Thursday, December 26, 2013

यह शख्स कमाता है रोजाना 254 करोड़!

adelson made 254 crore rupees per day in 2013
यदि कोई कहे कि किसी शख्स की रोजाना की आमदनी 254 करोड़ रुपए है तो चौंकना स्वभाविक है। लेकिन ये सच है कि कारोबारी शेल्डन एडेल्सन ने इस साल 15 बिलियन डॉलर कमाए।
दुनिया के सबसे बड़े कैसिनो ऑपरेटर शेल्डन एडेल्सन का लॉस वेगास, मकाउ और सिंगापुर में कारोबार फैला हुआ है। जुए के कारोबारी एडेल्सन जल्द ही अपनी कंपनी को जापान, कोरिया और अन्य मुल्कों में शुरू करने जा रहे हैं।
फोर्ब्स मैग्जीन ने भी इस पर अपनी मुहर लगाते हुए इस साल सबसे अधिक कमाने वालों की लिस्ट जारी की है।


फोर्ब्स की इस लिस्ट में फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग भी शामिल हैं, जिन्होंने 13.6 बिलियन डॉलर कमाए। इस साल हर दिन उनकी जेब में 230 करोड़ रुपए आए।
तीसरे पायदान पर अमेजन के संस्‍थापक जेफ बेजोस रहे और उन्होंने अपनी संपत्ति में 13.3 बिलियन डॉलर का इजाफा किया।
हालांकि इस बार दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट मात खा गए और चौथे पायदान पर रहे। रोजाना उनकी आमदनी 205 करोड़ रही और इस साल बफेट ने 13.3 बिलियन डॉलर कमाए।
वहीं पांचवें, छठे, सातवें और आठवें पायदान पर एक ही परिवार 'वाल्टन्स' का कब्जा रहा। यह परिवार रिटेल मार्केट से जुड़ी वॉलमार्ट कंपनी का मालिक है।
वहीं गूगल के सह-संस्‍थापक लैरी पेज और माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स क्रमशः नौवें और दसवें पायदान पर रहे।

यौन शोषण से बचकर भागे थे जुवेनाइल!

juveniles sexualy abused in meerut observation home says boy
मेरठ के बाल सुधार केंद्र से भागे एक कैदी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने बताया है कि केंद्र में बाल कैदियों का यौन और शारी‌रिक शोषण किया जाता है। इस कारण से ही 18 दिसंबर को 43 बाल कैदी वहां से फरार हो गए।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार
, आरोपी कैदी ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है। उसने बताया ‌कि बाल सुधार केंद्र में उम्र में बड़े कैदी बाल कैदियों का यौन और शारी‌रिक शोषण करते हैं। इस खुलासे के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने मामले की जांच के ओदश दे दिए हैं।
'मेरे साथ सेक्स करो, वर्ना मैं खुदकुशी कर लूंगा...'
बाल कैदी ने बताया कि 18 दिसंबर को सुधार केंद्र से भागकर वह अपने घर आ गया। 20 दिसंबर को उसने इंडिया सुरक्षा चाइल्डलाइन से संपर्क किया। वह पुलिस से इस मामले की शिकायत नहीं करना चाहता था।
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इसके बाद चाइल्डलाइन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग को इस मामले को लेकर पत्र लिखा। जिसमें बताया गया है कि सुधार केंद्र में फिलहाल 25 साल की उम्र के 20 से अधिक कैदी हैं। वे अक्सर बाल कैदियों पर रॉड से हमला कर देते हैं। चार बाल कैदियों को गंभीर चोटें लगी हैं।
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चाइल्डलाइन ने बाल कैदियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया है कि बालिग कैदी कई बार सुधार केंद्र के सुरक्षाकर्मियों को धमकी भी देते हैं।
आयोग ने पत्र का संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दे दिया है। चाइल्डलाइन के सदस्य 21 दिसंबर को बाल कैदी को मेरठ ले गए।

15 दिन में पूरा नहीं हो सकता यह वादा!

not easy to get passed jan lokpal bill in 15 days
आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने जा रहे अर‌विंद केजरीवाल का कहना है कि वह सरकार बनने के 15 दिन के भीतर जन लोकपाल बिल पारित कर देंगे।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है। जानकारों का कहना है कि इस बिल को पारित कराने के लिए केजरीवाल को केंद्र सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत होगी, जो 15 दिन में मुमकिन नहीं लगता।
केजरीवाल ने दोहराया वादा
कौशांबी में बात करते हुए बुधवार को केजरीवाल ने स्वीकार किया था कि जन लोकपाल को लेकर काफी अवरोध सामने आएंगे, लेकिन आम आदमी पार्टी इन दिक्कतों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नए चुटकुलों से केजरीवाल की टेंशन बढ़ी!
देश के संविधान के मुताबिक दिल्ली विधानसभा ऐसे किसी भी मुद्दे पर कानून बना सकती है, जो संविधान के नियमों का उल्लंघन न करता हो।
ब्रिटिश काल के कानून पर ऐतराज
केजरीवाल ने कहा, "लेकिन कांग्रेस कह रही है कि 2002 में ट्रांजैक्‍शन ऑफ बिजनेस रूल्स में संशोधन किया गया था और इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार को किसी भी तरह का कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार उसे उसकी इजाजत लेनी होगी।"
मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू होगा केजरीवाल का सत्याग्रह
उन्होंने कहा, "यह गलत है। ऐसा ब्रिटिश काल में होता था। तब भारत से जुड़े सभी प्रशासनिक फैसलों को मंजूरी के लिए लंदन भेजा जाता था। लेकिन अब हम आजाद मुल्क हैं और आम जनता सरकार बनाती है।"
जानकारों के मुताबिक, 15 दिन नाकाफी
जानकार बताते हैं कि लोकपाल बिल पारित कराने की प्रक्रिया 15 दिन में पूरा होना संभव नहीं है। इसके लिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सबसे पहले जन लोकपाल बिल पारित कराना होगा।
अगर बिल पास हो जाता है, तो इसे उप-राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जो इसे और आगे गृह मंत्रालय के पास भेजेंगे। गृह मंत्रालय सलाह-‌मश‌विरा करेगा और तब इस पर फैसला लेगा।
गृह मंत्रालय के पास जाएगा बिल
उसके बाद यह वापस आएगा उप-राज्यपाल के पास आएगा, जहां इस पर फैसला होगा। यह साफ है कि आम आदमी पार्टी भले इस बिल पर अपनी तरफ से कदम बढ़ा दे, लेकिन पास कराना 15 दिन में मुमकिन नहीं है।
पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि केजरीवाल ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। आम आदमी पार्टी अपनी तरफ से अपनी तरफ से जल्द से जल्द पहल कर देगी, इसके बाद प्रक्रिया पूरा होने में जो वक्‍त लगेगा, उतना लगना ही है।

'दो साल के अखिलेश शासन में हुए सैकड़ों दंगे'

hundreds of riots during akhilesh govt
तहरीक उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना आफताब कासमी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मुजफरनगर दंगा पीड़ितों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। यही वजह है कि आज तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
मौलाना आफताब कासमी ने दंगे की भेंट चढ़े मुफ्ती मुनव्वर कासमी के हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार किये जाने की मांग उठाते हुए कहा कि अपने को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी कहनी वाली सपा सरकार मुजफ्फरनगर और शामली में राहत शिविरों में रह रहे दंगा पीड़ितों के दुख दर्द से मुंह मोड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के दो साल के कार्यकाल में सैकड़ों दंगे हो चुके हैं। प्रदेश सरकार सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इससे उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं।
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उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुजफ्फरनगर दंगे के सिलसिले में किसी भी मुसलमान नौजवान को झूठे मुकदमे में फंसाकर गिरफ्तार करने की कोशिश की गई तो तहरीक उलेमा-ए-हिंद सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी।
उन्होंने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के राहत शिविरों संबंधी बयान पर भी रोष व्यक्त किया।

कांग्रेस को झटका, AAP की हुईं अलका

congress leader alka lamba announced to join aap
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से ठीक पहले गुटबाजी से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस की युवा नेता अलका लांबा ने पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने की घोषणा की है। अलका लांबा ने अपने ट्विटर पेज पर इस बात की जानकारी दी।
अलका ने अपने ट्विटर पेज पर‌ लिखा है, '20 साल बिताने के बाद अब कांग्रेस और उसके नेतृत्व को गुडबाय कहने का वक्त आ गया है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को धन्यवाद कहूंगी।'
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उन्होंने आगे लिखा, 'मेरा कसूर: जिनके लिए (कांग्रेस) अभी तक गाली खाई वो कोई और नहीं, मेरे अपने ही थे और जिनसे (आप) गाली खाई अब वो मेरे अपने से लगते हैं।'
ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मेरी गलती: आप ने मेरे सामने विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था लेकिन उस समय मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थी, अब फिर से गेंद उनके पाले में है।'
अलका लांबा कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की अध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।

मोदी की मुसीबतः केंद्र कराएगा जासूसी कांड की जांच

modi in problem, centre decide to investigate snoopgate of gujarat
भाजपा के पीएम पद के दावेदार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को तगड़ा झटका लगा। केंद्र सरकार ने जासूसी कांड की जांच एक जांच आयोग के माध्यम से कराने का फैसला किया है।
यह कांड बीते कुछ दिनों से मोदी के गले की हड्डी बना हुआ है। दरअसल, यह मामला एक युवती की गैरकानूनी जासूसी से जुड़ा है, जिसमें सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल हुआ।
सीनियर आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की जासूसी का आरोप भी लगाया गया है। कैबिनेट ने इस मामले में अब जांच आयोग के गठन का फैसला किया है।
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुआ कहा कि यह काफी पहले हो जाना चाहिए था।
केंद्र सरकार के इस फैसले की बीजेपी ने निंदा की है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा है कि वो केंद्र सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे क्योंकि यह विषय राज्य सूची का मामला है।
उधर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी को कांग्रेस की तरफ से परेशान करना, कोई नई बात नहीं है। मोदी कभी भी किसी के दबाव में नहीं आते।
भाजपा ने कांग्रेस को कहा फासीवादी
इस पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता निर्मला ‌सीतारमण ने कहा कि यह कांग्रेस की फासीवादी मानसिकता का प्रतीक है। आम लोग उसके खिलाफ हैं, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
निर्मला ने कहा कि कांग्रेस बौखला गई है और मोदी को जबरन फंसाने की राजनीतिक साजिश रच रही है। जांच का अधिकार राज्य को होता है और इस मामले में पहले ही जांच शुरू हो चुकी है, जिसमें रिटायर जज शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीखने का नाम नहीं ले रही। लोकतंत्र में राजनीतिक विरोधियों से चुनावों में निपटा जाता है, जबकि वह वह सीबीआई और दूसरी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है।
'साहेब' लपेटे में
ऐसा बताया जा रहा है कि यह जासूसी मोदी के बेहद करीबी अमित शाह के इशारे पर हुई, जो उस वक्‍त गुजरात के गृह मंत्री थे।
इस सर्विलांस की जिन टैप का खुलासा हुआ है, उनमें शाह और गुजरात के आला अधिकारी बार-बार किसी साहेब का जिक्र कर रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि यह साहेब कोई और नहीं, बल्कि मोदी हैं।
इस युवती को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से हुई गैरकानूनी सर्विलांस पर खड़े बवाल में बुधवार को नया मोड़ आया था।
इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट गुलेल ने दावा किया है कि उसके पास 39 नए सीक्रेट टैप हैं, जिससे पता चला है कि युवती पर गुजरात से बाहर भी निगाह रखी गई थी।
ऐसा कहा जा रहा है कि नए टैप से साफ हो रहा है कि सरकारी मशीनरी की मदद से हुए इस सर्विलांस का लक्ष्य युवती को बचाना नहीं, बल्कि उसका पीछा करना और उसकी निजी जिंदगी में तांकझांक करना है।
'साहेब तक पहुंचाई गई जानकारी'
गुलेल का दावा है कि पिछले टैप की तरह नए वालों में भी इस गैरकानूनी ऑपरेशन में शामिल अधिकारी जी एल सिंघल, ए के शर्मा और अमित शाह यह जानकारी अपने से किसी सीनियर तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं, जिन्हें बार-बार साहेब कहा गया।
ऐसा भी माना जा रहा है कि इस मामले की जांच के लिए आयोग गठित करने का फैसला मोदी को घेरने की कोशिश है, जो आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

BREAKING: मोदी को राहत, क्लीन चिट पर कोर्ट की मुहर

relief to modi, court dismiss zakia plea over sit's clean chit
गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को अहमदाबाद की कोर्ट ने राहत देते हुए जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी।
मोदी को दंगे से जुड़े मामले में एसआईटी ने क्लीन चिट दी थी और जाकिया जाफरी ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट की राय उनसे जुदा रही।
हालांकि अदालत ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा कि जाकिया जाफरी हाई कोर्ट में अपील कर सकती हैं।

300-350 पेज का आदेश

एसआईटी के वकील आर एस जमुआर ने इस मौके पर कहा‌ कि फिलहाल वह इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, क्योंकि उन्होंने आदेश पूरी तरह नहीं पढ़ा है, क्योंकि 300-350 पेज का आदेश है।
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जमुआर ने कहा कि जांच के दौरान कोई सबूत या साक्ष्य नहीं मिला, ऐसे में मोदी पर दंगों का केस नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में फैसला आने के बाद अब मोदी पर कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है। अगर कोई प्रशासनिक चूक का मामला हुआ, तो बात अलग है। ऐसे मामलों में सुधार की सलाह दी जाती है।
जाकिया जाफरी आगे अपील कर सकती हैं
जमुआर के मुताबिक अदालत ने कहा कि जाकिया जाफरी आगे अपील कर सकती हैं और यह पूरी तरह उन पर निर्भर है। हमने अदालत के सामने कहा था कि एसआईटी के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि मोदी ने लोगों को भड़काया था। संजीव भट्ट की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता और अदालत ने यह बात मानी है।
साल 2002 में हुए गुजरात दंगे में राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 58 अन्य को मिली क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर एक अदालत बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया गया।
संजीव भ्‍ाट्ट नाराज
निलंबित पूर्व आईपीएस अधिकारी और इस मामले से जुड़े संजीव भट्ट ने फैसले पर नाखुशी जताते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास में न्याय के लिहाज से यह काला दिन है। गुनहगारों को सजा नहीं मिली है। या तो चीजें अदालत के सामने नहीं रखी गई या अदालत उन पर ठीक से गौर नहीं कर पाई।
उम्मीद है कि इस मामले से जुड़े लोग आगे ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई और इंसाफ मिलने तक इसे जारी रखना होगा।
सितंबर 2013 में ही बहस पूरी
दंगों की जांच करने वाली एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दी थी। मजिस्ट्रेट बीजे गनात्रा ने इससे पहले कहा था कि वह 28 अक्टूबर को फैसला सुनाएंगे, लेकिन बाद में दो दिसंबर और फिर 26 दिसंबर तक के लिए इसे टाल दिया गया।
इस मामले में सितंबर 2013 में ही बहस पूरी हो गई थी। दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी जनसंहार में 69 लोगों के साथ अपने पति और कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी को खोने वाली जाकिया जाफरी ने दंगों का कथित षड्यंत्र रचने के लिए मोदी और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी ने जाफरी के आरोपों की जांच की थी। उसने आठ फरवरी 2012 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।

'मैं तीन साल राहुल से मिलने का इंतजार करती रही...'

alka lamba lashes out on congress and rahul gandhi
दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को डबल झटका देने वाली अलका लांबा ने आज पार्टी छोड़कर AAP का दामन थामा, तो राहुल गांधी तक को खरी-खरी सुना गईं।
कांग्रेस का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला करने वाली नेता अलका लांबा ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस को जमकर कोसा।
'मिलने की कोशिश, लेकिन कामयाबी नहीं'
टीवी चैनल से बातचीत में अलका ने कहा, "मेरे लिए देश सबसे पहले है, देश की जनता सबसे पहले है। लेकिन इस बात का अफसोस रहेगा कि पिछले 15 साल मैं कांग्रेस के लिए काम करती रही, जबकि मुझे उसे देश के लिए खर्च करना चाहिए था।"
पढ़िए:- कांग्रेस को झटका, AAP की हुईं अलका
अलका ने कहा कि कांग्रेस में जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जरा अहमियत नहीं दी गई और उनकी बात तक सुनने वाला कोई नहीं था।
उन्होंने कहा, "मैंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की। पिछले तीन साल से मैं यहीं कर रही थी। कई चिट्ठी भी लिखीं, लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया।"
इसकी वजह पूछने पर अलका ने कहा, "शायद यह सत्ता का नशा है। दिल्ली में हम 15 साल सत्ता में रहे और देश पर राज करते हुए 10 साल गुजर चुके हैं, ऐसे में शायद इन बातों पर ध्यान देने का हमें होश ही नहीं रहा।"
'केजरीवाल से बहुत उम्मीदें हैं'
आम आदमी पार्टी और दिल्ली के नए सीएम केजरीवाल के बारे में उन्होंने कहा, "मुझे केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से काफी उम्मीदें हैं। जो लोग ईमानदारी से लड़ना चाहते हैं, उन्हें आम आदमी पार्टी ने मौका दिया है। और मैं उससे जुड़कर काफी खुश हूं। मैंने पूरी तैयारी के बाद कांग्रेस छोड़ने और आप से जुड़ने का फैसला लिया है।"
विधानसभा चुनावों में हार के बाद राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया है कि पार्टी में बुनियादी तौर पर बदलाव किए जाएंगे, ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़कर जाने का जो फैसला किया, उसे मौकापरस्ती नहीं माना जाएगा।
इसके जवाब में अलका ने कहा, "राहुल गांधी ने कहा है कि बदलाव आएंगे, लेकिन उनकी कथनी-करनी में बहुत फर्क है। अगर फर्क दिखेगा, तो देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाएगा। मुझे भी उम्मीद थी कि जयपुर अधिवेशन के बाद ऐसा कुछ देखने को मिलेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तीन साल में कभी राहुल ने मुझे मिलने का वक्‍त तक नहीं दिया।"

अटल के सहारे 'मोदी फॉर पीएम' का सपना होगा पूरा?

bjp use name of atal bihari bajpai for modi for prime minister dream
'मोदी फॉर पीएम' का नारा लेकर लोकसभा की सियासी जंग में उतर रही भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का भी सहारा लेगी।
'मिशन 272 प्लस' के लक्ष्य को पाने की रणनीति के तहत भाजपा ने बुधवार को वाजपेयी के जन्मदिन को देशभर में 'सुशासन' दिवस के तौर पर मनाया और उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया। वाजपेयी बुधवार को 89 साल के हो गए।
साथ ही पार्टी 'प्रधानमंत्री वाजपेयी' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनवाने की योजना बना रही है। इसमें उनके कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र होगा। कांग्रेस शासन के जिस 'काला दशक' बनाम एनडीए के सुशासन की भाजपा तुलना करने जा रही है, उसमें केंद्रीय स्तर पर पार्टी के पास अटल सरकार की ही उपलब्धियां हैं।
हालांकि राज्यों के स्तर पर भाजपा के पास गुजरात के अलावा अब मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां गिनाने को हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा अटल सरकार बनाम मनमोहन सरकार को जनता के सामने रखेगी। भाजपा में 'समग्र अटल' परियोजना संभाल रहे पार्टी नेता विनय सहस्त्रबुद्धे के अनुसार वाजपेयी के पुराने भाषणों के ऑडियो-वीडियो एकत्रित करने के लिए प्रत्येक प्रदेश में एक-एक नेता को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वे पार्टी के बुजुर्ग नेताओं से मिलकर उनके घरों के पुराने टेपरिकार्ड के रिकार्ड तलाशेंगे, ताकि उनके भाषण मिल सकें। क्योंकि तब आज की तरह के संसाधन उपलब्ध नहीं थे। इसके अलावा पार्टी वाजपेयी के नाम पर सुशासन को लेकर एक संस्थान भी खोलने की तैयारी में है। इसमें सुशासन के बारे में सरकारी कर्मचारियों का आकलन करने, उन्हें प्रेरणा देने व उनकी स्किल बढ़ाने को लेकर काम होगा। वाजपेयी के नाम पर पार्टी फैलोशिप भी शुरू करेगी।
ये काम इसी चुनावी साल में होंगे। समग्र अटल परियोजना के तहत वाजपेयी के भाषणों, लेखों समेत उनके पूरे व्यक्तित्व को लेकर दस्तावेज एकत्रित किए जाते रहे हैं। अब चुनावी महाभारत में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के एक दशक के शासन के सामने भाजपा अटल सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के लिए पार्टी समग्र अटल परियोजना के दस्तावेजों की भी मदद लेगी।
इधर, वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे मुलाकात की। लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह से लेकर नरेंद्र मोदी समेत राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। भाजयुमो ने उनके जन्मदिन पर 'स्कूल चलें हम' कार्यक्रम के तहत एक लाख बच्चों को बस्ता, किताबें, पेंसिल आदि वितरित किए।

14 साल के लड़कों ने दो महीने किया गैंगरेप

14 years old boys make mms and raped minor girl
14 साल के लड़को ने वीडियोक्लिप बनाकर गांव की किशोरी के साथ दो महीने तक बलात्कार किया। परेशान किशोरी ने घर में फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की तो मामला खुला।
पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरा अभी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। वहीं पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है।
'मेरे साथ सेक्स करो, वर्ना मैं खुदकुशी कर लूंगा...'
मामला उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले के एक गांव का है जहां चौदह साल की लड़की के साथ गांव के ही 14-15 साल के दो किशोर पिछले दो महीने से बलात्कार करते आ रहे थे।
सेक्स के लिए बदल रहे थे बीवी, और...
आरोपी किशोरों ने लड़की की वीडियो क्लिप भी बना ली थी जिसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर वे उसे अक्सर बुला लेते थे। आत्मग्लानि में लड़की ने पिछले दिनों घर पर फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की लेकिन परिजनों ने उसे बचा लिया।
'होश आया तो मेरे तन पर कपड़े नहीं थे और...'
पूछताछ में पीड़िता ने परिजनों को आपबीती सुनाई तो वे हैरान रह गए। पीड़िता के पिता ने बुधवार को गांव के ही दो किशोरों के खिलाफ थाने में सामूहिक बलात्कार करने और वीडियो क्लिप बनाने का आरोप लगाकर तहरीर दी।
'जब स्कूल से लौटती हूं तो पापा गंदा काम करते हैं...'
पुलिस ने आरोपियों में से एक कुलदीप पुत्र रामभूल को गिरफ्तार कर लिया जबकि दूसरे आरोपी की तलाश के लिए दबिश दी जा रही हैं। कोतवाली प्रभारी संजय पांचाल ने बताया कि मामला पंजीकृत कर पीड़ित लड़की को डाक्टरी जांच के लिए भेजा गया है।

भाजपा नेता ने जमकर की अरविंद केजरीवाल की तारीफ

uma bharti has praise arvind kejriwal
मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल की तारीफ के पुल बांधे।
उनकी दिली इच्छा है कि दिल्ली में 'आप' की ही सरकार बने और वह जनता से किए वादों को पूरी तरह से निभाए। आप के वायदे जनकल्याणकारी हैं।
बुधवार को टिहरी में संपन्न गंगा सफल अभियान कार्यक्रम से लौटते हुए कैच धाम जाते समय लोनिवि गेस्टहाउस में उमा भारती ने पत्रकारों से कहा कि आगामी लोस चुनाव में भाजपा बेहतर प्रदर्शन कर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाएगी। कार्यकर्ताओं को समर्पित भाव से चुनावी समर में जुट जाना चाहिए।
लोकसभा टिकटों के बंटवारे के बारे में उन्होंने कन्नी काटते हुए कहा कि यह हाईकमान का निर्णय है। पार्टी कार्यकर्ता यह न महसूस करें कि टिकट किसे मिल रहा है। उन्हें कमल के फूल पर ध्यान आकर्षित करना है। उन्होंने कहा कि गाय और स्त्री आज के दौर में दुखी हैं। गायों का वध किया जा रहा है और स्त्री हर जगह असुरक्षित है। इससे पूर्व नगराध्यक्ष ऋषभ जैन के नेतृत्व में भाजपाइयों ने उमा भारती का स्वागत किया। उमा भारती ने कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली।
कहीं 'आप'में तो नहीं जा रहीं आप!
अरविंद केजरीवाल की तारीफ पर जब मीडियाकर्मियों ने पूछ लिया कि क्या आप तो 'आप' पार्टी में नहीं जा रहीं हैं तो उमा बिगड़ गईं। कहा कि आप मुझसे कैसे सवाल कर रहे हैं? ऐसे पूछा जाता है क्या? केजरीवाल के जेड सुरक्षा और लाल बत्ती बयानबाजी पर उन्होंने कहा यह खुफिया विभाग का काम है। केजरीवाल को लगता होगा कि उनको किसी से कोई खतरा नहीं है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। यह खुफिया विभाग बताएगा उनकी सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी क्यों लगा रखे हैं।

‘आप’ को समर्थन, पर खतरे की घंटी बजाती रहेगी कांग्रेस!

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अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर विधायक भी बंटे हुए हैं। इसके बावजूद कांग्रेस जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से परहेज कर रही है। पार्टी ने कहा है कि आप को समर्थन देने के फैसले पर कोई पुनर्विचार नहीं हो रहा है। कांग्रेस की अब आप के वादों पर नजर टिक गई है।
पार्टी की ओर से आप को समर्थन देने के फैसले की समीक्षा तीन महीने बाद करने के संकेत दिए जा रहे है। कांग्रेस नेताओं की माने तो अगले तीन महीने तक पार्टी केजरीवाल की सरकार से समर्थन लेने के मूड में नहीं है।
आप को समर्थन देने के मसले पर कांग्रेस के आला नेता खुलकर मान रहे हैं कि इसको लेकर पार्टी में मतभेद है। बुधवार को यह बताया गया कि बड़े नेताओं ही नहीं बल्कि कांग्रेस के आठ में से तीन विधायक भी आप को समर्थन देने के खिलाफ हैं। मतभेद खुलकर सामने आने के बावजूद पार्टी प्रवक्ता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा कि आप के समर्थन पर ऐतराज जताने वाले नेताओं की अपनी निजी राय है।
समर्थन देने के फैसले में बदलाव करने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता जनार्दन द्विवेदी ने खुद स्पष्ट कहा है कि पार्टी के अंदर कई नेता है, जो पार्टी के फैसले से अलग राय रखते हैं।
दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है। दीक्षित ने कहा कि आप के घोषणापत्र में किए गए विकास के दावों को लेकर कांग्रेस ने समर्थन दिया है। अगर आप 15 दिन के अंदर विकास कार्य शुरू करती है तो हमारा समर्थन जारी रहेगा। हम भी दिल्ली का विकास चाहते है।
उधर पार्टी के नेता संकेत दे रहे है कि आप को सरकार चलाने का तीन महीने तक मौका दिया जाएगा। उसी के बाद समर्थन के फैसले पुनर्विचार किया जाएगा। दरअसल, पार्टी के अंदर यह राय भी बनी है कि जल्दबाजी में समर्थन देने का फैसला देने के बाद जल्दबाजी में ही समर्थन वापस लेने का फैसला लिया जाता है तो पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। जनता की नजर में कांग्रेस पर आप की सरकार को बनने से पहले ही गिराने का दाग लगेगा।