
विधानसभा चुनावों की हार को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में विपक्ष का मजबूती से सामना करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए कांग्रेस अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कद बढ़ाने जा रही है।
हालांकि राहुल की नई भूमिका को लेकर पार्टी के अंदर अटकलों का बाजार गरम है। जिस दिन सोनिया गांधी ने पीएम पद के उम्मीदवार के ऐलान की बात कही थी, उसी दिन से राहुल के नाम को लेकर सबसे ज्यादा आवाज बुलंद हो रही है।
सरकार और कांग्रेस के बड़े नेता राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की बात कह चुके हैं। फिर भी पार्टी के नेताओं में दुविधा बरकरार है।
कुछ राहुल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं पूछे जाने पर कई नेता यह भी कह रहे हैं कि ये बात तो वे पहली बार आपके (पत्रकारों) के मुंह से ही सुन रहे हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी तीन जनवरी की प्रेस कांफ्रेंस में इस मुद्दे पर कुछ हद तक स्थिति साफ कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद ही राहुल की जिम्मेदारी बढ़ाने की बात कह सकते हैं।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि कांग्रेस को अपना पीएम उम्मीदवार का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि राहुल ही कांग्रेस के भविष्य हैं। इसलिए उन्हें ही पीएम उम्मीदवार बनाने की घोषणा करनी चाहिए।
इससे पहले भी मणिशंकर अय्यर, प्रिया दत्त, भक्त चरण दास, संजय निरुपम समेत तमाम छोटे बड़े नेता यह बात कह चुके हैं। मगर फिर भी कांग्रेस के नेताओं में असमंजस की स्थिति है। सब लोग बस अटकलें लगा रहे हैं।
राहुल का कद कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर भी बढ़ाने की बात है। मगर कई नेता इस संभावना को खारिज कर रहे हैं। जबकि कुछ कह रहे है कि शायद राहुल खुद पीएम उम्मीदवार बनना नहीं चाहते।
मगर एक बात तय है कि 17 जनवरी की एआईसीसी की बैठक में राहुल को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कार्यकर्ता से लेकर छोटे बड़े नेता मंच से उठा सकते हैं।
हालांकि राहुल की नई भूमिका को लेकर पार्टी के अंदर अटकलों का बाजार गरम है। जिस दिन सोनिया गांधी ने पीएम पद के उम्मीदवार के ऐलान की बात कही थी, उसी दिन से राहुल के नाम को लेकर सबसे ज्यादा आवाज बुलंद हो रही है।
सरकार और कांग्रेस के बड़े नेता राहुल को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की बात कह चुके हैं। फिर भी पार्टी के नेताओं में दुविधा बरकरार है।
कुछ राहुल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं पूछे जाने पर कई नेता यह भी कह रहे हैं कि ये बात तो वे पहली बार आपके (पत्रकारों) के मुंह से ही सुन रहे हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी तीन जनवरी की प्रेस कांफ्रेंस में इस मुद्दे पर कुछ हद तक स्थिति साफ कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद ही राहुल की जिम्मेदारी बढ़ाने की बात कह सकते हैं।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि कांग्रेस को अपना पीएम उम्मीदवार का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि राहुल ही कांग्रेस के भविष्य हैं। इसलिए उन्हें ही पीएम उम्मीदवार बनाने की घोषणा करनी चाहिए।
इससे पहले भी मणिशंकर अय्यर, प्रिया दत्त, भक्त चरण दास, संजय निरुपम समेत तमाम छोटे बड़े नेता यह बात कह चुके हैं। मगर फिर भी कांग्रेस के नेताओं में असमंजस की स्थिति है। सब लोग बस अटकलें लगा रहे हैं।
राहुल का कद कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर भी बढ़ाने की बात है। मगर कई नेता इस संभावना को खारिज कर रहे हैं। जबकि कुछ कह रहे है कि शायद राहुल खुद पीएम उम्मीदवार बनना नहीं चाहते।
मगर एक बात तय है कि 17 जनवरी की एआईसीसी की बैठक में राहुल को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कार्यकर्ता से लेकर छोटे बड़े नेता मंच से उठा सकते हैं।
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