संबंधित प्रकरण 100 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का था, जिसमें बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे व्यक्ति को फंसाया गया था।
- अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली
दिल्ली सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारती के नए विवाद से दिल्ली में राजनीतिक भूचाल आ गया है। पूर्व में वकालत के समय सोमनाथ भारती पर सबूतों से छेड़छाड़ के मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठा दी है।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारती का बचाव किया। सोमनाथ भारती को भी सफाई देने के लिए उतरना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित प्रकरण 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का था, जिसमें बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे व्यक्ति को फंसाया गया था। सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की गई है।
भारती ने कहा कि संबंधित प्रकरण में बातचीत करके उन्होंने रिकॉर्ड किया और कोर्ट में पेश भी किया। बातचीत की रिकॉर्डिंग पूरी सुनी जाए तो पता चलेगा कि मामला क्या था।
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शकील अहमद ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति नरमी नहीं बरतने के अपने वादे को केजरीवाल निभाएं और भारती को कैबिनेट से तुरंत बर्खास्त करें। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा कि जो शख्स खुद ही कानून तोड़ चुका हो, उसका कानून मंत्री के पद पर बने रहना सही नहीं है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि अगर न्यायालय के फैसले पर सहमत नहीं थे तो फिर निचली अदालत, उच्च अदालत के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी वापस क्यों ली।
क्या है मामला
मामला स्टेट बैंक आफ मैसूर से जुड़ा है। आरोप है कि भारती व मामले में आरोपी उनके मुवक्किल ने एक गवाह से संपर्क कर उसकी बातचीत टेप की। आपराधिक मामले में जब किसी आरोपी को जमानत मिलती है तो उसमें शर्त होती है कि आरोपी गवाहों को प्रभावित या उनसे संपर्क नहीं करेगा। अदालत के संज्ञान में जब यह तथ्य आया कि आरोपी पवन कुमार की जमानत रद्द कर दी गई। इसके अलावा भारती को भी फटकार लगाई थी।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारती का बचाव किया। सोमनाथ भारती को भी सफाई देने के लिए उतरना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित प्रकरण 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का था, जिसमें बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे व्यक्ति को फंसाया गया था। सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की गई है।
भारती ने कहा कि संबंधित प्रकरण में बातचीत करके उन्होंने रिकॉर्ड किया और कोर्ट में पेश भी किया। बातचीत की रिकॉर्डिंग पूरी सुनी जाए तो पता चलेगा कि मामला क्या था।
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शकील अहमद ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति नरमी नहीं बरतने के अपने वादे को केजरीवाल निभाएं और भारती को कैबिनेट से तुरंत बर्खास्त करें। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा कि जो शख्स खुद ही कानून तोड़ चुका हो, उसका कानून मंत्री के पद पर बने रहना सही नहीं है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि अगर न्यायालय के फैसले पर सहमत नहीं थे तो फिर निचली अदालत, उच्च अदालत के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी वापस क्यों ली।
क्या है मामला
मामला स्टेट बैंक आफ मैसूर से जुड़ा है। आरोप है कि भारती व मामले में आरोपी उनके मुवक्किल ने एक गवाह से संपर्क कर उसकी बातचीत टेप की। आपराधिक मामले में जब किसी आरोपी को जमानत मिलती है तो उसमें शर्त होती है कि आरोपी गवाहों को प्रभावित या उनसे संपर्क नहीं करेगा। अदालत के संज्ञान में जब यह तथ्य आया कि आरोपी पवन कुमार की जमानत रद्द कर दी गई। इसके अलावा भारती को भी फटकार लगाई थी।
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