Saturday, January 11, 2014

इजरायल के 'बुलडोज़र' अरियल शेरॉन नहीं रहे

ariel sharon passes away
इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री अरियल शेरॉन की मृत्यु हो गई है। 'बुलडोज़र' के नाम से पहचाने जाने वाले अरियल लंबे समय से कोमा में थे। शेरॉन की उम्र 85 साल थी।

वह 2001 में इजरायल के प्रधानमंत्री बने और 2005 में उन्हें एक हल्का स्ट्रोक पड़ा। इसके बाद 2006 में उन्हें एक बड़ा दौरा पड़ा और वह कोमा में चले गए। तब से वह लगातार निष्क्रिय अवस्था में हैं।

अरियल शेरॉन 1948 में इजरायल के गठन के बाद हुए सभी युद्धों में शामिल रहे थे और कई इजरायली उन्हें एक महान सैन्य नेता मानते हैं। दूसरी ओर फ़लस्तीनियों की राय उनके बारे में अच्छी नहीं थी।

बाद के वर्षों में शेरॉन ने शांति की स्थापना के लिए प्रयास किए

वर्ष 1967 और 1973 के युद्ध में शेरॉन ने जिस डिवीज़न की अगुवाई की, उसने इजरायल की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने 1982 में रक्षा मंत्री रहते हुए लेबनान पर हमले की योजना बनाई, जहां से फ़लस्तीनी मुक्ति संगठन के जरिए इजरायल पर गोलाबारी की जा रही थी।

आक्रमण के दौरान लेबनान के ईसाई सैनिकों ने इजरायल के साथ मिलकर इजरायल के नियंत्रण वाले बेरूत शरणार्थी शिविर में सैकड़ों फ़लस्तीनियों को मारा।

विचारों में बदलाव
बाद में इजरायल ने इस घटना की जांच के आदेश दिए। इस दौरान शेरॉन ने इस जनसंहार की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली।

इसके बावजूद वह 18 साल बाद प्रधानमंत्री बने और उन्होंने सुरक्षा और सच्ची शांति हासिल करने की शपथ ली और इस ध्येय के लिए दूसरा दौरा पड़ने तक काम करते रहे।

शेरॉन अधिग्रहीत फ़लीस्तीनी क्षेत्र में यहूदी बस्तियों के निर्माण को बढ़ावा देने के इच्छुक थे। उन्होंने विवादित पश्चिमी तट घेरे के निर्माण की शुरुआत भी की।

लेकिन 2005 में इजरायल में उग्र विरोध के बावजूद उन्होंने ग़ज़ा पट्टी से इजरायली सैनिकों को वापस बुलाने की एकतरफा घोषणा कर दी।

इस साल उन्होंने अपनी लिकुड पार्टी को छोड़कर मध्यमार्गी कदीमा पार्टी के गठन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने दोबारा चुनाव में जाने का एलान भी कर दिया। इस दौरान ही उन्हें स्ट्रोक का सामना करना पड़ा और तबसे वह निष्क्रिय अवस्था में थे।

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