मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्ठभूमि पर लिखी गई पुस्तक 'आपका फैसला' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी जा रही इस किताब को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।
पुलिस प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए गोपनीय पत्र जारी कर सभी पुलिस थानों को चौकसी के निर्देश दिए हैं।
जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त को छेड़छाड़ को लेकर हुए विवाद में तीन युवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद पहले खालापार और फिर नंगला मंदौड़ में हुई महापंचायतों के बाद सात सितंबर को जिले में दंगा भड़क गया था। इस हिंसा में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग राहत शिविरों में पहुंच गए थे।
पढ़ें, 'राहुल पिता बनें, कांग्रेस को मिलेगा अगला अध्यक्ष'
दंगे के चार माह बीतने के बाद जब हालात तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी जा रही 'आपका फैसला' किताब में दंगे के कारणों और इन्हें रोकने के साथ ही अन्य सामग्री दी गई है। इसके साथ ही भीतर के पृष्ठों पर कवाल में हुई दो युवकों की मौत के बाद उनकी लाशों तथा दंगे के बाद विभिन्न समाचार पत्रों में की गई कवरेज की कटिंग की फोटो प्रकाशित की गईं है।
किताब के कंटेंट को लेकर कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन से शिकायत कर इसके बांटे जाने पर आपत्ति जताई थी। यह भी आरोप लगाया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में दंगे का फायदा उठाने के लिए भाजपा अथवा अन्य किसी हिंदूवादी संगठन की ओर से किताब प्रकाशित कर बांटी जा रही है।
पढ़ें, 'यूपी जल रहा और अखिलेश देख रहे डांस'
कुछ लोगों के आपत्ति जताने के बाद पुलिस प्रशासन ने किताब को लेकर सभी पुलिस थानों को गोपनीय पत्र जारी किया है। इसमें चौकसी बरतने, किताब बांटने वालों पर नजर रखने और उनके मकसद की जानकारी करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही शासन को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया है। मामले में एसपी सिटी श्रवण कुमार सिंह का कहना है कि इंटेलीजेंस के आधार पर मामले में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए गोपनीय पत्र जारी कर सभी पुलिस थानों को चौकसी के निर्देश दिए हैं।
जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त को छेड़छाड़ को लेकर हुए विवाद में तीन युवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद पहले खालापार और फिर नंगला मंदौड़ में हुई महापंचायतों के बाद सात सितंबर को जिले में दंगा भड़क गया था। इस हिंसा में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग राहत शिविरों में पहुंच गए थे।
पढ़ें, 'राहुल पिता बनें, कांग्रेस को मिलेगा अगला अध्यक्ष'
दंगे के चार माह बीतने के बाद जब हालात तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बांटी जा रही 'आपका फैसला' किताब में दंगे के कारणों और इन्हें रोकने के साथ ही अन्य सामग्री दी गई है। इसके साथ ही भीतर के पृष्ठों पर कवाल में हुई दो युवकों की मौत के बाद उनकी लाशों तथा दंगे के बाद विभिन्न समाचार पत्रों में की गई कवरेज की कटिंग की फोटो प्रकाशित की गईं है।
किताब के कंटेंट को लेकर कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन से शिकायत कर इसके बांटे जाने पर आपत्ति जताई थी। यह भी आरोप लगाया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में दंगे का फायदा उठाने के लिए भाजपा अथवा अन्य किसी हिंदूवादी संगठन की ओर से किताब प्रकाशित कर बांटी जा रही है।
पढ़ें, 'यूपी जल रहा और अखिलेश देख रहे डांस'
कुछ लोगों के आपत्ति जताने के बाद पुलिस प्रशासन ने किताब को लेकर सभी पुलिस थानों को गोपनीय पत्र जारी किया है। इसमें चौकसी बरतने, किताब बांटने वालों पर नजर रखने और उनके मकसद की जानकारी करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही शासन को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया है। मामले में एसपी सिटी श्रवण कुमार सिंह का कहना है कि इंटेलीजेंस के आधार पर मामले में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
No comments:
Post a Comment