सरकार आम आदमी को गुमराह करने का लगातार प्रयास कर रही है। लोकतंत्र और सरकारी व्यवस्था का अपमान आज तक किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल ने नहीं किया। तीस दिन के कार्यकाल में तीस झूठ हमने गिनवाए हैं, जबकि इससे कई ज्यादा अभी तक सामने आ चुके हैं।
- डॉ. हर्षवर्धन, नेता प्रतिपक्ष
भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने केजरीवाल सरकार के तीस दिनों को जनता को गुमराह करने वाला बताया है।
सरकार के तीस दिन पर तीस झूठ की सूची मीडिया को देने के साथ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए। अच्छे काम बहुत ढूंढे, लेकिन मिला कुछ नहीं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ही झूठी घोषणा से शुरू हुई। अरविंद केजरीवाल ने कहा था किसी पार्टी से समर्थन नहीं लेंगे, जबकि सबसे भ्रष्ट पार्टी का साथ लिया। महिला कमांडो फोर्स नहीं बनी।
जनलोकपाल कानून 15 दिन में बनाने की घोषणा थी, अभी तक लोकायुक्त कानून को शक्तिशाली नहीं बनाया जा सका।
पढ़ें, भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग, दंगों का जिम्मेदार कौन?
मंत्रियों ने वीआईपी नंबर की गाड़ी ली, बड़ा मकान लेने की सिफारिश की, कानून मंत्री को बचाने के लिए संविधान का अपमान किया और धारा 144 तोड़ी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में भाषण के दौरान धारा 144 को गलत बताने और धरने को उचित बताकर गलत किया है।
फ्री पानी, बिजली के आधे दाम, टैंकर माफिया पर अंकुश, आंदोलन में बिजली-पानी का बिल नहीं देने वालों को अधर में अटका कर रखने, जनता दरबार वापस, महंगाई पर काबू पाने, भ्रष्टाचार की रोक, कॉमनवेल्थ गेम्स घोषणा मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने, रैन बसेरे की घोषणा, 15 हजार ऑटो रिक्शा, अस्थायी कर्मचारियों के नियमन, सोमनाथ भारती को हटाने के लिए जनमत नहीं कराने, झुग्गी वालों को निशुल्क मकान और किसानों को राहत जैसे झूठे वादे में गिनाए।
सरकार के तीस दिन पर तीस झूठ की सूची मीडिया को देने के साथ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए। अच्छे काम बहुत ढूंढे, लेकिन मिला कुछ नहीं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ही झूठी घोषणा से शुरू हुई। अरविंद केजरीवाल ने कहा था किसी पार्टी से समर्थन नहीं लेंगे, जबकि सबसे भ्रष्ट पार्टी का साथ लिया। महिला कमांडो फोर्स नहीं बनी।
जनलोकपाल कानून 15 दिन में बनाने की घोषणा थी, अभी तक लोकायुक्त कानून को शक्तिशाली नहीं बनाया जा सका।
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मंत्रियों ने वीआईपी नंबर की गाड़ी ली, बड़ा मकान लेने की सिफारिश की, कानून मंत्री को बचाने के लिए संविधान का अपमान किया और धारा 144 तोड़ी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में भाषण के दौरान धारा 144 को गलत बताने और धरने को उचित बताकर गलत किया है।
फ्री पानी, बिजली के आधे दाम, टैंकर माफिया पर अंकुश, आंदोलन में बिजली-पानी का बिल नहीं देने वालों को अधर में अटका कर रखने, जनता दरबार वापस, महंगाई पर काबू पाने, भ्रष्टाचार की रोक, कॉमनवेल्थ गेम्स घोषणा मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने, रैन बसेरे की घोषणा, 15 हजार ऑटो रिक्शा, अस्थायी कर्मचारियों के नियमन, सोमनाथ भारती को हटाने के लिए जनमत नहीं कराने, झुग्गी वालों को निशुल्क मकान और किसानों को राहत जैसे झूठे वादे में गिनाए।