Friday, December 27, 2013

दंगों में मोदी को म‌िली क्लीन चिट

relief to modi, court dismiss zakia plea over sit's clean chit
गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को अहमदाबाद की कोर्ट ने राहत देते हुए जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी।
मोदी को दंगे से जुड़े मामले में एसआईटी ने क्लीन चिट दी थी और जाकिया जाफरी ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट की राय उनसे जुदा रही।
हालांकि अदालत ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा कि जाकिया जाफरी हाई कोर्ट में अपील कर सकती हैं।

300-350 पेज का आदेश

एसआईटी के वकील आर एस जमुआर ने इस मौके पर कहा‌ कि फिलहाल वह इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, क्योंकि उन्होंने आदेश पूरी तरह नहीं पढ़ा है, क्योंकि 300-350 पेज का आदेश है।
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जमुआर ने कहा कि जांच के दौरान कोई सबूत या साक्ष्य नहीं मिला, ऐसे में मोदी पर दंगों का केस नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में फैसला आने के बाद अब मोदी पर कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है। अगर कोई प्रशासनिक चूक का मामला हुआ, तो बात अलग है। ऐसे मामलों में सुधार की सलाह दी जाती है।
जाकिया जाफरी आगे अपील कर सकती हैं
जमुआर के मुताबिक अदालत ने कहा कि जाकिया जाफरी आगे अपील कर सकती हैं और यह पूरी तरह उन पर निर्भर है। हमने अदालत के सामने कहा था कि एसआईटी के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि मोदी ने लोगों को भड़काया था। संजीव भट्ट की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता और अदालत ने यह बात मानी है।
साल 2002 में हुए गुजरात दंगे में राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 58 अन्य को मिली क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर एक अदालत बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया गया।
संजीव भ्‍ाट्ट नाराज
निलंबित पूर्व आईपीएस अधिकारी और इस मामले से जुड़े संजीव भट्ट ने फैसले पर नाखुशी जताते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास में न्याय के लिहाज से यह काला दिन है। गुनहगारों को सजा नहीं मिली है। या तो चीजें अदालत के सामने नहीं रखी गई या अदालत उन पर ठीक से गौर नहीं कर पाई।
उम्मीद है कि इस मामले से जुड़े लोग आगे ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई और इंसाफ मिलने तक इसे जारी रखना होगा।
सितंबर 2013 में ही बहस पूरी
दंगों की जांच करने वाली एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दी थी। मजिस्ट्रेट बीजे गनात्रा ने इससे पहले कहा था कि वह 28 अक्टूबर को फैसला सुनाएंगे, लेकिन बाद में दो दिसंबर और फिर 26 दिसंबर तक के लिए इसे टाल दिया गया।
इस मामले में सितंबर 2013 में ही बहस पूरी हो गई थी। दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी जनसंहार में 69 लोगों के साथ अपने पति और कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी को खोने वाली जाकिया जाफरी ने दंगों का कथित षड्यंत्र रचने के लिए मोदी और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी ने जाफरी के आरोपों की जांच की थी। उसने आठ फरवरी 2012 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।
फर्जी आरोप कभी सबूत नहीं बन सकते
एसआईटी के फैसले के बाद राज्यसभा में नेता प्रत‌िपक्ष अरुण जेटली ने कहा क‌ि फर्जी आरोप कभी सबूत नहीं बन सकते हैं। एसआईटी के इस फैसले के बाद नरेंद्र मोदी और मजबूत हुए हैं।
अरुण जेटली ने कहा क‌ि इस फैसले से बीजेपी और मोदी की नैत‌िक जीत हुई है। वह बोले मोदी के ख‌िलाफ साज‌िश बेनकाब हो गई है।

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