


- अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री
रिटेल में एफडीआई के पुराने फैसले को पलटने के कदम ने केजरीवाल सरकार और कांग्रेस को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। जबकि केजरीवाल ने फैसले का बचाव करते हुए इसे छोटे दुकानदारों के हित में उठाया गया कदम बताया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां पर रिटेल में एफडीआई आने से बेरोजगारी खत्म हुई हो। इससे छोटे दुकानदार जरूर खत्म हो जाएंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने मंगलवार को कहा कि एक अल्पमत सरकार की तरफ से एक दिन में एफडीआई की स्वीकृति वापस लेने की चिट्ठी मनमाना रवैया है।
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उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता की इस चिट्ठी की कानूनी मान्यता है। हम विधानसभा में मामले की चर्चा की मांग रखेंगे।' लवली के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता हारून यूसुफ और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने भी इस फैसले की आलोचना की।
यूसुफ ने कहा कि यह कोई तानाशाही नहीं है। पुरानी सरकार के फैसले को यूं पलटा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा, 'हमने आम आदमी पार्टी को सरकार बनाकर वादे पूरे करने के लिए समर्थन दिया है, अराजकता फैलाने के लिए नहीं। जिस प्रक्रिया के तहत एफडीआई को स्वीकृति दी गई थी, वही प्रक्रिया अपनाए बिना उस पर रोक लगाना गैरकानूनी होगा। जब केजरीवाल छोटे-छोटे मामलों में जनमत संग्रह कराते हैं तो इस मामले में किसी से पूछना उचित क्यों नहीं समझा।'
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां पर रिटेल में एफडीआई आने से बेरोजगारी खत्म हुई हो। इससे छोटे दुकानदार जरूर खत्म हो जाएंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने मंगलवार को कहा कि एक अल्पमत सरकार की तरफ से एक दिन में एफडीआई की स्वीकृति वापस लेने की चिट्ठी मनमाना रवैया है।
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उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता की इस चिट्ठी की कानूनी मान्यता है। हम विधानसभा में मामले की चर्चा की मांग रखेंगे।' लवली के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता हारून यूसुफ और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने भी इस फैसले की आलोचना की।
यूसुफ ने कहा कि यह कोई तानाशाही नहीं है। पुरानी सरकार के फैसले को यूं पलटा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा, 'हमने आम आदमी पार्टी को सरकार बनाकर वादे पूरे करने के लिए समर्थन दिया है, अराजकता फैलाने के लिए नहीं। जिस प्रक्रिया के तहत एफडीआई को स्वीकृति दी गई थी, वही प्रक्रिया अपनाए बिना उस पर रोक लगाना गैरकानूनी होगा। जब केजरीवाल छोटे-छोटे मामलों में जनमत संग्रह कराते हैं तो इस मामले में किसी से पूछना उचित क्यों नहीं समझा।'
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