जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) एके गुप्ता के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के कैंप में ठंड से किसी की मौत नहीं हुई।
उन्होंने इस तरह के बयान देने वाले नौकरशाह को कम कपड़े में बाहर भेजने की मांग की है। उमर ने गुप्ता का का नाम लिये बिना ट्वीटर पर लिखा, ठंड से मौत नहीं!
जरा उन्हें कम कपड़े में इस ठंड में बाहर भेजिये। तुरंत बयान बदल जाएगा।
गौरतलब है कि गुप्ता ने मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के कैंपों में ठंड से हुई मौतों से इनकार करते हुए कहा था ठंड से किसी की मौत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा था कि बच्चे न्यूमोनिया से मरे हैं, ठंड से नहीं।
ठंड से किसी की मौत नहीं हो सकती। अगर ठंड से मौत होती तो साइबेरिया में कोई जिंदा नहीं रहता।
एक उच्चस्तरीय सरकारी पैनल ने कहा था कि मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित क्षेत्र में 4783 विस्थापित लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। इन कैंपों में रहने वाले 12 साल से कम उम्र के 34 बच्चों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने इस तरह के बयान देने वाले नौकरशाह को कम कपड़े में बाहर भेजने की मांग की है। उमर ने गुप्ता का का नाम लिये बिना ट्वीटर पर लिखा, ठंड से मौत नहीं!
जरा उन्हें कम कपड़े में इस ठंड में बाहर भेजिये। तुरंत बयान बदल जाएगा।
गौरतलब है कि गुप्ता ने मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के कैंपों में ठंड से हुई मौतों से इनकार करते हुए कहा था ठंड से किसी की मौत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा था कि बच्चे न्यूमोनिया से मरे हैं, ठंड से नहीं।
ठंड से किसी की मौत नहीं हो सकती। अगर ठंड से मौत होती तो साइबेरिया में कोई जिंदा नहीं रहता।
एक उच्चस्तरीय सरकारी पैनल ने कहा था कि मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित क्षेत्र में 4783 विस्थापित लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। इन कैंपों में रहने वाले 12 साल से कम उम्र के 34 बच्चों की मौत हो चुकी है।
No comments:
Post a Comment