Wednesday, January 15, 2014

महंगाई हुई कम, अब सस्ता होगा कर्ज!

inflation rate down and its time of cheaper loan
खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई से भी बड़ी राहत मिली है। दिसंबर में थोक महंगाई दर घटकर 6.16 फीसदी पर आ गई है, जबकि नवंबर में यह 7.52 फीसदी थी।

महंगाई के तेवर ढीले करने में सबसे ज्यादा मदद फल-सब्जियों, दालों और चीनी की कीमतों में नरमी से मिली है। हालांकि, थोक महंगाई दर 5 महीने में सबसे कम है, लेकिन अर्थशास्त्री इस मौसमी राहत को ज्यादा तवज्जो देने से बच रहे हैं। उद्योग जगत और कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगाई में नरमी आने से 28 जनवरी की अगली मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव कम हो गया है। इससे कर्ज कीब्याज दरों में कुछ राहत ही मिलने की उम्मीद है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई महीने दर महीने आधार पर 19.93 फीसदी से घटकर 13.68 फीसदी रह गई। सर्दियों के चलते सब्जियों की महंगाई 95 फीसदी से घटकर 57 फीसदी पर आ गई है, जबकि फलों की महंगाई 13.73 फीसदी से घटकर 9.07 फीसदी रही। रसोई का बजट बिगाड़ने वाले प्याज की महंगाई 190 फीसदी से घटकर 39 फीसदी रह गई है। प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई भी नवंबर के 15.92 फीसदी से घटकर 10.78 फीसदी पर आ गई है।

बुनियादी चुनौती अब भी कायम
अर्थशास्त्री डॉ. अशोक लाहिरी ने कहना है कि मौसमी प्रभाव के चलते थोक महंगाई कम हुई है। यह अच्छी खबर है, लेकिन महंगाई की बुनियादी चुनौतियां अभी भी कायम है। सीजनल फैक्टर के बावजूद थोक महंगाई दर अभी भी 6 फीसदी से ऊपर है। इसलिए इस राहत को ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि गत दिसंबर में भी ईंधन और ऊर्जा की महंगाई 11 फीसदी के करीब बनी हुई है, जबकि फैक्ट्री में बने सामानों पर भी महंगाई कम नहीं हुई है।

चीनी, खाद्य तेल और दालें सस्ती
दिसंबर के दौरान खाने-पीने से जुड़ी कई वस्तुओं की महंगाई से राहत मिली है। दालों की कीमतें करीब 7 फीसदी गिरी हैं, जबकि चीनी के दाम करीब 6 फीसदी कम हुए हैं। खाद्य तेलों की कीमतों में भी करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। फल-सब्जियों की महंगाई कम होने के बावजूद आलू की महंगाई दर 27 फीसदी से बढ़कर 55 फीसदी तक पहुंच गई है।

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