Friday, December 27, 2013

राहत शिविरों में 34 मासूमों ने तोड़ा दम, सरकार दे रही तर्क

34 children died in muzaffarnagar relief camps
अब अखिलेश सरकार ने भी मान लिया है कि दंगा प्रभावितों के लिए मुजफ्फरनगर व शामली में बनाए गए राहत शिविरों के 34 बच्चों की मौत हुई।
सरकार की यह स्वीकारोक्ति इस मामले की जांच के लिए मेरठ के मंडलायुक्त मंजीत सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के बाद आई है।

प्रमुख सचिव गृह अनिल कुमार गुप्ता ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सभी बच्चों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई।
शिविर में सिर्फ 10-12 बच्चों की मौत हुई। बाकी बच्चों की मौत शिविर से बाहर इलाज कराने के दौरान हुई।

उन्होंने कहा कि शिविर में रह रहे लोगों की सुरक्षा पर सरकार गंभीर है। इस पर कार्ययोजना बनाने के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है।
गुप्ता ने कहा कि मुख्य सचिव ने कुछ दिनों पहले इस सिलसिले में जानकारी दी थी, लेकिन तब तक समिति की रिपोर्ट नहीं आई थी।
समिति को बच्चों की मौत के संबंध में उनकी संख्या और नाम, मौत का कारण, स्थान और तिथि के बारे में फैक्चुअल रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए थे।
और यह तर्क
प्रमुख सचिव गृह अनिल कुमार गुप्ता से जब एक पत्रकार ने पूछा कि ज्यादातर बच्चों की मौत ठंड से होने की बात सामने आ रही है तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसी ठंड अभी नहीं पड़ी है।
यह सवाल जब दोबारा उठा तो उन्होंने उल्टा सवाल किया कि ठंड तो साइबेरिया में भी पड़ती है, तो क्या वहां लोग मर जाते हैं।

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