और मोदी दोनों भ्रष्टाचारी: योगेंद्र यादव

Rahul and Modi both are corrupt: Yogendra Yadav
चर्चा है कि अगला लोकसभा चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी होगा, यह जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा। दोनों ही भ्रष्टाचारी हैं। यह बात आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य योगेंद्र यादव ने कही।

यादव रेवाड़ी के राव तुलाराम पार्क में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राहुल आज तक कॉमनवेल्थ घोटाले पर कुछ नहीं बोले और मोदी ने गुजरात में कोड़ियों के भाव उद्योगपतियों को जमीन बेची।

जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने एयरफोर्स और सैनिक विधवा को मांगने पर भी जमीन नहीं दी।

एलपीजी की दरें बढ़ाकर अंबानी ग्रुप को सोची समझी साजिश के तहत लाभ पहुंचाया जा रहा है। क्योंकि गैस कंपनी इन्ही की है।

यह देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला होगा। जबकि मोदी इस पर बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं। यादव ने कहा कि आप पार्टी हरियाणा की सभी 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी और विधानसभा चुनावों में भी अपना पूरा दमखम दिखाएगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में पार्टी पांच मुद्दों स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, भ्रष्टाचार, जमीन घोटालों पर चुनाव लडे़गी। आम आदमी पार्टी गांव, किसान व खेती को सबसे आगे रखेगी।

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अंपायर की गलती से हारी टीम इंड‌िया!

4th day Live: india vs new zealand
भारत के हाथ से टेस्ट सीरीज का पहला मैच निकल गया है। शिखर धवन का शतक भी भारत के किसी काम नहीं आया और भारत 40 रन से हार गया।

न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 503 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत ने पहली पारी में 202 रन बनाए।

इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने थोड़ा लाज बचाई और न्यूजीलैंड को उसकी दूसरी पारी में 105 रनों पर समेट दिया। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने बचाई हुई लाज को गवां दिया और देश को 40 रनों से हार मिली।

इससे पहले भारत के हाथ से वनडे सीरीज भी निकल चुकी है।

गलत फैसलों के कारण हारा भारत?

रहाणे और धोनी को आऊट करार दिया जाना भारतीय खेल प्रेमियों के गले नहीं उतर सका। इन दोनों फैसलों के बाद भारत की हार पर मुहर लग गई।

अजिंक्य रहाणे जब एलबीडब्ल्यू हुए तो साफ दिखा कि वो आऊट नहीं थे। इसके बाद धोनी जिस गेंद पर आऊट हुए वो नोबॉल मालूम हो रही थी।

गौरतलब है कि धोनी ने 39 और रहाणे ने 18 रन बनाए। अंपायर को इन दो गलतियों ने बारत को हार के मुंह में धकेल दिया।

भारत की दूसरी पारी

भारत की पहला विकेट मुरली विजय के रूप में गिरा। उन्होंने 13 रन बनाए। इसके बाद भारत को लगा दूसरा झटका जब चेतेश्वर पुजारा आऊट हुए। उन्होंने 23 रन बनाए।

भारत का तीसरा विकेट विराट कोहली के रूप में गिरा। उन्होंने 67 रन बनाए। इसके बाद भारत का चौथा विकेट गिरा। 115 रन बनाकर शिखर धवन पवेलियन लौट गए।

रहाणे आऊट हुए और इसी के साथ भारत क पांचवां झटका लगा। रहाणे ने 18 रन बनाए। इसके बाद रहाणे आऊट हुए और भारत को लगा छठा झटका। रहाणे ने 18 रन बनाए थे।

रविंद्र जड़ेजा के रूप में भारत का सातवां विकेट गिरा। उन्होंने 26 रन बनाए। इसके बाद जहीर खान भी 17 रन बना कर पवेलियन लौट गए।

भारत का नौवां विकेट धोनी के रूप में गिरा, धोनी भी 39 रन बना कर आऊट हो गए। और अंतिम 10वां विकेट इशांत शर्मा के रूप में गिरा जब वे 4 रन बनाकर आऊट हो गए।

सोनिया के खिलाफ सबूत देने पर इनाम

reward against sonia gandhi in new york
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की केंद्रीय अदालत में सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में जो मुक़दमा चल रहा है अब उसमें एक दिलचस्प मोड़ आ गया है।

अब मुक़दमा दायर करने वाली संस्था 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' ने सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ सबूत देने वालों को 20 हज़ार डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है।

इसके लिए शहर के एक दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया है।

अदालत में सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ यह मुक़दमा ख़ारिज होने की कगार पर है क्योंकि अदालत में मुक़दमा दायर करने वाले यह साबित नहीं कर पा रहे हैं कि उन्होंने सोनिया गांधी को अदालती समन पहुंचा दिए थे।

'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' संस्था के वकील गुरपतवंत पानुन कहते हैं, "सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ मुक़दमे में चूंकि उनके इस दावे का बहुत महत्व है कि जब उनको अदालती समन दिए गए थे तब वह सितंबर महीने में अमेरिका में थीं ही नहीं। इसलिए हमने इनाम की घोषणा की है जिससे इस रहस्य पर से पर्दा हटाया जा सके कि सोनिया गांधी 2013 के सितंबर महीने में अमेरिका में थीं या नहीं।"

विज्ञापन

sonia gandhi

















लेकिन पानुन यह मानते हैं कि उन्होंने अमेरिका में सोनिया गांधी को नहीं देखा था।

पानुन कहते हैं, "हम तो भारत के समाचार पत्रों में सोनिया गांधी के न्यूयॉर्क आने जाने के बार में छपी ख़बरों के आधार पर उस अस्पताल में उनके ख़िलाफ़ अदालती समन पहुंचा कर आए थे, हमने उन्हें देखा तो नहीं था।"

संस्था की ओर से न्यूयॉर्क शहर के एक समाचार पत्र 'एएम न्यूयॉर्क' में एक विज्ञापन छापा गया है जिसमें सोनिया गांधी की तस्वीर के साथ लिखा है: "अगर आपने सोनिया गांधी को सितंबर 2, 2013 और सितंबर 9, 2013 के बीच अमेरिका में देखा है और आप अमेरिकी अदालत में जज के सामने गवाही दे दें तो आपको 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' की ओर से 20,000 डॉलर (क़रीब 12 लाख रुपए) इनाम दिया जाएगा।"

इसके अलावा विज्ञापन में फ़ोन नम्बर भी दिए गए हैं जिस पर लोग सूचना दे सकते हैं।

अख़बार के पिछले पन्ने पर क्रॉसवर्ड पज़ल के बराबर में पेज के एक चौथाई हिस्से में छपे इस विज्ञापन में भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के बारे में भी जानकारी दी गई है।

यह समाचार पत्र रोज़ाना हर रेल स्टेशन और बस स्टेशन आदि पर मुफ़्त में बांटा जाता है।

सुबह काम पर आने जाने वाले बहुत से लोग इस समाचार पत्र को लेकर पढ़ते भी हैं।

जवाब

एक अनुमान के अनुसार, न्यूयॉर्क शहर में इस समाचार पत्र के पाठकों की संख्या 13 लाख से अधिक है।

सिख संस्था के वकील का यह भी कहना है कि सोनिया गांधी पिछले साल सितंबर महीने में अमेरिका में मौजूद होने के बारे में कई अलग बयान दे चुकी हैं।

लेकिन सोनिया गांधी ने पिछले साल 28 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के लेटरहेड पर लिखे एक पत्र में मामले को देख रहे जज को अपने वकील के ज़रिए बताया था कि ''मैं साल 2013 में सितंबर महीने में दो और नौ तारीख़ के बीच में न्यूयॉर्क में मौजूद नहीं थी। और मुझे किसी प्रकार का समन नहीं दिया गया।"

सेनिया गांधी के इस पत्र के साथ कई अन्य तथ्यों का हवाला देते हुए उनके वकील रवि बत्रा ने गत दो जनवरी को अदालत से मुक़दमा ख़त्म करने की अपील भी की थी।

इस सिलसिले में अदालत ने 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' और मुक़दमा दायर करने वाले दो अन्य लोगों को जवाब दाख़िल करने को कहा है।

उसी के बाद से 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' संस्था ने इस प्रकार विज्ञापन के ज़रिए सबूत इकठ्ठे करने की क़वायद शुरू की।

लेकिन इसमें इस संस्था को कामयाबी मिलेगी, इसके आसार कम ही लगते हैं।

भारत में दंगा न्यूयॉर्क में समन

सिख संस्था के वकील का कहना है कि सिर्फ़ एक पत्र लिख देने भर से यह साबित नहीं होता कि वह सितंबर महीने में अमरीका में ही नहीं थी। बल्कि सोनिया गांधी को अदालत में एक हलफ़िया बयान दर्ज कराना चाहिए।

वह समन इस सिख संस्था और 1984 के दंगों के दो पीड़ितों मोहिंदर सिंह और जसबीर सिंह द्वारा अदालत में सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किए जाने के बाद जारी किए गए थे।

मुक़दमे में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी अपनी कांग्रेस पार्टी के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को बचा रही हैं जो 1984 के दंगों में कथित तौर पर शामिल थे।

अमेरिकी क़ानून के तहत सोनिया गांधी को यह अदालती समन व्यक्तिगत रूप से पहुंचाने की ज़िम्मेदारी मुक़दमा दायर करने वालों की होती है।

मुक़दमे में सोनिया गांधी से 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए हर्जाने की भी मांग की गई है।

1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों में लगभग तीन हज़ार सिख मारे गए थे।

अंपायर की गलती बनी टीम इंडिया की हार का कारण!

4th day Live: india vs new zealand
भारत के हाथ से टेस्ट सीरीज का पहला मैच निकल गया है। शिखर धवन का शतक भी भारत के किसी काम नहीं आया और भारत 40 रन से हार गया।

न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 503 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत ने पहली पारी में 202 रन बनाए।

इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने थोड़ा लाज बचाई और न्यूजीलैंड को उसकी दूसरी पारी में 105 रनों पर समेट दिया। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने बचाई हुई लाज को गवां दिया और देश को 40 रनों से हार मिली।

इससे पहले भारत के हाथ से वनडे सीरीज भी निकल चुकी है।

गलत फैसलों के कारण हारा भारत?

रहाणे और धोनी को आऊट करार दिया जाना भारतीय खेल प्रेमियों के गले नहीं उतर सका। इन दोनों फैसलों के बाद भारत की हार पर मुहर लग गई।

अजिंक्य रहाणे जब एलबीडब्ल्यू हुए तो साफ दिखा कि वो आऊट नहीं थे। इसके बाद धोनी जिस गेंद पर आऊट हुए वो नोबॉल मालूम हो रही थी।

गौरतलब है कि धोनी ने 39 और रहाणे ने 18 रन बनाए। अंपायर को इन दो गलतियों ने बारत को हार के मुंह में धकेल दिया।

भारत की दूसरी पारी

भारत की पहला विकेट मुरली विजय के रूप में गिरा। उन्होंने 13 रन बनाए। इसके बाद भारत को लगा दूसरा झटका जब चेतेश्वर पुजारा आऊट हुए। उन्होंने 23 रन बनाए।

भारत का तीसरा विकेट विराट कोहली के रूप में गिरा। उन्होंने 67 रन बनाए। इसके बाद भारत का चौथा विकेट गिरा। 115 रन बनाकर शिखर धवन पवेलियन लौट गए।

रहाणे आऊट हुए और इसी के साथ भारत क पांचवां झटका लगा। रहाणे ने 18 रन बनाए। इसके बाद रहाणे आऊट हुए और भारत को लगा छठा झटका। रहाणे ने 18 रन बनाए थे।

रविंद्र जड़ेजा के रूप में भारत का सातवां विकेट गिरा। उन्होंने 26 रन बनाए। इसके बाद जहीर खान भी 17 रन बना कर पवेलियन लौट गए।

भारत का नौवां विकेट धोनी के रूप में गिरा, धोनी भी 39 रन बना कर आऊट हो गए। और अंतिम 10वां विकेट इशांत शर्मा के रूप में गिरा जब वे 4 रन बनाकर आऊट हो गए।

फेसबुक फ्रेंड से म‌िलने गई थी, हुआ रेप

gangrape in madhya pradesh
फेसबुक फ्रेंड से मिलना एक लड़की को बहुत महंगा पड़ा। उसके साथ गैंगरेप हुआ, पुलिस अब आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

मामला गुरूवार शाम करीब पांच वजे का है जब भोपाल से 20 किलोमीटर दूर सेहतगंज इलाके में दसवीं क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए गई।

पुलिस ने बताया कि घूमंतू जाति के चार युवकों ने दोनों को पकड़ लिया। उन्होंने लड़के को चाकू दिखाया और पेड़ से बांध दिया।

बारी बारी से उन्होंने लड़की के साथ रेप किया। बाद में लड़की और उसका फेसबुक फ्रेंड भोपाल लौटे। रेपिस्टों ने उन दोनों को छोड़ने से पहले मोबाइल भी छीन लिए।

वे लड़की की आंटी के घर पहुंचे और वहीं रुके। शक्रवार को लड़की ने पूरी बात अपने परिजनों को बताई और फिर गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया।

केस को आगे की जांच के लिए रायसेन पुलिस के पास भेजा गया है। मेडिकल में साफ हो गया है कि लड़की के साथ रेप हुआ था।

होशंगाबाद रेंज के एडीजी अजय शर्मा ने बताया कि चारों आरोपी पहचाने जा चुके हैं और उनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लड़की और उसके दोस्त ने फोटो देख कर पहचान भी कर ली है।

नक्सली हमले में सीआरपीएफ के दो जवान शहीद

2 soldier died naxal attack in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया।

बारूदी सुरंग से हुए धमाके में सीआरपीएफ की 219 बटालियन में कांस्टेबल राजीव रावत और एक डिप्टी कमांडेंट शहीद हो गए जबकि 12 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।

इसके बाद नक्सलियों ने जवानों में अंधाधुंध फायरिंग भी की। उधर, बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद तीन नक्सलियों को मार गिराया।

सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर ने बताया कि सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की घटना रविवार सुबह भेज्जी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले बोधराजपादर गांव के जंगलों में हुई।

घायलों में एक डिप्टी कमांडेंट, सुरक्षा बल के सात अधिकारी और चार पुलिसकर्मी शामिल हैं।

जबकि बीजापुर जिले में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ ने जवानों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया। छत्तीसगढ़ पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस ने राज्य की राजधानी से 450 किमी दूर राज्य की सीमा के पास इस संयुक्त अभियान को अंजाम दिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ के बाद कई नक्सली जंगलों में भाग गए।

मारे गए तीनों नक्सलियों की पहचान नवीन मंडावी (38), उसकी पत्नी मासे तेलम (27) और सन्नू उड्डे (23) के रूप में हुई है। घटना स्थल से एक टिफिन बम, नक्सली साहित्य और रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी बरामद हुआ है।

अफजल की फांसी के साल भर बाद घाटी की फिजा

situation in kashmir after one year of afzal guru's death

खास-खास

अफजल गुरू पर आरोप

भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और 121ए के तहत भारत के ख़िलाफ़ युद्ध करने, युद्ध को प्रेरित करने, युद्ध के प्रयास करने और युद्ध की साज़िश रचने के आरोप।

भारतीय दंड संहिता की धारा 122 के तहत भारत के ख़िलाफ़ युद्ध की मंशा से हथियार इकट्ठा करने के आरोप।

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप।

आतंकवाद रोकथाम अधिनियम (2002) की धारा 3(3) (4) और (5) के तहत चरमपंथी घटना को अंजाम देने की साज़िश रचने और मारे गए चरमपंथियों को यह जानने के बावजूद की वे चरमपंथी हैं, पनाह देने और मदद करने के आरोप।
नौ फरवरी, 2013 को जब कश्मीर घाटी में लोग जागे तो उन्होंने खुद को बेहद कड़े सुरक्षा इंतज़ामों में घिरा पाया। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात थे। वजह थी संसद हमलों के दोषी अफज़ल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी पर चढ़ाकर दफन कर दिया जाना।

अब एक साल बाद भी अफ़ज़ल गुरु को दी गई फाँसी की वैधता पर बहसें ज़ारी हैं साथ ही उनके शव को वापस लाने के लिए भी आवाज़े उठ रही हैं। तिहाड़ जेल में फाँसी पर चढ़ाकर दफ़नाए गए अफ़ज़ल गुरु पहले कश्मीरी नहीं हैं।

उनसे पहले जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के मक़बूल बट को भी तिहाड़ ही दफ़नाया जा चुका है। संयोगवश बट को भी फ़रवरी के महीने में ही 11 तारीख को साल 1984 में फाँसी दी गई थी।

विरोध के स्वर

भारत प्रशासित कश्मीर में सभी अलगाववादी संगठनों ने दोनों फाँसियों के विरोध और उनके शवों को वापस घाटी लाने के लिए होने वाले प्रदर्शनों की तारीख़े तय कर दी हैं।

गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं, प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं और सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों से 9, 10 और 11 फ़रवरी को तीन दिन की हड़ताल रखने के लिए कहा गया है।

अफ़ज़ल गुरु को फाँसी दिए जाने की कश्मीर में व्यापक प्रतिक्रिया नहीं हुई है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसका घाटी पर असर नहीं हुआ है। निश्चित तौर पर इसका मनोवैज्ञानिक असर हुआ है।

फांसी का असर

29 साल पहले जब मक़बूल बट को फाँसी दी गई थी तब भी कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दिया था लेकिन इतिहास ग़वाह है कि मकबूल को फाँसी दिए जाने के बाद सैकड़ों कश्मीरी युवा नियंत्रण रेखा पार कर सैन्य प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान चले गए थे और भारत सरकार को चुनौती देने के लिए एके 47 राइफ़लों के साथ लौटे थे।

हथियारबंद संघर्ष के पीछे मक़बूल बट की फाँसी ही इकलौती वजह नहीं थी। उसके कई अन्य कारण भी थे जैसे 1987 चुनावों में कथित घपलेबाज़ी, अफ़ग़ानिस्तान में जेहाद और ईरान में क्रांति। लेकिन बट को हुई फाँसी इन सब कारणों पर भारी थी। बंदूक उठाने वाले पहले कश्मीरी युवाओं की आँखों में भी जम्मू-कश्मीर की आज़ादी का बट देखा सपना ही था।

सिर्फ़ बट को हुई फाँसी से ही चरमपंथ की शुरूआत नहीं हुई थी लेकिन इसने कश्मीर के युवाओं को अपने इतिहास से ज़रूर जोड़ दिया था। इतिहास जानने के बाद उन्हें अहसास हुआ था कि श्रीनगर और नई दिल्ली के बीच सबकुछ ठीक नहीं हैं। इसी अहसास ने गुस्सा और अलगाव की भावना पैदा की।

अगर हम बट की फाँसी से परे देखें तो पाएंगे कि इंदिरा गाँधी और शेख़ अबदुल्ला के बीच 1975 में हुए समझौते के बाद कश्मीर ने इस तथ्य को एक तरीके से स्वीकार कर लिया था कि उसे अब भारत के साथ ही रहना है।

कश्मीर में बहुत कम ही ऐसे लोग थे जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों या जनमत संग्रह की बात करते थे। हालाँकि हॉकी और क्रिकेट के मैदानों में जब भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने होती थी तो नारे ज़रूर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के लगते थे।

afzal guru

















बदले हालात

बट को फाँसी दिए जाने के बाद हालात तेज़ी से बदले। कश्मीर की जनता ने खुद को अपनी कश्मीरी और मुस्लिम पहचान पर ज़ोर देना शुरू कर दिया। इसका नतीज़ा यह हुआ कि बट को फाँसी पर चढ़ाए जाने के तीन साल के भीतर ही मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट का गठन हो गया। फ्रंट चुनावों में उतरा लेकिन चुनावों पर घपलेबाज़ी के आरोप लगे।

लोकतांत्रिक प्रक्रिया से निराश युवाओं ने सीधे जंग का फ़ैसला कर लिया।

गुरु की फाँसी से पहले के कश्मीर पर एक नज़र डालते हैं। 2010 में कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली गीलानी के नेतृत्व में हुए 'क्विट इंडिया' प्रदर्शनों की नाकामी ने युवाओं को दोबारा सोचने पर मज़बूर कर दिया।

प्रदर्शनों में सौ से अधिक कश्मीरी युवाओं की मौत लोगों को इस भ्रम से भी बाहर निकाल दिया कि वे पत्थर फेंककर वे कश्मीर से भारत को बाहर निकाल सकते हैं।

शांतिप्रिय दौर

इसके बाद के दो साल बेहद शांतिप्रिय रहे। स्कूल खुले रहे, आर्थिक गतिविधियां चलती रहीं और घाटी पर्यटकों से भर गई। इस सबके साथ और भी कई सकारात्मक चीज़े हुईं। इसके यह मायने नहीं थे कि कश्मीरी युवाओं ने भारत के हक़ में फ़ैसला ले लिया था बल्कि वे इच्छाओं से निकलकर कुछ करने की सोचने लगे थे।

विरोध प्रदर्शनों का आकर्षण ख़त्म हो गया था। अफ़ज़ल गुरु को फाँसी पर चढ़ाए जाने के हालात ऐसे ही थे जैसे कि 80 के दशक में बट को फाँसी पर दिए जाने के दौरान थे।

ध्यान देने वाली एक बात और है। युवाओं ने जब मक़बूल बट को पहचाना, उनके जीवन को पढ़ा और पाया कि वे उदारवादी, धर्मनिर्पेक्ष और लोकतांत्रिक थे क्योंकि वे एक आज़ाद, प्रजातांत्रिक और धर्मनिर्पेक्ष कश्मीर चाहते थे।

गुरु के मामले में कहानी बिलकुल उलटी है।

ज़रूरी 'शहीद'

आज के युवाओं को बताया गया है कि अफ़ज़ल गुरु जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। ये ऐसा समूह है जिसमें कश्मीरी कुछ भी नहीं है। ये एक बड़े वैश्विक जेहाद गठजोड़ का हिस्सा है। इसलिए युवा जब अफ़ज़ल गुरु को पहचानेंगे तो सीधे या परोक्ष रूप से जैश को भी पहचानेंगे।

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों को ऊपर से देखने से ही पता चल जाता है कि कश्मीर के युवा फाँसी के बाद से ही खुद को अफ़ज़ल गुरु से जोड़ कर देख रहे हैं। फाँसी से पहले बहुत से लोग गुरु को लेकर उदासीन थे। यहाँ तक की अलगाववादी समूह तक कभी कभार प्रेस रिलीज़ भेजने के सिवा कुछ खास नहीं करते थे। लेकिन फाँसी पर चढ़ाए जाने के बाद से ही वे एक 'शहीद' बन गए हैं।

ऐसा 'शहीद' जिसकी अलगाववादियों को बहुत ज़रूरत थी।

'मीडिया ने भैंस भी बना दी समाजवादी'

akhilesh yadav slams on an english newspaper
अखिलेश यादव ने मीडिया पर एक बार फिर जमकर आरोपों की ‌बारिश की। उन्होंने एक अखबार का मजाक भी उड़ाया।

हरदोई में चल रहे कार्यकर्ता सम्मेलन में अखिलेश यादव ने एक बार फिर मीडिया पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि मीडिया समाजवादी पार्टी को गलत वजहों से फेमस करना चाहती है। इसीलिए हमारे आजम साहब की भैंस कहीं चली जाती है, तो उसे भी समाजवादी बना दिया जाता है।

अखिलेश ने कहा, 'एक अंग्रेजी अखबार ने आजम खां की भैंस को भी समाजवादी टोपी पहना दी। आजम खां सही कहते हैं कि उनसे ज्यादा चर्चित उनकी भैंसें हो गई हैं।'

मोदी पर भी साधा निशाना
कार्यकर्ताओं में जान फूंकने पहुंचे अखिलेश ने सपा सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि हमने जितने लैपटॉप एक साल में बांट दिए हैं, उतने गुजरात में बांटने में पांच साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात में इतने छात्र-छात्राएं ही नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां युवाओं की तादाद भी काफी ज्यादा है। कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर हमारे कामों की चर्चा करनी होगी, क्योंकि मीडिया तो हमारी कमियां ही खोज रही है।

केजरीवाल भी निशाने पर
अखिलेश ने कहा कि दिल्ली में 700 लीटर पानी मुफ्त दे दिया गया तो यह खबर दुनियाभर में फैल गई। यह किसी मीडिया ने नहीं दिखाया कि सपा सरकार ने किस तरह यहां मुफ्त पानी की व्यवस्‍था की है।

सोनिया गांधी के खिलाफ सबूत, अमेरिका में इनाम

reward against sonia gandhi in new york
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की केंद्रीय अदालत में सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में जो मुक़दमा चल रहा है अब उसमें एक दिलचस्प मोड़ आ गया है।

अब मुक़दमा दायर करने वाली संस्था 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' ने सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ सबूत देने वालों को 20 हज़ार डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है।

इसके लिए शहर के एक दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया है।

अदालत में सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ यह मुक़दमा ख़ारिज होने की कगार पर है क्योंकि अदालत में मुक़दमा दायर करने वाले यह साबित नहीं कर पा रहे हैं कि उन्होंने सोनिया गांधी को अदालती समन पहुंचा दिए थे।

'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' संस्था के वकील गुरपतवंत पानुन कहते हैं, "सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ मुक़दमे में चूंकि उनके इस दावे का बहुत महत्व है कि जब उनको अदालती समन दिए गए थे तब वह सितंबर महीने में अमेरिका में थीं ही नहीं। इसलिए हमने इनाम की घोषणा की है जिससे इस रहस्य पर से पर्दा हटाया जा सके कि सोनिया गांधी 2013 के सितंबर महीने में अमेरिका में थीं या नहीं।"

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sonia gandhi

















लेकिन पानुन यह मानते हैं कि उन्होंने अमेरिका में सोनिया गांधी को नहीं देखा था।

पानुन कहते हैं, "हम तो भारत के समाचार पत्रों में सोनिया गांधी के न्यूयॉर्क आने जाने के बार में छपी ख़बरों के आधार पर उस अस्पताल में उनके ख़िलाफ़ अदालती समन पहुंचा कर आए थे, हमने उन्हें देखा तो नहीं था।"

संस्था की ओर से न्यूयॉर्क शहर के एक समाचार पत्र 'एएम न्यूयॉर्क' में एक विज्ञापन छापा गया है जिसमें सोनिया गांधी की तस्वीर के साथ लिखा है: "अगर आपने सोनिया गांधी को सितंबर 2, 2013 और सितंबर 9, 2013 के बीच अमेरिका में देखा है और आप अमेरिकी अदालत में जज के सामने गवाही दे दें तो आपको 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' की ओर से 20,000 डॉलर (क़रीब 12 लाख रुपए) इनाम दिया जाएगा।"

इसके अलावा विज्ञापन में फ़ोन नम्बर भी दिए गए हैं जिस पर लोग सूचना दे सकते हैं।

अख़बार के पिछले पन्ने पर क्रॉसवर्ड पज़ल के बराबर में पेज के एक चौथाई हिस्से में छपे इस विज्ञापन में भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के बारे में भी जानकारी दी गई है।

यह समाचार पत्र रोज़ाना हर रेल स्टेशन और बस स्टेशन आदि पर मुफ़्त में बांटा जाता है।

सुबह काम पर आने जाने वाले बहुत से लोग इस समाचार पत्र को लेकर पढ़ते भी हैं।

जवाब

एक अनुमान के अनुसार, न्यूयॉर्क शहर में इस समाचार पत्र के पाठकों की संख्या 13 लाख से अधिक है।

सिख संस्था के वकील का यह भी कहना है कि सोनिया गांधी पिछले साल सितंबर महीने में अमेरिका में मौजूद होने के बारे में कई अलग बयान दे चुकी हैं।

लेकिन सोनिया गांधी ने पिछले साल 28 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के लेटरहेड पर लिखे एक पत्र में मामले को देख रहे जज को अपने वकील के ज़रिए बताया था कि ''मैं साल 2013 में सितंबर महीने में दो और नौ तारीख़ के बीच में न्यूयॉर्क में मौजूद नहीं थी। और मुझे किसी प्रकार का समन नहीं दिया गया।"

सेनिया गांधी के इस पत्र के साथ कई अन्य तथ्यों का हवाला देते हुए उनके वकील रवि बत्रा ने गत दो जनवरी को अदालत से मुक़दमा ख़त्म करने की अपील भी की थी।

इस सिलसिले में अदालत ने 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' और मुक़दमा दायर करने वाले दो अन्य लोगों को जवाब दाख़िल करने को कहा है।

उसी के बाद से 'सिख्स फ़ॉर जस्टिस' संस्था ने इस प्रकार विज्ञापन के ज़रिए सबूत इकठ्ठे करने की क़वायद शुरू की।

लेकिन इसमें इस संस्था को कामयाबी मिलेगी, इसके आसार कम ही लगते हैं।

भारत में दंगा न्यूयॉर्क में समन

सिख संस्था के वकील का कहना है कि सिर्फ़ एक पत्र लिख देने भर से यह साबित नहीं होता कि वह सितंबर महीने में अमरीका में ही नहीं थी। बल्कि सोनिया गांधी को अदालत में एक हलफ़िया बयान दर्ज कराना चाहिए।

वह समन इस सिख संस्था और 1984 के दंगों के दो पीड़ितों मोहिंदर सिंह और जसबीर सिंह द्वारा अदालत में सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किए जाने के बाद जारी किए गए थे।

मुक़दमे में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी अपनी कांग्रेस पार्टी के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को बचा रही हैं जो 1984 के दंगों में कथित तौर पर शामिल थे।

अमेरिकी क़ानून के तहत सोनिया गांधी को यह अदालती समन व्यक्तिगत रूप से पहुंचाने की ज़िम्मेदारी मुक़दमा दायर करने वालों की होती है।

मुक़दमे में सोनिया गांधी से 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए हर्जाने की भी मांग की गई है।

1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों में लगभग तीन हज़ार सिख मारे गए थे।

'शादी से पहले मोबाइल ना रखें लड़कियां'

khap panchayat
शादी से पहले लड़कियां मोबाइल नहीं रख सकती। शादी में नकदी और बाइक नहीं दी जा सकती। ऐसे ही कुछ अन्य फरमान हरियाणा के गांव बहीन में शनिवार को 108 पालों की पंचायत में सुनाए गए।

पंचायत में यूपी का प्रतिनिधित्व पूर्व मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने किया। पंचायत से लौटकर उन्होंने बताया कि बैनीवालपाल, डींडेपाल, लोहकना पाल, गठौनापाल के पंचों ने शनिवार को महापंचायत की। इसमें फरमान सुनाया गया कि शादी से पहले लड़की मोबाइल नहीं रख सकती।

बारात में 51 लोग से अधिक और लग्न-सगाई में 11 से अधिकतम लोग नहीं जा सकते। दहेज के रूप में अधिकतर 25 ग्राम सोना और 200 ग्राम चांदी व आवश्यक कपड़े ही भेंट किए जाएं। वाहन और नकदी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दी गई।

वहीं रिंग सेरेमनी, गोद भराई, डीजे-बाजा प्रतिबंधित किए गए हैं। ग्रामीण द्वारा बैंकट हॉल में शादी करने पर भी प्रतिबंध रहेगा। रविवार को बहीन में भंडारे के साथ महापंचायत का समापन होगा।

छाया रहा नशामुक्ति अभियान

कोसीकलां क्षेत्र से उठी नशामुक्ति अभियान की लहर प्रदेश की सीमाओं को लांघकर हरियाणा और राजस्थान के लोगों के लिए मिसाल बन गई। शनिवार को हरियाणा के गांव बहीन में हुई महापंचायत में कोसी की मिसाल देकर सभी खापों में नशाबंदी कराने का फरमान सुना दिया गया।

अंपायर की गलती पड़ी भारी, टीम इंडिया 40 रन से हारी

4th day Live: india vs new zealand
भारत के हाथ से टेस्ट सीरीज का पहला मैच निकल गया है। शिखर धवन का शतक भी भारत के किसी काम नहीं आया और भारत 40 रन से हार गया।

न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 503 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत ने पहली पारी में 202 रन बनाए।

इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने थोड़ा लाज बचाई और न्यूजीलैंड को उसकी दूसरी पारी में 105 रनों पर समेट दिया। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने बचाई हुई लाज को गवां दिया और देश को 40 रनों से हार मिली।

इससे पहले भारत के हाथ से वनडे सीरीज भी निकल चुकी है।

गलत फैसलों के कारण हारा भारत?

रहाणे और धोनी को आऊट करार दिया जाना भारतीय खेल प्रेमियों के गले नहीं उतर सका। इन दोनों फैसलों के बाद भारत की हार पर मुहर लग गई।

अजिंक्य रहाणे जब एलबीडब्ल्यू हुए तो साफ दिखा कि वो आऊट नहीं थे। इसके बाद धोनी जिस गेंद पर आऊट हुए वो नोबॉल मालूम हो रही थी।

गौरतलब है कि धोनी ने 39 और रहाणे ने 18 रन बनाए। अंपायर को इन दो गलतियों ने बारत को हार के मुंह में धकेल दिया।

भारत की दूसरी पारी

भारत की पहला विकेट मुरली विजय के रूप में गिरा। उन्होंने 13 रन बनाए। इसके बाद भारत को लगा दूसरा झटका जब चेतेश्वर पुजारा आऊट हुए। उन्होंने 23 रन बनाए।

भारत का तीसरा विकेट विराट कोहली के रूप में गिरा। उन्होंने 67 रन बनाए। इसके बाद भारत का चौथा विकेट गिरा। 115 रन बनाकर शिखर धवन पवेलियन लौट गए।

रहाणे आऊट हुए और इसी के साथ भारत क पांचवां झटका लगा। रहाणे ने 18 रन बनाए। इसके बाद रहाणे आऊट हुए और भारत को लगा छठा झटका। रहाणे ने 18 रन बनाए थे।

रविंद्र जड़ेजा के रूप में भारत का सातवां विकेट गिरा। उन्होंने 26 रन बनाए। इसके बाद जहीर खान भी 17 रन बना कर पवेलियन लौट गए।

भारत का नौवां विकेट धोनी के रूप में गिरा, धोनी भी 39 रन बना कर आऊट हो गए। और अंतिम 10वां विकेट इशांत शर्मा के रूप में गिरा जब वे 4 रन बनाकर आऊट हो गए।

मिलने गई थी फेसबुक फ्रेंड से, चार ने ‌किया रेप

gangrape in madhya pradesh
फेसबुक फ्रेंड से मिलना एक लड़की को बहुत महंगा पड़ा। उसके साथ गैंगरेप हुआ, पुलिस अब आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

मामला गुरूवार शाम करीब पांच वजे का है जब भोपाल से 20 किलोमीटर दूर सेहतगंज इलाके में दसवीं क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए गई।

पुलिस ने बताया कि घूमंतू जाति के चार युवकों ने दोनों को पकड़ लिया। उन्होंने लड़के को चाकू दिखाया और पेड़ से बांध दिया।

बारी बारी से उन्होंने लड़की के साथ रेप किया। बाद में लड़की और उसका फेसबुक फ्रेंड भोपाल लौटे। रेपिस्टों ने उन दोनों को छोड़ने से पहले मोबाइल भी छीन लिए।

वे लड़की की आंटी के घर पहुंचे और वहीं रुके। शक्रवार को लड़की ने पूरी बात अपने परिजनों को बताई और फिर गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया।

केस को आगे की जांच के लिए रायसेन पुलिस के पास भेजा गया है। मेडिकल में साफ हो गया है कि लड़की के साथ रेप हुआ था।

होशंगाबाद रेंज के एडीजी अजय शर्मा ने बताया कि चारों आरोपी पहचाने जा चुके हैं और उनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लड़की और उसके दोस्त ने फोटो देख कर पहचान भी कर ली है।