
आम चुनावों से पहले भाजपा ने प्रवासी भारतीयों को लुभाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
इसी क्रम में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो प्रवासियों को देश में एफडीआई लाने की शर्तों में छूट दी जाएगी।
सोमवार को प्रवासी भारतीय दिवस की पूर्व संध्या पर भाजपा के प्रवासी दोस्तों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के बाद भारतीय मंच दुनिया में सबसे बड़ा मंच है, लेकिन यहां एफडीआई का योगदान सिर्फ 10 से 15 फीसदी ही है।
उन्होंने कहा, 'आपको भाजपा की सरकार बनाने में मदद करनी चाहिए। हम ऐसी स्थिति तैयार करेंगे, जिससे एफडीआई के रूप में आपका योगदान 35-40 प्रतिशत हो जाए।'
राजनाथ सिंह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास करेगी और बांड लेकर आएगी, जिससे प्रवासियों को भी इस सेक्टर में निवेश करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि वाजपेयी सरकार के दौरान 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद एनआरआई लोगों ने रिसर्जेंट इंडिया बांड में भारी निवेश किया था।
प्रवासी भारतीयों के सामने एक समस्या यह भी आती है कि वोट करने के लिए परिवार समेत भारत आना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
सिंह ने कहा कि हमें लगता है कि प्रवासी भारतीयों को विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में वोट देने का हक होना चाहिए।
उन्होंने अमेरिकी सरकार को 'सीमा सुरक्षा आर्थिक अवसर एवं आव्रजन आधुनिकीकरण अधिनियम 2013' पर भी पुनर्विचार करने की बात भी कही, क्योंकि इसकी वजह से वीजा फीस काफी ज्यादा बढ़ गई है और भारतीय इंजीनियरों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसके जरिए एनआरआई अपने बच्चों को आईआईटी या देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला दिला सकें।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने दुनिया के सामने भारत की साख को कम किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसे नेता हैं, जो देश को आगे ले जाने में सक्षम हैं। पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात विकास का मॉडल स्टेट बन गया है।
हालिया विधानसभा चुनावों में पांच में से चार राज्यों में कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए सिंह ने दावा किया कि भाजपा को लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत मिलेगा। कार्यक्रम में फिजी के पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी और इंग्लैंड के लॉर्ड राजेंद्र पॉल लूंबा भी मौजूद थे।
इसी क्रम में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो प्रवासियों को देश में एफडीआई लाने की शर्तों में छूट दी जाएगी।
सोमवार को प्रवासी भारतीय दिवस की पूर्व संध्या पर भाजपा के प्रवासी दोस्तों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के बाद भारतीय मंच दुनिया में सबसे बड़ा मंच है, लेकिन यहां एफडीआई का योगदान सिर्फ 10 से 15 फीसदी ही है।
उन्होंने कहा, 'आपको भाजपा की सरकार बनाने में मदद करनी चाहिए। हम ऐसी स्थिति तैयार करेंगे, जिससे एफडीआई के रूप में आपका योगदान 35-40 प्रतिशत हो जाए।'
राजनाथ सिंह ने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास करेगी और बांड लेकर आएगी, जिससे प्रवासियों को भी इस सेक्टर में निवेश करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि वाजपेयी सरकार के दौरान 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद एनआरआई लोगों ने रिसर्जेंट इंडिया बांड में भारी निवेश किया था।
प्रवासी भारतीयों के सामने एक समस्या यह भी आती है कि वोट करने के लिए परिवार समेत भारत आना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
सिंह ने कहा कि हमें लगता है कि प्रवासी भारतीयों को विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में वोट देने का हक होना चाहिए।
उन्होंने अमेरिकी सरकार को 'सीमा सुरक्षा आर्थिक अवसर एवं आव्रजन आधुनिकीकरण अधिनियम 2013' पर भी पुनर्विचार करने की बात भी कही, क्योंकि इसकी वजह से वीजा फीस काफी ज्यादा बढ़ गई है और भारतीय इंजीनियरों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसके जरिए एनआरआई अपने बच्चों को आईआईटी या देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला दिला सकें।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने दुनिया के सामने भारत की साख को कम किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसे नेता हैं, जो देश को आगे ले जाने में सक्षम हैं। पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात विकास का मॉडल स्टेट बन गया है।
हालिया विधानसभा चुनावों में पांच में से चार राज्यों में कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए सिंह ने दावा किया कि भाजपा को लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत मिलेगा। कार्यक्रम में फिजी के पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी और इंग्लैंड के लॉर्ड राजेंद्र पॉल लूंबा भी मौजूद थे।
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