Monday, January 6, 2014

कांग्रेस से रूठा मुस्लिम संगठन AAP के पाले में

jamat e islami hind shun congress, supports aap
विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस उम्मीद कर रही थी कि आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता विरोधी लहर में बहने से अगर उसे कोई बचा सकता है, तो वह अल्पसंख्यक समुदाय है। लेकिन अब इन उम्मीदों पर करारी चोट लगी है।

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों में से एक जमात-ए-इस्लामी हिंद ने समुदाय से कांग्रेस से नाता जोड़कर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का समर्थन करने को कहा है।

जमात ने पहली बार 2002 में चुनावों में सक्रिय रूप से भूमिका अदा की थी और तब से अब तक वह पहली बार कांग्रेस के खिलाफ बोला है।

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जमात के महासचिव मौलाना नुसरत अली ने कहा, "मुस्लिमों को बड़ी शिद्दत से महसूस हो रहा है कि उन्हें कांग्रेस को लेकर अपनी स्थिति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।‌ दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार का देश भर में स्वागत हो रहा है। हम इस नए चलन को अहम और बेहतर मानते हैं।"

कई और मुस्लिम संगठनों की तरह जमात शुरुआत में अन्ना हजारे और केजरीवाल की ओर से शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को समर्थन देने को लेकर झि‌झक दिखा रहा था। वह इंतजार करो की रणनीति पर अमल कर रहा था। लेकिन रविवार को आम आदमी पार्टी का अनुमोदन करते हुए जमात ने कहा क‌ि 15 महीने पुरानी पार्टी एक नया विकल्प बनकर उभरी है।

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सीएसडीएस में असिस्टेंट प्रोफेसर संजीर आलम ने कहा, "हमें फिलहाल यह देखना होगा कि आम आदमी पार्टी मुस्लिम समुदाय को अपनी बात समझा पाती है या नहीं। जमात का राजनीतिक रुख कोई खास मजबूत नहीं है, लेकिन वह अकेला धार्मिक संगठन है, जो उत्तर भारत में वोटिंग पर असर डाल सकता है।"

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