Wednesday, December 18, 2013

आंख निकालकर मासूम की बेरहमी से हत्या

killed a innocent child
बेरहम हत्यारों ने शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर खंदवाल इलाके में दूसरी कक्षा के छात्र सात वर्ष के मासूम साहिल उर्फ पिंकी की बड़ी ही निर्ममता से हत्या कर दी।

हत्यारों ने गला रेत कर बच्चे की एक आंख भी निकाल ली। उसके पेट और हाथ पर भी धारदार हथियार के गहरे जख्म हैं। हत्या के कारणों और हत्यारों के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस सभी आशंकाओं के मद्देनजर पड़ताल कर रही है।

कुछ लोग दुष्कर्म की आशंका जता रहे हैं तो कुछ लोग हत्या के पीछे किसी तांत्रिक का हाथ होने का भी अंदेशा जता रहे हैं। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। पिंकी के पिता रमेश दर्जी का काम करते हैं। बाजार में उनकी दुकान है। सोमवार की शाम से लापता पिंकी का शव मंगलवार को दोपहर बाद खेतों में रखी पराली (धान का पुआल) से बरामद हुआ।

आखिरी बार मोमो खाते देखा गया
रमेश ने पुलिस का बताया कि उनका बेटा पिंकी सोमवार को आखिरी बार शाम छह के लगभग देखा गया। तब वह एक रिश्तेदार के बेटे विशाल के साथ बाजार में खेल रहा था। बाजार में उन दोनों ने मोमो भी खाए। बच्चे को अंतिम बार उसके चाचा व ताऊ के घर वाली गली में देखा गया।

करीब साढ़े छह बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचा, तो परिवार वालों ने बाजार में उसके बारे पता किया। विशाल और अन्य लोगों से भी पूछताछ की, लेकिन पिंकी कहीं नहीं मिला। घरवालों को लगा कि वह अपने ही किसी चाचा-ताया के घर में खेल रहा होगा। जब रात गहराने पर भी पिंकी नहीं लौटा तो गांव के युवकों ने टोलियां बनाकर उसकी तलाश शुरू कर दी। यह कोशिश भी कामयाब नहीं हुई तो रात बारह बजे परिवार की ओर से सतवारी थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
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पराली में दबाया था शव
मंगलवार सुबह भी परिवार, पुलिस और गांव के लोगों ने उसकी काफी तलाश की। दोपहर बाद गांव की ही एक महिला अपने खेतों में पराली लेने के लिए गई हुई थी। वहां उसने पिंकी के शव को पराली में देखा। मासूम का शव देखते ही वह बदहवास होकर चिल्लाने लगी। शोर सुनकर गांव के￿ लोग भी मौके पर पहुंच गए। हत्यारों ने पिंकी के शव को पराली में दबाकर छुपा दिया था। शव मिलने की सूचना पर पुलिस अफसर अपनी टीम के साथ खेत पर पहुंचे। शव को अपने कब्जे में लिया। फारेंसिक लैब की टीमें भी पहुंची। पिंकी ने चप्पल, पैंट और कमीज पहनी हुई थी।
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अंधेरे में हाथ-पैर मार रही है पुलिस
अंतिम समय में जिन बच्चों के साथ वह खेल रहा था और जिनके साथ मोमो खाये थे, उनसे भी पुलिस ने पूछताछ की है। फिलहाल पुलिस अंधेरे में ही हाथ-पैर मार रही है। पुलिस का मानना है कि वारदात को किसी जान-पहचान वाले शख्स ने ही अंजाम दिया होगा। वह हत्यारों की संख्या एक से ज्यादा मानकर चल रही है। रमेश का कहना है कि उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। हत्या जिस निर्ममता से की गई है उसने पुलिस को और भी उलझन में डाल दिया है। मात्र पहचान छुपाने के मकसद से की गई हत्या में अपराधी इतनी निर्ममता से काम नहीं लेता।
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बिजली गुल होने का फायदा उठाया
पुलिस मान रही है कि हत्यारे पहचान लिए जाने के डर से बदहवास हो गए। आधा घंटे में ही गांव में खबर फैलने और लोगों की टोलियों द्वारा तलाश किये जाने से वे घबरा गए। इसी बीच बिजली गुल हो गई। हत्यारों को अंधेरे का भी लाभ मिल गया। पुलिस ने कुछ युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा है। फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

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