
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौकीर रजा खां ने शनिवार को सपा सरकार को आरएसएस से भी बदतर बताते हुए समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया।
यहां शनिवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पार्टी के किसी नेता को मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ितों की दर्द सुनने जाने की फुर्सत नहीं मिली।
'सैफई महोत्सव पर करोड़ों उड़ा दिए'
सबके सब सैफई महोत्सव पर करोड़ों रुपये खर्च उड़ा दिए। सरकार के मंत्रियों को स्टडी के बहाने मौज करने विदेश भेज दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा के बजाय आरएसएस की सरकार होती तब भी मुसलमानों पर इतने जुल्म नहीं होते।
सम्मेलन में मौलाना तौकीर ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हुकूमत आने के बाद उन्होंने महसूस किया कि मुस्लिम विधायक और मंत्री सपा हाईकमान को जमीनी हकीकत नहीं बता रहे हैं।
कुछ लालबत्ती बचाए रखने के लिए मुलायम और उनके परिवार की चापलूसी कर रहे थे और कुछ लालबत्ती के लिए चापलूसी करने में लगे थे।
वह सब कुछ मुलायम और अखिलेश को बताना चाहते थे लेकिन कई बार कोशिश के बाद भी उनकी किसी ने नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि उनके मेरे बार-बार कहने के बावजूद मुलायम सिंह और उनकी कैबिनेट का कोई भी मंत्री मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों का दर्द सुनने नहीं पहुंचा।
मैं कहता रहा कि दंगा पीड़ितों की घर वापसी होनी चाहिए, जरूरत पड़े तो दंगा प्रभावित गांवों में पुलिस चौकियां स्थापित की जाएं लेकिन मदद करने के बजाए कैंपों को बुलडोजर चलवाकर उजाड़ दिया गया।
सरकार ने जिन लोगों को पांच लाख रुपये तक मदद की उनसे शपथ पत्र यह लिया जा रहा है कि वह कभी गांव नहीं जाएंगे।
कौन ऐसा शख्स है तो पांच लाख रुपये में अपना गांव छोड़ देगा। इस तरह तो मुसलमानों की नागरिकता खरीदने का काम किया गया।
सपा सरकार में एकतरफा कार्रवाई
सपा की हुकूमत में जितने दंगे हुए हैं, उनमें एकतरफा कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि मुझ पर नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का इल्जाम लगाया जा रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने टीवी चैनलों के अलावा उस जालिम को कभी नहीं देखा।
मौलाना तौकीर सरकार के काबीना मंत्री आजम खां को निशाना बनाना भी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि आजम मुसलमान होने की वजह से मंत्री हैं। उन्होंने मुसलमानों के लिए कभी कुछ नहीं किया है।
उन्होंने सपा से नाता तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि आज मैं आजाद हो गया है। मुझे कभी लालबत्ती की जरूरत नहीं थी। लालबत्ती से मेरी हैसियत बढ़ी नहीं थी बल्कि घट गई थी।
यहां शनिवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पार्टी के किसी नेता को मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ितों की दर्द सुनने जाने की फुर्सत नहीं मिली।
'सैफई महोत्सव पर करोड़ों उड़ा दिए'
सबके सब सैफई महोत्सव पर करोड़ों रुपये खर्च उड़ा दिए। सरकार के मंत्रियों को स्टडी के बहाने मौज करने विदेश भेज दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा के बजाय आरएसएस की सरकार होती तब भी मुसलमानों पर इतने जुल्म नहीं होते।
सम्मेलन में मौलाना तौकीर ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हुकूमत आने के बाद उन्होंने महसूस किया कि मुस्लिम विधायक और मंत्री सपा हाईकमान को जमीनी हकीकत नहीं बता रहे हैं।
कुछ लालबत्ती बचाए रखने के लिए मुलायम और उनके परिवार की चापलूसी कर रहे थे और कुछ लालबत्ती के लिए चापलूसी करने में लगे थे।
वह सब कुछ मुलायम और अखिलेश को बताना चाहते थे लेकिन कई बार कोशिश के बाद भी उनकी किसी ने नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि उनके मेरे बार-बार कहने के बावजूद मुलायम सिंह और उनकी कैबिनेट का कोई भी मंत्री मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों का दर्द सुनने नहीं पहुंचा।
मैं कहता रहा कि दंगा पीड़ितों की घर वापसी होनी चाहिए, जरूरत पड़े तो दंगा प्रभावित गांवों में पुलिस चौकियां स्थापित की जाएं लेकिन मदद करने के बजाए कैंपों को बुलडोजर चलवाकर उजाड़ दिया गया।
सरकार ने जिन लोगों को पांच लाख रुपये तक मदद की उनसे शपथ पत्र यह लिया जा रहा है कि वह कभी गांव नहीं जाएंगे।
कौन ऐसा शख्स है तो पांच लाख रुपये में अपना गांव छोड़ देगा। इस तरह तो मुसलमानों की नागरिकता खरीदने का काम किया गया।
सपा सरकार में एकतरफा कार्रवाई
सपा की हुकूमत में जितने दंगे हुए हैं, उनमें एकतरफा कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि मुझ पर नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का इल्जाम लगाया जा रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने टीवी चैनलों के अलावा उस जालिम को कभी नहीं देखा।
मौलाना तौकीर सरकार के काबीना मंत्री आजम खां को निशाना बनाना भी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि आजम मुसलमान होने की वजह से मंत्री हैं। उन्होंने मुसलमानों के लिए कभी कुछ नहीं किया है।
उन्होंने सपा से नाता तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि आज मैं आजाद हो गया है। मुझे कभी लालबत्ती की जरूरत नहीं थी। लालबत्ती से मेरी हैसियत बढ़ी नहीं थी बल्कि घट गई थी।
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