Thursday, January 2, 2014

नए साल का तोहफा, देश को म‌िला लोकपाल ब‌िल

President sign on lokpal bill
देशवासियों को नए साल के तोहफे के तौर पर बुधवार को लोकपाल कानून मिल गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद से पारित इस विधेयक पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं।

इससे अब भ्रष्टाचार के मामले में 'बड़ी मछलियों' के भी कानून के जाल में फंसने का रास्ता साफ हो गया है। लोकपाल को लेकर लंबे समय से संघर्षरत समाजसेवी अन्ना हजारे का अभियान आखिरकार रंग लाया है।

अब तक ना नुकुर करने वाले राज्यों को भी अब इस कानून के अमल में आने के एक साल के भीतर लोकायुक्त बनाने होंगे। जबकि केंद्र सरकार अब लोकपाल के गठन पर जुटेगी।

हालांकि माना जा रहा है कि अब लोकसभा के चुनाव के बाद नई सरकार ही लोकपाल नियुक्त कर पाएगी क्योंकि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब इस कानून पर अमल करने के लिए सरकार को समय चाहिए।

सरकार को देशभर में लोकपाल का ढांचा भी तैयार करना होगा। संसद के बीते शीतकालीन सत्र में राज्यसभा ने 16 दिसंबर व लोकसभा ने 17 दिसंबर को इस विधेयक को हरी झंडी दिखाई थी।

लोकसभा ने हालांकि 2011 में हीलोकपाल बिल को पारित कर दिया था, लेकिन राज्यसभा में जाने के बाद इसे सलेक्ट कमेटी को सौंप दिया गया। सलेक्ट कमेटी की सभी सिफारिशों के साथ इस संशोधित बिल पर भी बाद में लोकसभा ने अपनी मुहर लगा दी।

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