
केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि यूपी के राज्यपाल और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को साझा करने से जांच में बाधा पहुंच सकती है।
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आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, 'एक लड़की से छेड़छाड़ के बाद 27 अगस्त, 2013 को कवाल कस्बे में हुई घटना में तीन लोग मारे गए थे, जिसके बाद मुजफ्फरनगर और उससे सटे जिलों में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 62 लोग इस हिंसा में मारे गए, जबकि 98 लोग घायल हो गए थे। रिपोर्ट की प्रतियां आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत दी नहीं जा सकती हैं।'
आरटीआई की धाराओं के तहत ऐसी सूचना जिससे जांच प्रभावित होगी या अपराधी के खिलाफ जांच में बाधा पहुंचे, उसे साझा नहीं किया जा सकता।
दरअसल, गृह मंत्रालय से यूपी के राज्यपाल और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की प्रतियों को साझा करने की मांग की गई थी।
मंत्रालय से यूपी सरकार को मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों की चेतावनी के बारे में भेजी गईं खुफिया सूचनाओं की जानकारी भी मांगी गईं।
जिस पर मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई कानून की धारा 24 के तहत खुफिया ब्यूरो से संबंधित सूचनाएं इसके दायरे में नहीं आती हैं।
केंद्र सरकार का कहना है कि यूपी के राज्यपाल और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को साझा करने से जांच में बाधा पहुंच सकती है।
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आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, 'एक लड़की से छेड़छाड़ के बाद 27 अगस्त, 2013 को कवाल कस्बे में हुई घटना में तीन लोग मारे गए थे, जिसके बाद मुजफ्फरनगर और उससे सटे जिलों में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 62 लोग इस हिंसा में मारे गए, जबकि 98 लोग घायल हो गए थे। रिपोर्ट की प्रतियां आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत दी नहीं जा सकती हैं।'
आरटीआई की धाराओं के तहत ऐसी सूचना जिससे जांच प्रभावित होगी या अपराधी के खिलाफ जांच में बाधा पहुंचे, उसे साझा नहीं किया जा सकता।
दरअसल, गृह मंत्रालय से यूपी के राज्यपाल और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की प्रतियों को साझा करने की मांग की गई थी।
मंत्रालय से यूपी सरकार को मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों की चेतावनी के बारे में भेजी गईं खुफिया सूचनाओं की जानकारी भी मांगी गईं।
जिस पर मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई कानून की धारा 24 के तहत खुफिया ब्यूरो से संबंधित सूचनाएं इसके दायरे में नहीं आती हैं।
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