हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इस्तीफे की मांग पर मैदान में उतरी भाजपा अब चुनाव आयोग जा पहुंची है।
वीरभद्र के खिलाफ राजनीतिक शिकंजा कस रही पार्टी ने चुनाव आयोग से गलत शपथ पत्र देने की शिकायत कर मुख्यमंत्री व उनकी सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा के आक्रामक तरीके से मैदान में उतर जाने से वीरभद्र के साथ कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है। पार्टी सांसद और भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत से मुलाकात के बाद उन्हें ज्ञापन भी सौंपा।
इस ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी ने अपनी आय के बारे में आयोग में दाखिल शपथ पत्र में कुछ तथ्य छुपाए हैं।
अनुराग ने कहा कि वीरभद्र सिंह को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का यह पांचवां मामला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वीरभद्र ने आयोग के समक्ष दाखिल अपने शपथपत्र में बिजली कंपनी के प्रमोटर से मिले पैसे का जिक्र नहीं किया है। इसके साथ ही बिजली कंपनी के जुड़ी कंपनी में अपनी पत्नी और बच्चों के शेयरों का ब्यौरा भी नहीं दिया।
मुख्यमंत्री की सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह ने भी अपने शपथपत्र में बिजली कंपनी से जुड़ी कंपनी में अपने और बच्चों के नाम के शेयर होने का भी जिक्र नहीं किया है, जबकि उन्होंने अपने पास अन्य शेयरों का ब्यौरा दिया है।
इसलिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अनुराग ने कहा कि लगता है कि कांग्रेस ने वीरभद्र को लूट की पूरी छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को साबित करना चाहिए कि वह भ्रष्टाचार के लड़ने को लेकर गंभीर है।
वीरभद्र के खिलाफ राजनीतिक शिकंजा कस रही पार्टी ने चुनाव आयोग से गलत शपथ पत्र देने की शिकायत कर मुख्यमंत्री व उनकी सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा के आक्रामक तरीके से मैदान में उतर जाने से वीरभद्र के साथ कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है। पार्टी सांसद और भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत से मुलाकात के बाद उन्हें ज्ञापन भी सौंपा।
इस ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी ने अपनी आय के बारे में आयोग में दाखिल शपथ पत्र में कुछ तथ्य छुपाए हैं।
अनुराग ने कहा कि वीरभद्र सिंह को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का यह पांचवां मामला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वीरभद्र ने आयोग के समक्ष दाखिल अपने शपथपत्र में बिजली कंपनी के प्रमोटर से मिले पैसे का जिक्र नहीं किया है। इसके साथ ही बिजली कंपनी के जुड़ी कंपनी में अपनी पत्नी और बच्चों के शेयरों का ब्यौरा भी नहीं दिया।
मुख्यमंत्री की सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह ने भी अपने शपथपत्र में बिजली कंपनी से जुड़ी कंपनी में अपने और बच्चों के नाम के शेयर होने का भी जिक्र नहीं किया है, जबकि उन्होंने अपने पास अन्य शेयरों का ब्यौरा दिया है।
इसलिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अनुराग ने कहा कि लगता है कि कांग्रेस ने वीरभद्र को लूट की पूरी छूट दे रखी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को साबित करना चाहिए कि वह भ्रष्टाचार के लड़ने को लेकर गंभीर है।
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