
इंटर्न के यौन उत्पीड़न मामले में घिरे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर सरकार ने पहल शुरू कर दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में मंगलवार को संभावित कार्रवाई को लेकर राय देने के लिए मामले को अटार्नी जनरल के पास भेज दिया।
केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने पहले ही पूर्व जज के खिलाफ कदम उठाने की बात कर जस्टिस गांगुली को हटाने को लेकर सरकार की मंशा साफ कर दी है।
इंटर्न के जस्टिस गांगुली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय जांच समिति के समक्ष दिए गए शपथ पत्र के खुलासे के बाद उन पर पद छोड़ने का चौतरफा दबाव है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें हटाने के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिख चुकी हैं। राष्ट्रपति ने इसी प्रस्ताव को गृह मंत्रालय को भेजा है।
गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रालय की राय जानने के लिए मंगलवार को इसे अटार्नी जनरल के पास भेज दिया। संसद के भीतर भी गांगुली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर उठी आवाज थमने का नाम नहीं ले रही है।
लेकिन, गांगुली पद पर काबिज हैं। उनकी शिकायत है कि इंटर्न की शिकायत से उठे शोर-शराबे के बीच उनकी सफाई कोई नहीं सुन रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक गांगुली पुलिस के सामने ही अपनी सफाई पेश कर सकते हैं।
सरकार उन संभावनाओं पर विचार कर रही है जिसके तहत गांगुली के इस्तीफा नहीं देने की सूरत में उन्हें पद से हटाया जा सकता है।
इसकी संभावना प्रबल है कि पद से हटने के बाद पूर्व जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। मंत्रालय कानूनविदें से यह राय ले रही है कि गांगुली पर यौन उत्पीड़न का नया कानून लागू होगा या नहीं। क्योंकि यह घटना नया कानून बनने के पहले की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में मंगलवार को संभावित कार्रवाई को लेकर राय देने के लिए मामले को अटार्नी जनरल के पास भेज दिया।
केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने पहले ही पूर्व जज के खिलाफ कदम उठाने की बात कर जस्टिस गांगुली को हटाने को लेकर सरकार की मंशा साफ कर दी है।
इंटर्न के जस्टिस गांगुली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय जांच समिति के समक्ष दिए गए शपथ पत्र के खुलासे के बाद उन पर पद छोड़ने का चौतरफा दबाव है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें हटाने के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिख चुकी हैं। राष्ट्रपति ने इसी प्रस्ताव को गृह मंत्रालय को भेजा है।
गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रालय की राय जानने के लिए मंगलवार को इसे अटार्नी जनरल के पास भेज दिया। संसद के भीतर भी गांगुली के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर उठी आवाज थमने का नाम नहीं ले रही है।
लेकिन, गांगुली पद पर काबिज हैं। उनकी शिकायत है कि इंटर्न की शिकायत से उठे शोर-शराबे के बीच उनकी सफाई कोई नहीं सुन रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक गांगुली पुलिस के सामने ही अपनी सफाई पेश कर सकते हैं।
सरकार उन संभावनाओं पर विचार कर रही है जिसके तहत गांगुली के इस्तीफा नहीं देने की सूरत में उन्हें पद से हटाया जा सकता है।
इसकी संभावना प्रबल है कि पद से हटने के बाद पूर्व जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। मंत्रालय कानूनविदें से यह राय ले रही है कि गांगुली पर यौन उत्पीड़न का नया कानून लागू होगा या नहीं। क्योंकि यह घटना नया कानून बनने के पहले की है।
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