Wednesday, January 15, 2014

'ऑपरेशन ब्लूस्टार में इंदिरा ने नहीं ली थी ब्रिटेन से मदद'

No question of Britain help in Operation Bluestar ex BSF DG
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व प्रमुख बीरबल नाथ ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटिश मदद की खबरों का खंडन किया है।

1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से आतंकियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्लूस्टार में इस रिटायर अधिकारी ने अपनी सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया था।

नाथ ने कहा कि इस संदर्भ में मीडिया में आई रिपोर्ट उन्होंने पढ़ी हैं लेकिन वह पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकते हैं कि ब्रिटेन ने इस ऑपरेशन में किसी भी तरह की मदद नहीं की थी।

इंदिरा गांधी बहुत ही स्वाभिमानी थीं, वह इस ऑपरेशन के लिए किसी भी देश कुछ नहीं मांगती। वह दृढ़ इरादों वाली प्रधानमंत्री थीं।

वह किसी भी संकट से उबर सकती थीं। ऐसे में वह कह सकते हैं कि इस ऑपरेशन के लिए ब्रिटेन से मदद मांगने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

सितंबर 1984 में बीएसएफ के डीजी पद से रिटायर हुए नाथ जून 1984 में किए गए ऑपरेशन की योजना का एक हिस्सा थे और ऑपरेशन में सेना की मदद के लिए अपनी सैन्य टुकड़ी के साथ तैनात थे।

पूर्व डीजी ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल और सेना ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए खुद सक्षम थे और यह पूरी तरह से उनका अपना अभियान था।

नाथ ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी से ऑपरेशन ब्लूस्टार के लिए मदद नहीं मांगी और यह रिकॉर्ड में भी है।

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