
केंद्र सरकार मुस्लिमों को रिझाने के लिए हर वह उपाय करने में जुटी है, जिससे लोकसभा चुनाव में वोटों की फसल काट सके।
इसी के तहत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार द्वारा संचालित हुनर योजना की तर्ज पर पूरे देश में अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं व युवतियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।
नेशनल मॉनीटरिंग कमेटी फॉर मॉइनरिटी एजूकेशन (एनएमसीएमई) की बैठक में केंद्रीय मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि महिलाओं के साथ ही मंत्रालय एक करोड़ मुस्लिम युवकों को भी रोजगार संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
देश में अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम समाज आज भी शिक्षा में काफी पिछड़ा हुआ है। सरकार चाहे जो दावे करती हो लेकिन मुस्लिम समाज शिक्षा को लेकर न तो दूसरे समाजों जैसा सजग है और न ही उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्र या राज्यों के स्तर पर कोई योजना ही शुरू की गई।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अल्पसंख्यक शिक्षा की मॉनीटरिंग के लिए गठित कमेटी कई बार इसे लेकर केंद्र की नीतियों पर उंगली उठा चुकी है और कई सलाह भी दे चुकी है।
सोमवार को हुई एनएमसीएमई की बैठक में राजू ने कहा कि कमेटी के सुझाव पर मंत्रालय ने तीन प्रमुख फैसले लिए हैं।
बिहार सरकार द्वारा मुस्लिम युवतियों को रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने के लिए चलाई जा रही हुनर योजना की तर्ज पर अब मंत्रालय भी अल्पसंख्यक महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस योजना में 15 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाएं प्रशिक्षण ले सकेंगी।
इसी तर्ज पर मंत्रालय ने एक करोड़ मुस्लिम युवकों को भी प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है। इसमें शामिल होने वाले युवकों की न्यूनतम उम्र 15 वर्ष होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शैक्षिक रूप से पिछड़े मुस्लिम बहुल कस्बों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा डिग्री कॉलेजों की स्थापना के साथ लड़कियों के लिए हॉस्टल का भी निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने यूपीए सरकार के पिछले 10 सालों में किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि इन योजनाओं के चलते मुस्लिम वर्ग के बच्चों की स्कूलों में भागीदारी काफी बढ़ी है।
उन्होंने मदरसों को केंद्रीय स्तर पर दी जा रही वित्तीय मदद तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण योजना का जिक्र करते हुए कहा कि मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर संभव मदद की जा रही है।
राजू ने बताया कि अल्पसंख्यक बहुल ब्लॉकों में 270 मॉडल स्कूल स्वीकृत करने के साथ ही 12वीं योजना में अब तक 378 जवाहर लाल नेहरू विद्यालय भी म्यूनिसिपल क्षेत्रों में खोले जा चुके हैं।
इसी के तहत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार द्वारा संचालित हुनर योजना की तर्ज पर पूरे देश में अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं व युवतियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।
नेशनल मॉनीटरिंग कमेटी फॉर मॉइनरिटी एजूकेशन (एनएमसीएमई) की बैठक में केंद्रीय मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि महिलाओं के साथ ही मंत्रालय एक करोड़ मुस्लिम युवकों को भी रोजगार संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
देश में अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम समाज आज भी शिक्षा में काफी पिछड़ा हुआ है। सरकार चाहे जो दावे करती हो लेकिन मुस्लिम समाज शिक्षा को लेकर न तो दूसरे समाजों जैसा सजग है और न ही उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्र या राज्यों के स्तर पर कोई योजना ही शुरू की गई।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अल्पसंख्यक शिक्षा की मॉनीटरिंग के लिए गठित कमेटी कई बार इसे लेकर केंद्र की नीतियों पर उंगली उठा चुकी है और कई सलाह भी दे चुकी है।
सोमवार को हुई एनएमसीएमई की बैठक में राजू ने कहा कि कमेटी के सुझाव पर मंत्रालय ने तीन प्रमुख फैसले लिए हैं।
बिहार सरकार द्वारा मुस्लिम युवतियों को रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने के लिए चलाई जा रही हुनर योजना की तर्ज पर अब मंत्रालय भी अल्पसंख्यक महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस योजना में 15 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाएं प्रशिक्षण ले सकेंगी।
इसी तर्ज पर मंत्रालय ने एक करोड़ मुस्लिम युवकों को भी प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है। इसमें शामिल होने वाले युवकों की न्यूनतम उम्र 15 वर्ष होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शैक्षिक रूप से पिछड़े मुस्लिम बहुल कस्बों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा डिग्री कॉलेजों की स्थापना के साथ लड़कियों के लिए हॉस्टल का भी निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने यूपीए सरकार के पिछले 10 सालों में किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि इन योजनाओं के चलते मुस्लिम वर्ग के बच्चों की स्कूलों में भागीदारी काफी बढ़ी है।
उन्होंने मदरसों को केंद्रीय स्तर पर दी जा रही वित्तीय मदद तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण योजना का जिक्र करते हुए कहा कि मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर संभव मदद की जा रही है।
राजू ने बताया कि अल्पसंख्यक बहुल ब्लॉकों में 270 मॉडल स्कूल स्वीकृत करने के साथ ही 12वीं योजना में अब तक 378 जवाहर लाल नेहरू विद्यालय भी म्यूनिसिपल क्षेत्रों में खोले जा चुके हैं।
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