
खास-खास
बढ़े अपराध- 412.56 फीसदी बढ़े छेड़छाड़ के मामले
- 129.26 फीसदी बढ़े रेप के केस
- 142 फीसदी झपटमारी में बढ़ोतरी
महिलाओं के लिए दिल्ली सुरक्षित शहर नहीं बन पा रही। सख्त कानून और तेज धरपकड़ के बावजूद दरिंदगी बढ़ रही है।
पुलिस भले ही यह कहे कि मामले बढ़ नहीं रहे बल्कि रिपोर्ट ज्यादा हो रहे हैं, पर जो भी हो अपराध हो रहे हैं। छेड़छाड़ के मामलों में 412.56 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी बदतमीज राजधानी का सबूत है।
रेप में बेतहाशा वृद्धि
वहीं रेप के मामलों में भी 2012 के मुकाबले बीते वर्ष 129.26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह आंकड़े महिलाओं और उन सबको परेशान करने के लिए काफी हैं, जिनकी कोई अपनी नौकरी करने जाती है, या घर पर अकेली रहती है अथवा स्कूल, कॉलेज व बाजार जाती है, क्योंकि अपराध हर जगह हो रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की सालाना प्रेस वार्ता में ऐसे कई परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। यहां वर्ष 2012 के मुकाबले 2013 में महिलाओं के प्रति अपराध बेहताशा बढे़।
बीते साल के दौरान आईपीसी के अंतर्गत आने वाले अपराधों में कुल 43.67 फीसदी की वृद्धि हुई। हत्या की वारदातों को छोड़कर हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं हत्या के मामलों में 3.37 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
वर्ष 2012 में हत्या के जहां 504 मामले सामने आए थे, वहीं 2013 में यह संख्या 487 रही। इसके अलावा रॉबरी के मामलों में करीब 92 फीसदी, झपटमारी के मामलों में 142 फीसदी और घरों में चोरी की मामलों में करीब 78 फीसदी की वृद्धि हुई।
दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने प्रेस वार्ता में ब्योरा प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपराध बढ़ रहे हैं तो अपराधी भी ज्यादा पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध के आंकड़ों पर न जाएं। ये सच्चाई अहम है कि अब सभी शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि अब दिल्ली में ऐसा माहौल बना देंगे कि कोई अपराध करना चाहेगा तो पुलिस उसकी जिंदगी को मुश्किल कर देगी। अपराध करने से पहले लोग कई बार सोचेंगे।
उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में अब अपराधी के गिरफ्तार होने के बाद 20 दिनों में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया जाएगा। 30 दिन के भीतर यह देखा जाएगा कि 20 दिनों में आरोप पत्र क्यों दाखिल नहीं किया गया।
बस्सी ने कहा कि अब हर ऐसा अपराध, जिसमें एफआईआर दर्ज होने की थोड़ी सी भी संभावना है, उसकी तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
परिचित ही दुश्मन बने
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 96.28 फीसदी मामलों में परिचित ही महिलाओं का शोषण करते हैं। महिलाएं वाहनों, पार्क, होटलों, सड़क, स्कूल कॉलेज, मॉल और बाजार में प्रताड़ना की शिकार होती हैं।
पुलिस भले ही यह कहे कि मामले बढ़ नहीं रहे बल्कि रिपोर्ट ज्यादा हो रहे हैं, पर जो भी हो अपराध हो रहे हैं। छेड़छाड़ के मामलों में 412.56 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी बदतमीज राजधानी का सबूत है।
रेप में बेतहाशा वृद्धि
वहीं रेप के मामलों में भी 2012 के मुकाबले बीते वर्ष 129.26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह आंकड़े महिलाओं और उन सबको परेशान करने के लिए काफी हैं, जिनकी कोई अपनी नौकरी करने जाती है, या घर पर अकेली रहती है अथवा स्कूल, कॉलेज व बाजार जाती है, क्योंकि अपराध हर जगह हो रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की सालाना प्रेस वार्ता में ऐसे कई परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। यहां वर्ष 2012 के मुकाबले 2013 में महिलाओं के प्रति अपराध बेहताशा बढे़।
बीते साल के दौरान आईपीसी के अंतर्गत आने वाले अपराधों में कुल 43.67 फीसदी की वृद्धि हुई। हत्या की वारदातों को छोड़कर हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं हत्या के मामलों में 3.37 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
वर्ष 2012 में हत्या के जहां 504 मामले सामने आए थे, वहीं 2013 में यह संख्या 487 रही। इसके अलावा रॉबरी के मामलों में करीब 92 फीसदी, झपटमारी के मामलों में 142 फीसदी और घरों में चोरी की मामलों में करीब 78 फीसदी की वृद्धि हुई।
दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने प्रेस वार्ता में ब्योरा प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपराध बढ़ रहे हैं तो अपराधी भी ज्यादा पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध के आंकड़ों पर न जाएं। ये सच्चाई अहम है कि अब सभी शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि अब दिल्ली में ऐसा माहौल बना देंगे कि कोई अपराध करना चाहेगा तो पुलिस उसकी जिंदगी को मुश्किल कर देगी। अपराध करने से पहले लोग कई बार सोचेंगे।
उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में अब अपराधी के गिरफ्तार होने के बाद 20 दिनों में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया जाएगा। 30 दिन के भीतर यह देखा जाएगा कि 20 दिनों में आरोप पत्र क्यों दाखिल नहीं किया गया।
बस्सी ने कहा कि अब हर ऐसा अपराध, जिसमें एफआईआर दर्ज होने की थोड़ी सी भी संभावना है, उसकी तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
परिचित ही दुश्मन बने
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 96.28 फीसदी मामलों में परिचित ही महिलाओं का शोषण करते हैं। महिलाएं वाहनों, पार्क, होटलों, सड़क, स्कूल कॉलेज, मॉल और बाजार में प्रताड़ना की शिकार होती हैं।
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