Monday, February 10, 2014

ओडिशा में ‌जिंदगी की तलाश जारी, 6शव और मिले

Hirakud boat capsize toll mounts to 24
ओडिशा के हीराकुंड जलाशय में हुई नाव दुर्घटना में मरने वालों की तादाद बढ़ कर 24 हो गई है।

सोमवार को खोजी दल ने जलाशय से छह शव निकाले। अब भी सात लोगों की तलाश की जा रही है।

संबलपुर जिले में हुई इस दुर्घटना में डूबे लोगों को निकालने के लिए स्कूबा गोताखोर और आपदा बल के लोगों को लगाया गया था।

हादसे की खबर सुन कर ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर निकले राहुल गांधी भी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे।

उन्होंने इलाके का हवाई सर्वेक्षण भी किया। राज्य प्रशासन ने मरने वालों के परिवार वालों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए के अनुदान की घोषणा की है।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके महापात्रा ने भुवनेश्वर में कहा कि दुर्घटना के बाद से 24 लोगों के शव निकाले गए हैं। लेकिन अब भी कम से कम सात लोगों की तलाश जारी है।

खोजी दल ने रविवार को 80 लोगों को बचाया था। इस टीम ने रविवार को 11 लोगों के शव निकाले थे। ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स के लोगों ने भी शवों को खोजने में स्कूबा गोताखोरों का साथ दिया।

दुर्घटनाग्रस्त नाव में हीराकुड, बाढ़गढ़ और संबलपुर लायन्स क्लब के 120 सदस्य सवार थे। ये लोग हीराकुड जलाशय की दूसरी ओर से पिकनिक मना कर लौट रहे थे।

दुर्घटना की खबर सुन कर उड़ीसा के दो दिवसीय दौरे पर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हीराकुड जलाशय के नजदीक जामादारपाली घाट पहुंचे। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार वालों को सांत्वना दी।

दिल्ली के उपराज्यपाल की केजरी को दो टूक

Lt Governor Najeeb send answer to kejriwal government
जनलोकपाल बिल को लेकर सियासी गहमागहमी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने अपना जवाब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेज दिया है।

उपराज्यपाल ने कहा, 'नियम के मुताबिक बिल मुझे भेजा जाना चाहिए था, लेकिन वह नहीं हुआ। इस पूरे मसले में संविधान का पालन होना जरूरी है।'

जंग ने केजरीवाल सरकार से कहा, 'वह बिल को लेकर एक ‌बार फिर से अपने कदम पर विचार करे। सरकार की प्राथमिकता है कि वह कानून-व्यवस्‍था और भीड़ को काबू करने पर ध्यान दे।'

इससे पहले नजीब जंग ने सॉलिसटर जनरल के बाद केंद्रीय कानून मंत्रालय से भी इस पर अपनी राय देने को कहा।

जंग ने मंत्रालय से पूछा कि क्या केजरीवाल सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह बिल को केंद्र सरकार के पास भेजने के बजाय दिल्ली विधानसभा में इसे पेश करे। इस पूरे मसले पर कोई भी संवैधानिक विवाद से बचना चाहिए।

केजरीवाल सरकार का साफ कहना है कि जनलोकपाल बिल को केंद्र के पास भेजने की जरूरत ही नहीं है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस का कहना है कि बिल की मंजूरी में ट्राजेक्‍शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर), 2002 का पालन होना चाहिए।

इससे पहले केजरीवाल सोमवार दोपहर में उपराज्यपाल से मिले थे।

इस मुलाकात के कुछ देर बाद ही राजनिवास की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री के सात फरवरी को उपराज्यपाल को लिखे पत्र का जवाब दिया गया।

जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं होने की स्थिति में इस्तीफा देने की धमकी दे चुके केजरीवाल ने राजनिवास में मुलाकात की थी।

उपराज्यपाल ने लिखा कि भ्रष्टाचार पर लगाम बहुत महत्वपूर्ण है। वह सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री के विचारों से सहमत है, लेकिन इसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया जाना जरूरी है।

उपराज्यपाल ने कहा कि इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही के लिए दिल्ली पुलिस तैयार नहीं है। जनता दरबार का जो हश्र हुआ है वह किसी से छिपा नहीं है।

पुलिस का कहना है कि स्टेडियम में आने वाले लोगों की पहचान और इनमें से ऐसे को अलग कर पाना मुश्किल होगा जो गड़बड़ी फैला सकते हैं।