खास-खास
घटनाक्रम
- 11:30 am- कांग्रेस विधायक मंडल की बैठक साढ़े ग्यारह बजे तय थी लेकिन तय समय तक केवल आधे विधायक ही पहुंचे।
- 12:00 pm- कार्यवाहक मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा विधान मंडल दल की बैठक में पहुंचे।
- 12:15 pm- बैठक के बाहर सतपाल महाराज के समर्थक पहुंचे और उनके समर्थकों ने नारेबाजी की। जबाब में हरीश रावत के समर्थकों ने भी नारेबाजी की जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
- 1:00 pm- विधान मंडल की बैठक में विधायकों ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुनने का फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा।
- 1:15 pm- बंद कमरे में विधान मंडल दल की बैठक फिर शुरू हुई।
- 3:00 pm- हरीश रावत बैठक स्थल पर पहुंचे।
- 5:00 pm- बैठक के बाद हरीश रावत के नाम पर सहमति बन गई।
- 6:30 pm- राजभवन में राज्यपाल अजीज कुरैशी ने हरीश रावत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से विजय बहुगुणा के इस्तीफे के बाद हरीश रावत को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान मिल गई है। हरीश रावत प्रदेश्ा के 14 साल में आठवें मुख्यमंत्री हैं।
मुख्यमंत्री पद पर सोनिया गांधी की मुहर के बाद हरीश रावत राजभवन पहुंचे जहां उन्हें राज्यपाल अजीज कुरैशी ने शाम 6:30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शनिवार को राजधानी देहरादून में विधानमंडल की बैठक के बाद कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने हरीश रावत के नाम पर मुहर लगाई।
किसी मंत्री की कुर्सी नहीं जाएगी
विधानमंडल की बैठक के बाद किसी नए विधायक को मंत्री पद नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा सरकार के सभी मंत्री रावत सरकार में वैसे ही काम करते रहेंगे। टिहरी से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै मंत्री पद न मिलने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वो कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।
विरोध होता रहा
शुक्रवार को विजय बहुगुणा के इस्तीफे के बाद आज देहरादून में कांग्रेस विधानमंडल की बैठक बुलाई गई थी। हालांकि बैठक में विधायकों के बीच हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर विरोध होता रहा।
सतपाल महाराज गुट के समर्थक बैठक के दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए हरीश रावत को सीएम न बनाने की मांग करते रहे। उनका कहना था कि किसी विधायक को ही प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
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शपथ राजभवन में, संबोधन परेड ग्राउंड में
उसके बाद हरीश रावत परेड ग्राउंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। हरीश रावत के समर्थक जनसभा को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। देहरादून, हरिद्वार के अलावा बड़ी संख्या में कुमाऊं के नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा जिलों से लोग जनसभा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
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विजय बहुगुणा: इस्तीफे के पहले का बयान
पार्टी के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने राजभवन जा रहा हूं। कल विधायकों की बैठक होगी उसमें नए नेता का चयन होगा। मेरा विधायकों से अनुरोध है कि सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करेंगे। सोनिया गांधी जिसे नेता चुनेंगी विधायक उनके साथ हैं।
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विजय बहुगुणा: इस्तीफे के बाद का बयान
राज्यपाल जी को इस्तीफा दे दिया है। पार्टी का फैसला सर आंखों पर। प्रदेश की सेवा करने का सौभाग्य मिला। आगे भी निरंतर सेवा करता रहूंगा। विधानमंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से नए नेता का प्रस्ताव पास करेंगे। पूरी पार्टी एक है नए नेता के साथ है। नए मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं और सहयोग रहेगा।
मुख्यमंत्री पद पर सोनिया गांधी की मुहर के बाद हरीश रावत राजभवन पहुंचे जहां उन्हें राज्यपाल अजीज कुरैशी ने शाम 6:30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शनिवार को राजधानी देहरादून में विधानमंडल की बैठक के बाद कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने हरीश रावत के नाम पर मुहर लगाई।
किसी मंत्री की कुर्सी नहीं जाएगी
विधानमंडल की बैठक के बाद किसी नए विधायक को मंत्री पद नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा सरकार के सभी मंत्री रावत सरकार में वैसे ही काम करते रहेंगे। टिहरी से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै मंत्री पद न मिलने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वो कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।
विरोध होता रहा
शुक्रवार को विजय बहुगुणा के इस्तीफे के बाद आज देहरादून में कांग्रेस विधानमंडल की बैठक बुलाई गई थी। हालांकि बैठक में विधायकों के बीच हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर विरोध होता रहा।
सतपाल महाराज गुट के समर्थक बैठक के दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए हरीश रावत को सीएम न बनाने की मांग करते रहे। उनका कहना था कि किसी विधायक को ही प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
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शपथ राजभवन में, संबोधन परेड ग्राउंड में
उसके बाद हरीश रावत परेड ग्राउंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। हरीश रावत के समर्थक जनसभा को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। देहरादून, हरिद्वार के अलावा बड़ी संख्या में कुमाऊं के नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा जिलों से लोग जनसभा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
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विजय बहुगुणा: इस्तीफे के पहले का बयान
पार्टी के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने राजभवन जा रहा हूं। कल विधायकों की बैठक होगी उसमें नए नेता का चयन होगा। मेरा विधायकों से अनुरोध है कि सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करेंगे। सोनिया गांधी जिसे नेता चुनेंगी विधायक उनके साथ हैं।
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विजय बहुगुणा: इस्तीफे के बाद का बयान
राज्यपाल जी को इस्तीफा दे दिया है। पार्टी का फैसला सर आंखों पर। प्रदेश की सेवा करने का सौभाग्य मिला। आगे भी निरंतर सेवा करता रहूंगा। विधानमंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से नए नेता का प्रस्ताव पास करेंगे। पूरी पार्टी एक है नए नेता के साथ है। नए मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं और सहयोग रहेगा।