


- रजनीकांत, तहसीलदार
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के तल्ख बयान के बाद प्रशासन ने मुजफ्फरनगर दंगे के राहत शिविरों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।
मुजफ्फरनगर के सांझक में कब्रिस्तान की जमीन पर तंबू लगाकर रह रहे 30 शरणार्थी परिवारों के खिलाफ शाहपुर थाने में सरकारी जमीन कब्जाने की रिपोर्ट लिखाई गई है।
राहत शिविरों पर सरकार ने आंखें तरेरनी शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी राहत शिविरों को जल्द खत्म करने के लिए कहा है। सरकार का कड़ा रुख देख प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है।
सांझक गांव में कब्रिस्तान की भूमि पर काफी संख्या में परिवार तंबू गाड़कर रह रहे हैं। इनमें अधिकतर किनौनी गांव के हैं। कहा जा रहा है कि किनौनी में दंगा भी नहीं हुआ, इसके बावजूद वहां के मुस्लिम सांझक में रह रहे थे।
प्रशासन ने इन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुआवजा राशि नहीं दिए जाने तक तंबू हटाने से साफ इंकार कर दिया।
इस पर हलका लेखपाल चंद्रपाल की ओर से शाहपुर थाने में कब्रिस्तान की खसरा नंबर 347 पर अवैध कब्जा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
किनौनी में नहीं हुआ दंगा
प्रशासन का कहना है कि किनौनी गांव में कोई दंगा नहीं हुआ है। केवल डर के मारे मुस्लिम समाज के लोग गांव छोड़ गए। थाने में कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं है।
ग्राम प्रधान को साथ लेकर जिला प्रशासन ने कई बार लोगों को वापस ले जाने का प्रयास किया, लेकिन लोग वापसी को राजी नहीं हुए।
मुजफ्फरनगर के सांझक में कब्रिस्तान की जमीन पर तंबू लगाकर रह रहे 30 शरणार्थी परिवारों के खिलाफ शाहपुर थाने में सरकारी जमीन कब्जाने की रिपोर्ट लिखाई गई है।
राहत शिविरों पर सरकार ने आंखें तरेरनी शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी राहत शिविरों को जल्द खत्म करने के लिए कहा है। सरकार का कड़ा रुख देख प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है।
सांझक गांव में कब्रिस्तान की भूमि पर काफी संख्या में परिवार तंबू गाड़कर रह रहे हैं। इनमें अधिकतर किनौनी गांव के हैं। कहा जा रहा है कि किनौनी में दंगा भी नहीं हुआ, इसके बावजूद वहां के मुस्लिम सांझक में रह रहे थे।
प्रशासन ने इन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुआवजा राशि नहीं दिए जाने तक तंबू हटाने से साफ इंकार कर दिया।
इस पर हलका लेखपाल चंद्रपाल की ओर से शाहपुर थाने में कब्रिस्तान की खसरा नंबर 347 पर अवैध कब्जा करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
किनौनी में नहीं हुआ दंगा
प्रशासन का कहना है कि किनौनी गांव में कोई दंगा नहीं हुआ है। केवल डर के मारे मुस्लिम समाज के लोग गांव छोड़ गए। थाने में कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं है।
ग्राम प्रधान को साथ लेकर जिला प्रशासन ने कई बार लोगों को वापस ले जाने का प्रयास किया, लेकिन लोग वापसी को राजी नहीं हुए।
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