भ्रष्टाचार के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर जारी के बाद अब दिल्ली सरकार ने जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए सड़क पर बैठने का फैसला किया है।
हर शनिवार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सभी मंत्रियों के साथ सचिवालय में सामने मुख्य सड़क पर लोगों से मुलाकात करेंगे। यहां मौके पर ही लोगों की समस्याएं दूर करने की कोशिश की जाएगी।
11 जनवरी की सुबह 9:30 बजे से शुरू होने वाली बैठक 11 बजे तक चलेगी। इसके बाद दिल्ली सरकार का एक मंत्री रोजाना लोगों से मुलाकात करेगा।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि लोगों की शिकायतें तो सिर्फ बीमारी का लक्षण हैं। असल बीमारी कहीं और है। हमने इस तरह की गलत नीतियां बना रखी हैं, जिसमें शिकायतें खुद ही पैदा होती हैं।
जब तक पूरा सिस्टम नहीं सुधरता, तब तक शिकायतों की फेहरिस्त छोटी नहीं हो सकती। सरकार इस दिशा में काम रही है। फिर भी, इस बीच हम नहीं कह सकते हैं कि लोगों की शिकायतें दूर नहीं होंगी।
एसएमएस बनेगा फीडबैक का जरिया
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि समस्या का समाधान होने के बाद शिकायकर्ता के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजा जाएगा। शिकायतकर्ता हां-ना में जवाब देकर अपना फीडबैक देगा।
अगर कोई समाधान से संतुष्ट नहीं है तो इसके लिए वॉलंटियर की एक टीम बनाई गई है। वॉलंटियर शिकायतकर्ता से निजी तौर पर मुलाकात करेंगे और उसकी परेशानी जानने की कोशिश होगी।
समय-सीमा को बनाया जाएगा व्यवहारिक
मुख्यमंत्री ने बताया कि काम पूरा करने की समय सीमा पहले की सरकार ने तय कर रखी है। फिर भी, अधिकारियों से बात करके इसे व्यवहारिक बनाया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने माना कि शुरुआत में हजारों शिकायतें आएंगी। लिहाजा सभी समस्याओं को दूर करने का दावा नहीं किया जा सकता। फिर भी, उन्होंने उम्मीद जताई कि धीरे-धीरे लोगों की शिकायतेें कम होंगी और तयशुदा समय में इन्हें दूर किया जा सकेगा।
अधिकारी भी रहेंगे मौजूद
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि डीडीए, एमसीडी और दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अधीन नहीं हैं। लेकिन इसके लिए उपराज्यपाल से बात की गई है।
उपराज्यपाल ने तीनों विभागों को चिट्ठी लिखी है कि बैठक में उसके वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें। उनके लोगों को इस दौरान रहना पड़ेगा।
मौके पर ही शिकायतों का निपटारा
ऐसी शिकायतें, जिनका मौके पर ही होगा निपटारा। मसलन बीमार आदमी, जिसे अस्पताल में दाखिल होना है। इस समस्या को तुरंत फोन पर बात कर हल किया जाएगा।
कुछ शिकायतें ऐसी होंगी, जिसमें लोगों को बता दिया जाएगा कि कितने दिन में उसका निपटारा होगा।
ऐसी शिकायतें भी आएंगी, जिनमें नीतिगत बदलाव की जरूरत है। इसमें समय लगेगा। यह शिकायतें मंत्रियों को दे दी जाएंगी। कुछ चिट्ठियां ऐसी भी होंगी, जो शिकायत से ज्यादा सुझाव होंगी।
इसके लिए अलग से सिस्टम बनाया जा रहा है। बेहतर सुझावों पर काम होगा। इसके अलावा मिली-जुली शिकायतें भी होंगी। ऐसी शिकायतें, जिनका सरकार से कोई वास्ता नहीं।
हर शनिवार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सभी मंत्रियों के साथ सचिवालय में सामने मुख्य सड़क पर लोगों से मुलाकात करेंगे। यहां मौके पर ही लोगों की समस्याएं दूर करने की कोशिश की जाएगी।
11 जनवरी की सुबह 9:30 बजे से शुरू होने वाली बैठक 11 बजे तक चलेगी। इसके बाद दिल्ली सरकार का एक मंत्री रोजाना लोगों से मुलाकात करेगा।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि लोगों की शिकायतें तो सिर्फ बीमारी का लक्षण हैं। असल बीमारी कहीं और है। हमने इस तरह की गलत नीतियां बना रखी हैं, जिसमें शिकायतें खुद ही पैदा होती हैं।
जब तक पूरा सिस्टम नहीं सुधरता, तब तक शिकायतों की फेहरिस्त छोटी नहीं हो सकती। सरकार इस दिशा में काम रही है। फिर भी, इस बीच हम नहीं कह सकते हैं कि लोगों की शिकायतें दूर नहीं होंगी।
एसएमएस बनेगा फीडबैक का जरिया
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि समस्या का समाधान होने के बाद शिकायकर्ता के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजा जाएगा। शिकायतकर्ता हां-ना में जवाब देकर अपना फीडबैक देगा।
अगर कोई समाधान से संतुष्ट नहीं है तो इसके लिए वॉलंटियर की एक टीम बनाई गई है। वॉलंटियर शिकायतकर्ता से निजी तौर पर मुलाकात करेंगे और उसकी परेशानी जानने की कोशिश होगी।
समय-सीमा को बनाया जाएगा व्यवहारिक
मुख्यमंत्री ने बताया कि काम पूरा करने की समय सीमा पहले की सरकार ने तय कर रखी है। फिर भी, अधिकारियों से बात करके इसे व्यवहारिक बनाया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने माना कि शुरुआत में हजारों शिकायतें आएंगी। लिहाजा सभी समस्याओं को दूर करने का दावा नहीं किया जा सकता। फिर भी, उन्होंने उम्मीद जताई कि धीरे-धीरे लोगों की शिकायतेें कम होंगी और तयशुदा समय में इन्हें दूर किया जा सकेगा।
अधिकारी भी रहेंगे मौजूद
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि डीडीए, एमसीडी और दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अधीन नहीं हैं। लेकिन इसके लिए उपराज्यपाल से बात की गई है।
उपराज्यपाल ने तीनों विभागों को चिट्ठी लिखी है कि बैठक में उसके वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें। उनके लोगों को इस दौरान रहना पड़ेगा।
मौके पर ही शिकायतों का निपटारा
ऐसी शिकायतें, जिनका मौके पर ही होगा निपटारा। मसलन बीमार आदमी, जिसे अस्पताल में दाखिल होना है। इस समस्या को तुरंत फोन पर बात कर हल किया जाएगा।
कुछ शिकायतें ऐसी होंगी, जिसमें लोगों को बता दिया जाएगा कि कितने दिन में उसका निपटारा होगा।
ऐसी शिकायतें भी आएंगी, जिनमें नीतिगत बदलाव की जरूरत है। इसमें समय लगेगा। यह शिकायतें मंत्रियों को दे दी जाएंगी। कुछ चिट्ठियां ऐसी भी होंगी, जो शिकायत से ज्यादा सुझाव होंगी।
इसके लिए अलग से सिस्टम बनाया जा रहा है। बेहतर सुझावों पर काम होगा। इसके अलावा मिली-जुली शिकायतें भी होंगी। ऐसी शिकायतें, जिनका सरकार से कोई वास्ता नहीं।
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