![तेजपाल चाहते हैं बंद कमरे में सुनवाई Tejpal seeks in-camera hearing of bail plea](http://img.amarujala.com/2013/11/30/tarun-tejpal-529980ebe7b7d_exl.jpg)
यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल चाहते हैं कि उनकी जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई हो। उन्होंने स्थानीय अदालत में इसकी अर्जी दी है।
तेजपाल के वकील ने एक आवेदन दे कर कहा है कि उनकी जमानत याचिका पर जिला और सेशन अदालत में जिरह बंद कमरे में हो। बंद कमरे में सुनवाई के उनके इस आवेदन पर फैसला शुक्रवार को होगा। इसके बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
पचास साल के तरुण तेजपाल पर उनकी एक जूनियर महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। गोवा के एक होटल में हुए इस कथित यौन दुर्व्यवहार के आरोप में वहां की पुलिस ने 30 नवंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
उन्हें आईपीसी की धारा 354-ए (यौन प्रताड़ना, शारीरिक संपर्क, अवांछनीय व्यवहार) और 376 (बलात्कार) और 376 (2) (के) ( अपने आधिकारिक पद का लाभ लेते हुए किसी को बंधक बना कर बलात्कार) के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। इस समय तरुण तेजपाल को साडा उप कारागार में रखा गया है।
एक स्थानीय अदालत ने 23 दिसंबर को तेजपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि और 12 दिन बढ़ाने के आदेश दिए थे।
उनके वकीलों ने यह कह कर जमानत मांगी थी कि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उनसे पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की। उनसे सिर्फ गोवा पुलिस की हवालात में बंद रहने के दौरान ही पूछताछ हुई थी।
तेजपाल के वकील ने एक आवेदन दे कर कहा है कि उनकी जमानत याचिका पर जिला और सेशन अदालत में जिरह बंद कमरे में हो। बंद कमरे में सुनवाई के उनके इस आवेदन पर फैसला शुक्रवार को होगा। इसके बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
पचास साल के तरुण तेजपाल पर उनकी एक जूनियर महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। गोवा के एक होटल में हुए इस कथित यौन दुर्व्यवहार के आरोप में वहां की पुलिस ने 30 नवंबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
उन्हें आईपीसी की धारा 354-ए (यौन प्रताड़ना, शारीरिक संपर्क, अवांछनीय व्यवहार) और 376 (बलात्कार) और 376 (2) (के) ( अपने आधिकारिक पद का लाभ लेते हुए किसी को बंधक बना कर बलात्कार) के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। इस समय तरुण तेजपाल को साडा उप कारागार में रखा गया है।
एक स्थानीय अदालत ने 23 दिसंबर को तेजपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि और 12 दिन बढ़ाने के आदेश दिए थे।
उनके वकीलों ने यह कह कर जमानत मांगी थी कि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उनसे पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की। उनसे सिर्फ गोवा पुलिस की हवालात में बंद रहने के दौरान ही पूछताछ हुई थी।
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