![आप के सहयोग से यूपी में बिजली होगी सस्ती up can also get subsidised electricity](http://img.amarujala.com/2013/10/28/electricity-526d6b4712b8d_exl.jpg)
दिल्ली की तरह यूपी में भी बिजली दरें कम कराने के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आम आदमी पार्टी (आप) से सहयोग मांगा है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सोमवार को यहां आप के प्रवक्ता संजय सिंह से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और उपभोक्ताओं के हित में दरों में कमी कराने के लिए सहयोग की अपील।
संजय सिंह ने उपभोक्ता परिषद को सहयोग आश्वासन देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में यूपी में महंगी व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा होगा।
आम आदमी पार्टी उपभोक्ताओं के हित में प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। उपभोक्ता परिषद की हर लड़ाई में 'आप' का पूरा सहयोग रहेगा।
वर्मा ने कहा कि जिस तरह मनगढ़ंत आंकड़ों के आधार पर पिछले दो वर्षों से उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इजाफा कराया जा रहा है अब उसे प्रदेश की जनता स्वीकार करने वाली नहीं है।
जनता सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा चुनाव में हिसाब लेगी। बिना ऑडिटेड आंकड़ों के आधार पर घरेलू दरों में की गई वृद्धि पूरी तरीके से गलत है।
वर्तमान सरकार ने पहले इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में बढ़ोतरी की और फिर घरेलू ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में वृद्धि और उसके साथ ही रेगुलेटरी सरचार्ज के रूप में 3.71 प्रतिशत का सरचार्ज लगाया गया जो असंवैधानिक है।
सरकार और बिजली कंपनियों की मनमानी अब नहीं चलेगी और इसका पूरी तरह विरोध किया जाएगा।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सोमवार को यहां आप के प्रवक्ता संजय सिंह से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और उपभोक्ताओं के हित में दरों में कमी कराने के लिए सहयोग की अपील।
संजय सिंह ने उपभोक्ता परिषद को सहयोग आश्वासन देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में यूपी में महंगी व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा होगा।
आम आदमी पार्टी उपभोक्ताओं के हित में प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। उपभोक्ता परिषद की हर लड़ाई में 'आप' का पूरा सहयोग रहेगा।
वर्मा ने कहा कि जिस तरह मनगढ़ंत आंकड़ों के आधार पर पिछले दो वर्षों से उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इजाफा कराया जा रहा है अब उसे प्रदेश की जनता स्वीकार करने वाली नहीं है।
जनता सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा चुनाव में हिसाब लेगी। बिना ऑडिटेड आंकड़ों के आधार पर घरेलू दरों में की गई वृद्धि पूरी तरीके से गलत है।
वर्तमान सरकार ने पहले इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में बढ़ोतरी की और फिर घरेलू ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में वृद्धि और उसके साथ ही रेगुलेटरी सरचार्ज के रूप में 3.71 प्रतिशत का सरचार्ज लगाया गया जो असंवैधानिक है।
सरकार और बिजली कंपनियों की मनमानी अब नहीं चलेगी और इसका पूरी तरह विरोध किया जाएगा।
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