Friday, December 27, 2013

लॉ यूनिवर्सिटी ने जस्टिस गांगुली को हटाया

Bangal law university Split from justice ganguly
वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिशियल साइंसेज (डब्ल्यूबीएनयूजेएस) ने लॉ इंटर्न के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके गांगुली से नाता तोड़ लिया है।
जस्टिस गांगुली इस यूनिवर्सिटी से मानद प्रोफेसर के तौर पर जुड़े थे।
डब्ल्यूबीएनयूजेएस की प्रवक्ता रुचिरा गोस्वामी ने कहा, यूनिवर्र्सिटी ने गांगुली से खुद को अलग करने का फैसला किया है। यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद अगले महीने यह फैसला करेगी आगे इस मामले में क्या करना है।
गौरतलब है इस प्रमुख लॉ यूनिवर्सिटी के संकाय सदस्यों (फैकल्टी मेंबर्स) ने वाइस चासंलर पी ईश्वर भट्ट को पत्र लिख कर कहा था कि गांगुली का इस संस्थान से जुड़े रहना इसके आदर्शों के लिए ठीक नहीं है।
यह संस्थान हमेशा लैंगिक भेदभावों को खत्म करने, न्याय की सीख देने और इसे आगे बढ़ाने की कोशिश करता रहा है। हमारा मानना है कि प्रोफेसर के पद से एक भरोसा जुड़ा होता है।
इसलिए उसे किसी भी आरोप से ऊपर होना चाहिए खास कर किसी स्टूडेंट से दुर्व्यवहार के आरोप से।
यह तब और जरूरी हो जाता है, जब किसी उच्चस्तरीय जांच पैनल को पहली नजर में आरोप में सच्चाई दिखी हो।
गांगुली इस यूनिवर्सिटी में न सिर्फ अतिथि प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने के लिए जाते थे बल्कि वह इसकी अकादमिक गतिविधियों में भी सहयोग करते थे।
गौरतलब है कि लॉ इंटर्न की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद बने सुप्रीम कोर्ट के जांच पैनल ने जस्टिस गांगुली को यौन दुर्व्यवहार का दोषी पाया था।
इसके बाद गांगुली पर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था। हालांकि गांगुली ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।

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