
बिहार में नालंदा के पास एक प्राचीन विश्वविद्यालय के अवशेष मिले हैं। नालंदा जिले के तेल्हाड़ा इलाके में मिले ये अवशेष नालंका विश्वविद्यालय जैसे ही लगते हैं।
45 फुट ऊंचे एक टीले की खुदाई 2009 से ही चल रही थी। ये अवशेष करीब एक किलोमीटर तक फैले हैं। माना जा रहा है कि ये विश्वविद्यालय करीब 1500 साल पुराना है।
बिहार में इससे पहले नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय मिले थे और अब इस नए विश्वविद्यालय मिलने के बाद इनकी संख्या तीन हो गई है।
खुदाई के दौरान एक तीन फुट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी मिली है। बताया जा रहा है कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस विश्वविद्यालय का जिक्र अपने ग्रंथों में किया है।
खुदाई में पता चला है कि यहां शिक्षकों के रहने के लिए कमरे भी बनाए गए थे और पढने के लिए क्लासरूम भी बनाए गए थे। बौद्ध भिक्षु यहां रह कर शिक्षा प्राप्त करते थे।
45 फुट ऊंचे एक टीले की खुदाई 2009 से ही चल रही थी। ये अवशेष करीब एक किलोमीटर तक फैले हैं। माना जा रहा है कि ये विश्वविद्यालय करीब 1500 साल पुराना है।
बिहार में इससे पहले नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय मिले थे और अब इस नए विश्वविद्यालय मिलने के बाद इनकी संख्या तीन हो गई है।
खुदाई के दौरान एक तीन फुट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी मिली है। बताया जा रहा है कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस विश्वविद्यालय का जिक्र अपने ग्रंथों में किया है।
खुदाई में पता चला है कि यहां शिक्षकों के रहने के लिए कमरे भी बनाए गए थे और पढने के लिए क्लासरूम भी बनाए गए थे। बौद्ध भिक्षु यहां रह कर शिक्षा प्राप्त करते थे।
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