![अब आईआईटी में पढ़ाएंगे विदेशी टीचर! home ministry change rules on iit](http://img.amarujala.com/2013/09/17/iit-52380686d89d3_exl.jpg)
आईआईटी संस्थानों में विदेशी टीचरों की राह अब कुछ आसान हो गई है। गृह मंत्रालय ने विदेशी शिक्षकों को रोजगार वीजा देने पर निर्धारित आय मानदंडों में ढील दी है।
अब संस्थान 14000 अमेरिकी डॉलर के सालाना वेतन पर विदेशी शिक्षकों को अपने यहां पढ़ाने के लिए नियुक्त कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि पहले 25000 यूएस डॉलर के सालाना से कम वेतन पाने वालों को रोजगार वीजा नहीं दिया जाता था।
मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हमने आईआईटी संस्थानों को नियमों में ढील के बारे में सूचना दे दी है। इसके बाद संस्थानों को शिक्षकों की कमी को पूरा करने में आसानी होगी। वीजा नियमों में ढील महज दो सालों यानी 31 दिसंबर, 2015 तक ही दी गई है।
विदेशी शिक्षकों की योजना की प्रगति को देखते हुए बाद में इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि ढील सिर्फ शिक्षकों के लिए ही लागू होगी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेकभनोलॉजी के संस्थान और केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इस छूट का लाभ ले सकेंगे। देशभर के आईआईटी संस्थानों में शिक्षकों की 30 फीसदी कमी है।
संस्थान विदेशी शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर असिस्टेंट या एसोसिएट्स प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति कर शिक्षकों की कमी को पूरा करना चाहते हैं।
अब संस्थान 14000 अमेरिकी डॉलर के सालाना वेतन पर विदेशी शिक्षकों को अपने यहां पढ़ाने के लिए नियुक्त कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि पहले 25000 यूएस डॉलर के सालाना से कम वेतन पाने वालों को रोजगार वीजा नहीं दिया जाता था।
मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हमने आईआईटी संस्थानों को नियमों में ढील के बारे में सूचना दे दी है। इसके बाद संस्थानों को शिक्षकों की कमी को पूरा करने में आसानी होगी। वीजा नियमों में ढील महज दो सालों यानी 31 दिसंबर, 2015 तक ही दी गई है।
विदेशी शिक्षकों की योजना की प्रगति को देखते हुए बाद में इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि ढील सिर्फ शिक्षकों के लिए ही लागू होगी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेकभनोलॉजी के संस्थान और केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इस छूट का लाभ ले सकेंगे। देशभर के आईआईटी संस्थानों में शिक्षकों की 30 फीसदी कमी है।
संस्थान विदेशी शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर असिस्टेंट या एसोसिएट्स प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति कर शिक्षकों की कमी को पूरा करना चाहते हैं।
No comments:
Post a Comment