Friday, December 27, 2013

इंश्योरेंस क्लेम लेने में है दिक्‍कत, तो पढ़ें ये खबर

irda take action against company who will not give claim on time
बीमा क्षेत्र में बढ़ते फर्जीवाड़े पर लगाम कसने की तैयारी है। इससे न केवल धोखाधड़ी करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी, बल्कि ऐसे बीमाधारक जो बेहतर रिकार्ड रखते हुए उन्हें कम प्रीमियम का लाभ भी दिया सकेगा।
इसके लिए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) एक सेंट्रल मॉनिटिरिंग फ्रॉड सिस्टम विकसित कर रहा है।
इसमें बीमा क्षेत्र की सभी कंपनियों को उनके द्वारा फर्जीवाड़े के संबंध में जुटाई गई जानकारियों को साझा करना होगा। कंपनियों को इस प्रणाली से अप्रैल 2014 से जुड़ना अनिवार्य होगा।
सूत्रों के अनुसार इरडा इस कदम के जरिए सभी कंपनियों के मिले आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर बीमा क्षेत्र में धोखाधड़ी रोकने के लिए नए नियम कायदे बनाने पर विचार कर रहा है। ऐसा करके बेहतर रिकार्ड रखने वाले ग्राहकों को भी प्रीमियम में छूट जैसे लाभ देने का फायदा दिया जा सकेगा।
इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार अभी सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में आ रहे हैं। इसके बाद ऑटो सेक्टर के मामले आते हैं। कंपनियों के अनुसार सबसे ज्यादा मामले क्लेम लेने के वक्त सामने आ रहे हैं।
मौटे तौर पर 80-90 फीसदी मामले अभी हेल्थ इंश्योरेंस में हैं। इनमें अस्पतालों से लेकर डॉक्टर तक की मिली भगत होती है। इरडा सेंट्रल मॉनिटरिंग के जरिए ऐसे अस्पतालों और डॉक्टर पर भी कार्रवाई कर सकेगा। इस संबंध में कैसे कदम उठाए जाएं, और उसके लिए क्या प्रावधान हों इस पर इरडा ने हाल ही में हैदराबाद में इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ चर्चा भी की है।
हेल्थ इंश्योरेंस के बाद क्लेम लेने में धोखाधड़ी करने के सबसे ज्यादा मामले ऑटो बीमा के तहत आ रहे हैं। इसमें कई ऐसे मामले आए हैं, जहां मिलीभगत के जरिए गवाहों का पूरा गठजोड़ भी तैयार किया गया है। जो कि झूठी गवाही देकर क्लेम दिलाने में मदद करते हैं। इस तरह की सभी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए इरडा सेंट्रल मॉनिटरिंग प्रणाली विकसित करने की कवायद कर रहा है।
किस तरह के आते हैं मामले
-सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के क्लेम हेल्थ इंश्योरेंस में-अस्पताल और डॉक्टर की मिलीभगत से ज्यादा बिल बनाने के मामले
-वाहन बीमा के लिए गवाहों, एजेंट आदि का गठजोड़-एक ही व्यक्ति द्वारा कई नाम, पैनकार्ड आदि का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने का मामला

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