
महाराष्ट्र की राजनीति में उत्तर भारतीयों की बढ़ती भूमिका के मद्देनजर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने अपनी रणनीति बदलने की ठानी है।
अब वह उत्तर भारतीयों की विरोधी पार्टी की अपनी छवि बदलना चाहती है। यही वजह है कि वह उत्तर भारतीय वोटरों से संपर्क बढ़ाने में लगी है।
राज ठाकरे के नजदीकी सहयोग माने जाने वाले वागीश सारस्वत ने कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कभी भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ नहीं रही है।
पत्रकार से नेता बने सारस्वत का कहना कि उत्तर भारतीयों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रति कई गलतफहमियां हैं। यह मीडिया की ओर से फैलाया गया दुष्प्रचार है, जो अक्सर राज ठाकरे के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करता रहता है।
उन्होंने कहा, 'राज ठाकरे ने मुझे मुंबई में बसे उत्तर भारतीय समुदायों से संवाद बढ़ाने का जिम्मा सौंपा है ताकि गलतफहमियां दूर हों। साथ ही महाराष्ट्र के विकास एजेंडे के बारे में राज ठाकरे का नजरिया भी समझाने को कहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का उत्तर भारतीयों के प्रति नरम रवैया की झलक पिछले महीने उस समय मिली जब पार्टी ने सिने आर्टिस्ट्स वेलफेयर की ओर से आयोजित समारोह में अमिताभ बच्चन को बुलाया।
सारस्वत का कहना था कि पार्टी के उत्तर भारतीयों के प्रति रुख और अमिताभ बच्चन को इस समारोह में बुलाए जाने का कोई संबंध नहीं था। दरअसल अमिताभ ने महाराष्ट्र को अपनी कर्मभूमि माना है।
सेना कभी भी बच्चन के खिलाफ नहीं रही है। इस महान अभिनेता का विरोध मुद्दों के आधार पर किया गया था। बच्चन की छवि बड़ी है और उन्हें पूरे देश में एक प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। वह मुंबई में रहते हैं लेकिन वे दूसरे राज्यों के ब्रांड अबेंसडर बने। हमारा विरोध इससे था।
अब वह उत्तर भारतीयों की विरोधी पार्टी की अपनी छवि बदलना चाहती है। यही वजह है कि वह उत्तर भारतीय वोटरों से संपर्क बढ़ाने में लगी है।
राज ठाकरे के नजदीकी सहयोग माने जाने वाले वागीश सारस्वत ने कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कभी भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ नहीं रही है।
पत्रकार से नेता बने सारस्वत का कहना कि उत्तर भारतीयों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रति कई गलतफहमियां हैं। यह मीडिया की ओर से फैलाया गया दुष्प्रचार है, जो अक्सर राज ठाकरे के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करता रहता है।
उन्होंने कहा, 'राज ठाकरे ने मुझे मुंबई में बसे उत्तर भारतीय समुदायों से संवाद बढ़ाने का जिम्मा सौंपा है ताकि गलतफहमियां दूर हों। साथ ही महाराष्ट्र के विकास एजेंडे के बारे में राज ठाकरे का नजरिया भी समझाने को कहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का उत्तर भारतीयों के प्रति नरम रवैया की झलक पिछले महीने उस समय मिली जब पार्टी ने सिने आर्टिस्ट्स वेलफेयर की ओर से आयोजित समारोह में अमिताभ बच्चन को बुलाया।
सारस्वत का कहना था कि पार्टी के उत्तर भारतीयों के प्रति रुख और अमिताभ बच्चन को इस समारोह में बुलाए जाने का कोई संबंध नहीं था। दरअसल अमिताभ ने महाराष्ट्र को अपनी कर्मभूमि माना है।
सेना कभी भी बच्चन के खिलाफ नहीं रही है। इस महान अभिनेता का विरोध मुद्दों के आधार पर किया गया था। बच्चन की छवि बड़ी है और उन्हें पूरे देश में एक प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। वह मुंबई में रहते हैं लेकिन वे दूसरे राज्यों के ब्रांड अबेंसडर बने। हमारा विरोध इससे था।
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