
46 साल की कोशिशों के बाद आखिरकार देश को अब ऐतिहासिक लोकपाल कानून मिलने की पूरी उम्मीद है। मंगलवार को लोकपाल बिल ने पहली सीढ़ी पार कर ली।
राज्यसभा से विधेयक को मंजूरी मिल गई। अब बुधवार को इसे लोकसभा की अगली और अंतिम सीढ़ी पार करनी है। राज्यसभा में सपा को छोड़कर सभी पार्टियों के इसके पक्ष में जुटने से लोकसभा में भी इसका पास होना तय माना जा रहा है।
लोकपाल की जांच के दायरे में प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद और केंद्र सरकार के समूह ए, बी, सी, डी के अधिकारी और कर्मचारी आएंगे। जबकि लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री, राज्य के मंत्री, विधायक और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल होंगे।
राज्यसभा में बिल के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा माने जा रहे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुबह ही मुलाकात कर मना लिया।
बिल पास होने के बाद अन्ना हजारे ने सरकार को बधाई दी है और कहा है कि लोकसभा में इसके पास होने के बाद वह अपना अनशन खत्म करेंगे। वहीं कांग्रेस ने इसका श्रेय राहुल गांधी को देने की कोशिश की है।
करीब दो साल पहले राज्यसभा में पेश होने के बावजूद विधेयक पास नहीं हो पाया था। मंगलवार को सुबह लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई तो सपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
सदन की कार्यवाही 12 बजे खत्म होने के बाद से ही सरकार की ओर से गतिरोध खत्म करने की कोशिशें तेज हो गईं। प्रधानमंत्री ने मुलायम और रामगोपाल यादव से मुलाकात कर लोकपाल विधेयक पारित कराने की अपील की।
इस मुलाकात का असर 12 बजे दिखा जब अंतत: लोकपाल बिल पर चर्चा शुरू हुई। रामगोपाल ने बिल का विरोध किया। फिर सपा के सभी सदस्यों ने वाकआउट कर दिया। इसके बाद चर्चा शुरू हुई।
कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने सेलेक्ट कमेटी की लगभग सभी सिफारिशों को माना है। प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में रखा गया है। इस बिल को अब मिलकर पास कराना चाहिए।
वहीं विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि इससे लोग गलत निर्णय करने से डरेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और संघीय ढांचे के मसले पर दोनों एक दूसरे के साथ चल सकते हैं।
बिल के पास होते ही एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारों को लोकायुक्त का गठन करना होगा। उन्होंने किसी जांच से पहले संबंधित अधिकारी को नोटिस पर ऐतराज जताया तो सरकार ने आश्वासन दिया कि उनके संशोधन को मानते हुए अब ऐसा नहीं किया जाएगा।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कॉरपोरेट घरानों और चंदे पर चलने वाली संस्थाओं को भी इसके दायरे में लाने की बात कही। वामदलों ने संशोधन भी पेश किया जोकि वोटिंग के दौरान गिर गया।
बसपा ने बिल में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के आरक्षण के लिए सरकार का धन्यवाद किया।
पिछले आठ दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित होने पर नेताओं को धन्यवाद देते हुए लोकसभा में भी इस विधेयक को सुचारु रूप से पारित कराने की अपील की है।
अन्ना ने जताई खुशी
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में विधेयक पास होने की खबर मिलने के बाद यहां अनशन स्थल पर अन्ना ने तिरंगा लहराते हुए भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए।
उन्होंने विधेयक पास किए जाने को एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि वह सभी दलों, समाजवादी पार्टी को छोड़ राज्यसभा में जिसने इस विधेयक का समर्थन किया उन सभी को धन्यवाद देते हैं।
उन्होंने लोकसभा में भी इसे बुधवार को पारित कराने की अपील करते हुए कहा कि यह केवल अन्ना की मांग नहीं बल्कि पूरा देश यही चाहता है।
हालांकि, इससे 100 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, ऐसा नहीं है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार में जरूर 40-50 फीसदी की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद वह अपना अनशन तोड़ देंगे।
लोकसभा में पास होने पर तोड़ूंगा अनशन
अन्ना हजारे ने घोषणा करते हुए कहा कि लोकसभा में संशोधित बिल पास होते ही मैं अनशन तोड़ दूंगा। जब तक लोकसभा में बिल पास नहीं होता वह अनशन पर रहेंगे।
पढें: क्या आपने देखा केजरीवाल का 'मायावती स्टाइल'?
लोकसभा में बिल पास होने की उम्मीद जताते हुए अन्ना ने कहा कि संसद में बैठे लोगों को अब समझ आने लगा है कि लोकपाल बिल देश के लिए कितना जरूरी है। उम्मीद है कि विधेयक के पास होने पर वह बुधवार को अपना अनशन तोड़ देंगे।
कुमार विश्वास ने जताया विरोध
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर पर कहा कि 3 वादों के बिना लंगड़ा-लूला लोकपाल बिल पास करना लोगों के संग मजाक है।
आगे कुमार विश्वास ने लिखा कि लालू+मायावती+राहुल+Cong+BJP ने बिल पास करके तीन साल से उम्मीद लगाए लोगों के साथ एक निर्ल्लज मजाक किया है।
राज्यसभा से विधेयक को मंजूरी मिल गई। अब बुधवार को इसे लोकसभा की अगली और अंतिम सीढ़ी पार करनी है। राज्यसभा में सपा को छोड़कर सभी पार्टियों के इसके पक्ष में जुटने से लोकसभा में भी इसका पास होना तय माना जा रहा है।
लोकपाल की जांच के दायरे में प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद और केंद्र सरकार के समूह ए, बी, सी, डी के अधिकारी और कर्मचारी आएंगे। जबकि लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री, राज्य के मंत्री, विधायक और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल होंगे।
राज्यसभा में बिल के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा माने जा रहे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुबह ही मुलाकात कर मना लिया।
बिल पास होने के बाद अन्ना हजारे ने सरकार को बधाई दी है और कहा है कि लोकसभा में इसके पास होने के बाद वह अपना अनशन खत्म करेंगे। वहीं कांग्रेस ने इसका श्रेय राहुल गांधी को देने की कोशिश की है।
करीब दो साल पहले राज्यसभा में पेश होने के बावजूद विधेयक पास नहीं हो पाया था। मंगलवार को सुबह लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई तो सपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
सदन की कार्यवाही 12 बजे खत्म होने के बाद से ही सरकार की ओर से गतिरोध खत्म करने की कोशिशें तेज हो गईं। प्रधानमंत्री ने मुलायम और रामगोपाल यादव से मुलाकात कर लोकपाल विधेयक पारित कराने की अपील की।
इस मुलाकात का असर 12 बजे दिखा जब अंतत: लोकपाल बिल पर चर्चा शुरू हुई। रामगोपाल ने बिल का विरोध किया। फिर सपा के सभी सदस्यों ने वाकआउट कर दिया। इसके बाद चर्चा शुरू हुई।
कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने सेलेक्ट कमेटी की लगभग सभी सिफारिशों को माना है। प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में रखा गया है। इस बिल को अब मिलकर पास कराना चाहिए।
वहीं विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि इससे लोग गलत निर्णय करने से डरेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और संघीय ढांचे के मसले पर दोनों एक दूसरे के साथ चल सकते हैं।
बिल के पास होते ही एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारों को लोकायुक्त का गठन करना होगा। उन्होंने किसी जांच से पहले संबंधित अधिकारी को नोटिस पर ऐतराज जताया तो सरकार ने आश्वासन दिया कि उनके संशोधन को मानते हुए अब ऐसा नहीं किया जाएगा।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कॉरपोरेट घरानों और चंदे पर चलने वाली संस्थाओं को भी इसके दायरे में लाने की बात कही। वामदलों ने संशोधन भी पेश किया जोकि वोटिंग के दौरान गिर गया।
बसपा ने बिल में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के आरक्षण के लिए सरकार का धन्यवाद किया।
पिछले आठ दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित होने पर नेताओं को धन्यवाद देते हुए लोकसभा में भी इस विधेयक को सुचारु रूप से पारित कराने की अपील की है।
अन्ना ने जताई खुशी
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में विधेयक पास होने की खबर मिलने के बाद यहां अनशन स्थल पर अन्ना ने तिरंगा लहराते हुए भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए।
उन्होंने विधेयक पास किए जाने को एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि वह सभी दलों, समाजवादी पार्टी को छोड़ राज्यसभा में जिसने इस विधेयक का समर्थन किया उन सभी को धन्यवाद देते हैं।
उन्होंने लोकसभा में भी इसे बुधवार को पारित कराने की अपील करते हुए कहा कि यह केवल अन्ना की मांग नहीं बल्कि पूरा देश यही चाहता है।
हालांकि, इससे 100 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, ऐसा नहीं है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार में जरूर 40-50 फीसदी की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद वह अपना अनशन तोड़ देंगे।
लोकसभा में पास होने पर तोड़ूंगा अनशन
अन्ना हजारे ने घोषणा करते हुए कहा कि लोकसभा में संशोधित बिल पास होते ही मैं अनशन तोड़ दूंगा। जब तक लोकसभा में बिल पास नहीं होता वह अनशन पर रहेंगे।
पढें: क्या आपने देखा केजरीवाल का 'मायावती स्टाइल'?
लोकसभा में बिल पास होने की उम्मीद जताते हुए अन्ना ने कहा कि संसद में बैठे लोगों को अब समझ आने लगा है कि लोकपाल बिल देश के लिए कितना जरूरी है। उम्मीद है कि विधेयक के पास होने पर वह बुधवार को अपना अनशन तोड़ देंगे।
कुमार विश्वास ने जताया विरोध
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर पर कहा कि 3 वादों के बिना लंगड़ा-लूला लोकपाल बिल पास करना लोगों के संग मजाक है।
आगे कुमार विश्वास ने लिखा कि लालू+मायावती+राहुल+Cong+BJP ने बिल पास करके तीन साल से उम्मीद लगाए लोगों के साथ एक निर्ल्लज मजाक किया है।
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