
लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने जा रही आम आदमी पार्टी नरेंद्र मोदी को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी मोदी की शैली में ही भाजपा को जवाब देगी।
पार्टी प्रचार के दौरान गुजरात के विकास मॉडल पर वात करेगी। वहीं, चुनाव प्रचार मोदी बनाम केजरीवाल होता देखकर पार्टी आखिरी समय में गुजरात सरकार के भ्रष्टाचार मामलों को उजागर कर सकती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता औपचारिक तौर पर बेशक स्वीकार करें कि चुनाव केजरीवाल बनाम मोदी नहीं होगा।
पार्टी की शुरुआती कोशिश भी है कि चुनावी अभियान इस दिशा में न जाए, इसीलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता सीधे-सीधे मोदी पर हमला नहीं हो रहे हैं।
लेकिन, पार्टी सूत्र मान रहे हैं कि चुनाव से पहले मोदी समेत भाजपा का पूरा प्रचार तंत्र सीधे-सीधे केजरीवाल पर हमला बोल सकता है।
इसकी वजह यह है कि तुलनात्मक रूप से दोनों की लोकप्रियता शहरी मतदाताओं और युवाओं के बीच है। इसके अलावा मौजूदा यूपीए सरकार से नाराज मतदाताओं का बड़ा तबका भी दोनों को पसंद करता है।
ऐसे में केजरीवाल के पक्ष में बनने वाले माहौल से मोदी के लिए दिक्कत हो सकती है।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि पार्टी की पहली कोशिश मोदी के विकास मॉडल पर वार करने की होगी।
इस दौरान पार्टी कांग्रेस से भी बराबर दूरी बनाकर चलेगी। गुजरात समेत दूसरे राज्यों की तुलना दिल्ली सरकार के ताबड़तोड़ लिए जा रहे फैसलों से होगी।
इसके अलावा पार्टी अपनी जमीन तैयार करने के उस फार्मूले पर भी काम करेगी, जिसके तहत भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े मामलों को उजागर किया गया था।
पार्टी प्रचार के दौरान गुजरात के विकास मॉडल पर वात करेगी। वहीं, चुनाव प्रचार मोदी बनाम केजरीवाल होता देखकर पार्टी आखिरी समय में गुजरात सरकार के भ्रष्टाचार मामलों को उजागर कर सकती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता औपचारिक तौर पर बेशक स्वीकार करें कि चुनाव केजरीवाल बनाम मोदी नहीं होगा।
पार्टी की शुरुआती कोशिश भी है कि चुनावी अभियान इस दिशा में न जाए, इसीलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता सीधे-सीधे मोदी पर हमला नहीं हो रहे हैं।
लेकिन, पार्टी सूत्र मान रहे हैं कि चुनाव से पहले मोदी समेत भाजपा का पूरा प्रचार तंत्र सीधे-सीधे केजरीवाल पर हमला बोल सकता है।
इसकी वजह यह है कि तुलनात्मक रूप से दोनों की लोकप्रियता शहरी मतदाताओं और युवाओं के बीच है। इसके अलावा मौजूदा यूपीए सरकार से नाराज मतदाताओं का बड़ा तबका भी दोनों को पसंद करता है।
ऐसे में केजरीवाल के पक्ष में बनने वाले माहौल से मोदी के लिए दिक्कत हो सकती है।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि पार्टी की पहली कोशिश मोदी के विकास मॉडल पर वार करने की होगी।
इस दौरान पार्टी कांग्रेस से भी बराबर दूरी बनाकर चलेगी। गुजरात समेत दूसरे राज्यों की तुलना दिल्ली सरकार के ताबड़तोड़ लिए जा रहे फैसलों से होगी।
इसके अलावा पार्टी अपनी जमीन तैयार करने के उस फार्मूले पर भी काम करेगी, जिसके तहत भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े मामलों को उजागर किया गया था।
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