Wednesday, December 18, 2013

सामने आया UP पुलिस का भयावह चेहरा

up police arrested burned man
डॉक्टरों की टीम से पीड़ित के जलने की जांच कराई जाएगी। ताकि सच्चाई सामने आ सके। यदि लॉकअप में मिट्टी के तेल से जला युवक पड़ा रहा तो मामला गंभीर है। हादसा हो सकता था। पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे।

- रविशंकर छवि,पुलिस अधीक्षक

देवरिया पुलिस का भयावह चेहरा सामने आया है। पुलिस ने मानवता को शर्मसार करते हुए गंभीर रूप से घायल का उपचार न कराकर शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर चालान कर दिया। एसडीएम सदर दिनेश गुप्त ने पीड़ित की नाजुक हालत देखकर जमानत पर उसे रिहा किया और अस्पताल भेजा।

रामपुर कारखाना क्षेत्र के ग्राम बनकट निवासी बसपा कार्यकर्ता राजकुमार भारती ने आज एसडीएम कोर्ट के सामने बताया कि उसका भूमि विवाद गांव के लोगों से चल रहा है।

उसने बताया कि सोमवार की शाम सात बजे इसी विवाद को लेकर गांव के जितेन्द सिंह, रामनरेश, अभयनंदन बर्नवाल के साथ अज्ञात दो लोगों ने लाठी से मारकर घायल कर दिया तथा उसके बाद मिट्टी तेल छिड़क कर गंभीर रूप से जला दिया।

पढ़ें, 'इस्लाम में गोमांस खाना हराम है'

उसने बताया कि ऐसी हालत में उसे रात भर थाने में रखा गया तथा आज दोपहर बाद थाने से चालान कर एसडीएम कोर्ट भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार सत्ता पक्ष के दबाव में आकर पुलिस ने मानवता का गला घोटकर उल्टे पीड़ित को ही बिना उपचार के चालान कर दिया।

वहीं राजकुमार भारती की पत्नी अनिता देवी ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि सोमवार की रात उनके पति राजकुमार देवरिया से घर आ रहे थे। भरोह चौराहे के पास भट्ठा मालिक समेत तीन लोगों ने उन्हें अगवा कर लिया।

उनके पति को लोग एक ईंट भट्ठे पर ले गए और शराब की शिकायत करने पर उनकी बंद कमरे में जमकर पिटाई की। जिससे उनका पैर टूट गया है। उन्हें जलाने का प्रयास भी किया गया। राजकुमार को मरा हुआ समझ कर उन लोगों ने भट्ठे के किनारे फेंक दिया।

किसी ने मामले की सूचना रामपुर कारखाना के निरीक्षक को दी। वह जले हुए हालत में राजकुमार को लेकर थाने पहुंचे। उन्होंने रातभर राजकुमार को लॉकअप में रखा और मंगलवार की दोपहर में शांतिभंग में चालान कर दिया।

पढ़ें, 'दंगे के पीछे सत्ता की चाहत रखने वाले'

राजकुमार भारती ने अपने को बसपा का पथरदेवा विभानसभा का सेक्टर प्रभारी बताया। उधर, रामपुर कारखाना थाने के निरीक्षक शिवप्रसाद यादव ने बताया कि राजकुमार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों को शराब के नशे में पीट रहा था।

पुलिस के सामाने ही उसने मिट्टी का तेल अपने ऊपर गिरा लिया और उसे थाने लाया गया। पिटाई और तेजाब फेंकने की घटना सही नहीं है।

सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस के सामने राजकुमार ने मिट्टी का तेल अपने ऊपर गिराया तो पुलिस उसे उपचार के लिए अस्पताल क्यों नहीं ले गई।

घटना के विरोध में बसपा के जिलाध्यक्ष परमानंद प्रसाद ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो उनकी पार्टी आंदोलन करेगी।

No comments:

Post a Comment