Monday, January 6, 2014

कश्मीर पर प्रशांत से सहमत नहीं अ‌रविंद

aap leader prashant bhushan for referndum on afspa in kashmir
प्रशांत भूषण के कश्मीर पर एक बार फिर विवादित बयान देने के बाद खुद सीएम केजरीवाल को डैमेज कंट्रोल के लिए सामने आना पड़ा है।

केजरीवाल ने कहा है कि हम प्रशांत के बयान से सहमत नहीं हैं। उन्होंने जो कुछ कहा वो उनके निजी विचार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें कश्मीरी लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

क्या है मामला

आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने कश्मीर पर फिर एक बार विवादित बयान देकर बवाल मचा दिया है। इनका कहना है कि कश्मीर में आतंकी खतरों से निपटने के लिए भारतीय सेना की तैनाती की जरूरत है या नहीं, इस बारे में घाटी में जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "यह आवाम से पूछा जाना चाह‌िए कि वह कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा का‌ जिम्मा सेना के हाथों में देखना चाहते हैं या नहीं। जिस फैसले के साथ जनता न हो, वह लोकतांत्रिक नहीं होता।"

उन्होंने कहा, "अगर लोगों को लगता है कि सेना मानव‌ाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और वे नहीं चाहते कि सुरक्षा के लिए सैनिक तैनात किए जाएं, तो उन्हें उन इलाकों से हटा लेना चाहिए।"

भूषण ने कहा, "सरकार इस बारे में फैसला कर सकती है कि सरहद पर बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना की जरूरत है या नहीं। सरकार यह भी निर्णय ले सकती है कि घाटी में अल्पसंख्यकों को सुरक्षित रखने के लिए सेना की जरूरत है या नहीं। लेकिन घाटी के लोग वहां एएफएसपीए लागू रहना देना चाहते हैं या नहीं, इस बारे में जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।"

यह पूछने पर कि अगर जनमत संग्रह में यह निष्कर्ष आता है कि कश्मीर की जनता भारत छोड़ना चाहती है, तो क्या होगा? इसके जवाब में आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, "भारत से अलग होना असंवैधानिक होगा। हमें संविधान के भीतर रहते हुए समाधान तलाशने होंगे। हमें घाटी के लोगों का दिल जीतने की जरूरत है, जो मुख्यधारा से अलग हो गए हैं। ये लोग ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कश्मीर में सेना की तैनाती उनकी आकाक्षांओं के खिलाफ किया गया है और यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है।"

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